ऐसा नहीं है की आज का बंबइया बॉलीवुड हमेशा से ऐसी ही बकवास फिल्में बनाता था । तब वर्ष में आने वाली ज्यादातर फिल्में थोड़ी बेहतर होती थी और बस कुछ खराब पर अब ये उल्टा हो चुका है ।हालत ये है की आज की फिल्में जो पश्चिम से कॉपी है वो भी एक दम बर्बाद बनाई जा रही है ।
खैर फिल्म पर आते है एक रुका हुआ फैसला मूलतः १२ Angry Man (१९५७) से कॉपी थी जो की एक शायद इसी नाम के नाटक का एडेप्शन था । माफ कीजिए मुझे याद नहीं की ये ऑफिशियल रीमेक थी या नहीं , अंग्रेजी फिल्म को बहुत पुरुस्कार मिले थे, और आज भी कई मैनेजमेंट colleges में ये negotiation के लिए केस स्टडी के तौर पर दिखाई जाती है ।
कहानी बहुत आसान है एक युवा पर अपने ही पिता की हत्या का केस चल रहा है । जज मृत्युदंड का फैसला १२ लोगों की एक ज्यूरी पर छोड़ता है । इस ज्यूरी के अधिकतर सदस्य लड़के और युवा पीढ़ी के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रस्त है, वे पहले से मानते है की लड़के ने ये कृत्य किया है और उसे मृत्युदंड दे कर अपने काम पर लौटना चाहते है । जब पहली वोटिंग होती है तो ११ सदस्य दोषी और मृत्युदंड का समर्थन करते है मगर १ विरोध में है । अब चूंकि ज्यूरी को सर्वमान्य फैसला ही देना है तो वोटिंग का दौर चल पड़ता है इसी दौरान विरोध वाले सदस्य , लोगो के मन में reasonable doubt डाल कर अपने साथ लाने की कोशिश करते है । फिल्म का अंत थोड़ा अलग है , शायद आपको लगे की अन्याय हुआ है मगर असल में ये फिल्म मानव व्यवहार की दुविधा पर प्रकाश डालती है , हम मनुष्यों के मूल व्यवहार में ही Confusion है दुविधा है , आप सभी सुपरहीरो वाली फिल्में देखिए लगभग सभी दुविधा से ग्रस्त है ।
इस केस के दौरान कई झगड़े होते है , आपसी बातें और कुछ रहस्य भी उजागर होते है । पूरी फिल्म बस एक कमरे में है तो थोड़ी बोर लग सकती है । इस फिल्म में कई गजब के कलाकार है जैसे पंकज कपूर, अन्नू कपूर , के के रैना आदि ।
फिल्म बासु दा ने बनाई है और IMDB पर इसकी रेटिंग ८.२ है । यूट्यूब पर आसानी से उपलब्ध है , वैसे मूल अंग्रेजी फिल्म इससे बेहतर है पर चूंकि फिल्म सीन बाय सीन कॉपी है तो अपनी भाषा और एक्टर्स के साथ ज्यादा रोचक लगती है ।
क्यों देखें :
यदि आप भावताव में कमजोर है
थोड़ा हट के फिल्में देखना पसंद करते है
क्लेश वाली फिल्म देखने का मन हो
क्यों नहीं देखें
ये गंभीर मनोरंजन है बिना गाना या हंसी मजाक वाला
बहुत क्लेश होते है तो शायद आप बोर हो जाए
फिल्म का अंत अजीब सा है शायद ये लगे की समय खराब हुआ है।
वैसे ये ज्यूरी वाली फिल्म से एक दूसरी फिल्म याद आई ।
भारत में चलने वाले आखरी ज्यूरी केस पर शायद दो फिल्में बनी है । क्या आप बिना गूगल किए वो केस और फिल्मों के नाम याद कर सकते है ?
Edit १ : केस शायद आप जानते होंगे नानावती है
फिल्में वैसे ४ है पर
अचानक (विनोद खन्ना वाली )
ये रास्ते है प्यार के
रुस्तम
इस सबमें में भी सबसे बेहतरीन अचानक है ।
भूल चूक लेनी देनी के साथ क्षमा 🙏
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