मैं एक नारी हूं
बेटी, माँ, बहू
सभी में समाई
एक सशक्त नारी हूं, मैं।
जीवन के हर मुस्कान की
शुरुआत हूं मैं
जीवन की हर मुसीबत से
लड़ने वाली कड़ी हूं मैं
ऊर्जावन एक नारी हूं, मैं।
अब ना मैं कमजोर
ना मैं भयभीत नारी हूं
अपने परों को खोलकर
ऊँचे आसमानों में
उड़ने वाली मजबूत नारी हूं, मैं।
कोमल मिट्टी से बनी
कोई खिलौना नहीं हूं
लोगों के डर से
पीछे हट जाने वाली
अब वह नारी नहीं हूं, मैं
रूढ़िवादी सोच को
अपनाने वाली
अब वह नारी नहीं हूं, मैं
भय को मिटाकर
जीत हासिल करने वाली
अपने परों को खोलकर
ऊँची उड़ान भरनेवाली
एक सशक्त नारी हूं, मैं।
धन्यवाद
काजल साह
|