अध्यात्मिक क्या है? आध्यात्मिक वह माध्यम है.. जिससे मन संयम और सकारात्मक रूप से आगे बढ़ता है। अध्यात्मिक क्या है? अध्यात्मिक वह शांति है... जिससे मन के सारे नकारात्मक विचार दूर हो जाते है। और मन और हृदय में किसी के प्रति नफ़रत भाव नहीं रहता। अध्यात्मिक वह भाव है जिससे दयाभाव, प्रेमभाव और करुणा भाव जैसे गुणों का विकास होता है।इसलिए यह अनिवार्य है कि यूथ अपने जीवन अत्यधिक भौतिक लालसा को अध्यात्मिक में बदलने का अभ्यास करे।स्वामी विवेकानंद जी ने अपनी पुस्तक पर्सनालिटी डेवलपमेंट में युवाओं को सम्बोधित करते हुए लिखा.. जीवन का अंतिम लक्ष्य सुख प्राप्ति नहीं अपितु ज्ञान प्राप्ति होना चाहिए। जीवन का अंतिम लक्ष्य इन्द्रियों की सुख प्राप्ति नहीं अपितु बुद्धि की सुख प्राप्ति होना चाहिए।
यह गलत धारणा है कि आध्यात्मिक केवल एडल्ट के लिए ही है। आध्यात्मिक जिस प्रकार एडल्ट, बुजुर्गों के लिए जरुरी है.. उसे कई ज्यादा जरुरी. आज के यंग जनरेशन के लिए है। आज मैं आपको महत्वपूर्ण कारण बताऊंगी कि क्यों हर युवाओं के लिए? ऐसे क्या कारण है कि आज के युवाओं को अपने जीवन में स्पिरिचुअल फील्ड को आत्मसात करने की।
1. शान्तिमय :मैं आपको खुद का अनुभव शेयर करना चाहती हूँ.. अध्यात्मिक वह सशक्त शक्ति है.. वह सकारात्मक शक्ति है.. जिससे मन शांत और संयम हो जाता है। आज के यंग जनरेशन किसी भी परिस्थिति में घबरा जाते है.. अपना संयम और शक्ति खोने लगते है। लेकिन जब यूथ अध्यात्मिक की ओर अपना कदम बढ़ाते है.. तब उनका स्ट्रेस कम होने लगता है। वे शांति.. प्रेम.. उमंग की ओर बढ़ते है।इसलिए अगर आप भी किसी स्ट्रेस परेशान है? तब आपको जरूर से अपने जीवन में आध्यात्मिक की शक्ति को जरूर स्थान देना चाहिए। अगर आप रोजाना ईश्वर को याद करते हुए अपने कर्म में लीन रहते है और किसी भी अन्य के साथ बुरा नहीं करते.. तब वास्तविकरूप से ईश्वर आपके साथ है।
शक्ति : जब हम अपने जीवन में नकारात्मकता को स्थान देने लगते है.. तब हमारी शक्ति और ऊर्जा गलत कार्यों में व्यय होने लगता है। लेकिन जब हम अपने जीवन में अध्यात्मिक को स्थान देते है..तब मन शांत और सकारात्मकता की ओर अग्रसर होता है । अध्यात्मिक, मैडिटेशन और ध्यान में वह सशक्त शक्ति ब जिससे आपका आंतरिक मन का विकास होने लगता है। दूसरों के प्रति सारे घृणा भाव प्रेम और भाव में बदल जाता है। आप स्वयं के आकलन सही से कर पाते है । इसलिए हर यूथ को आध्यात्मिक अर्थात ईश्वर को सच्चे मन अवधारणा करने की आवश्यकता है।
सेवा भावना: जीवन का सार केवल स्वयं के लिए जीना नहीं जीवन का सार दूसरों के लिए जीना भी होता है। अध्यात्मिक वह सशक्त शक्ति है..जिससे हमारा समाजिक गुणों का विकास होता है।कितना सुंदर दृश्य लगता है.. मुझे जब मेरी मैम अपने धन का कुछ हिस्सा प्रतिमाह गरीब बच्चों के सेवा, बुजुर्गों के सेवा के लिए समर्पित कर देती है। जब मैम को देखती हूँ.. तब मुझे प्रतीत होता है कि मेरी मैम आत्मिक रूप से कितनी खुश है। मैम ने अपना खुद का अनुभव साझा किया है। अध्यात्मिक में प्रवेश करने से आपके अंदर निहित नफ़रत, घृणा का अंत होने लगता है। यह ऐसे अवगुण है जो आपको धीरे -धीरे नष्ट करती है. आपके मेन्टल और फिजिकल हेल्थ को । लेकिन जब आप अध्यात्मिक में विश्वास रखते है .. तब यह सारे अवगुण का विनाश हो जाता है। आप आप अत्यधिक करुणा, परिश्रमी और उदार चरित्र के बनने लगते है। इसलिए अध्यात्मिक जीवन में प्रवेश करे। अब निरंतर पर्यन्त करे। एक दिन जरूर आपको जीत मिलेगी।
*बड़े सपनों की प्राप्ति*
कई बार जब हौसला टूटने लगे तो एक बार आप अपने घर की परिस्थिति और अपने पेरेंट्स को जरूर देखे। खुद से सवाल करे.. क्यों मैंने यह स्टार्ट किया था..मध्य में आकर पीछे हटने के लिए। तब दो आवाज आपके मन में गूंज रहा होगा.. एक ऐसा आवाज जो आपको बहाने, कमियाँ केवल गिनने को कहे गा और दूसरा आपको फिर से कहेगा कोशिश करने के लिए। आपको अपने दूसरे साथी को मजबूत बनाना है.. अगर पहला विरोधी दूसरे साथी को अगर दबा दिया.. तब उस समय आपका सपना..आपका मेहनत और अभ्यास दब जायेगा। इसलिए जब भी मन में विरोध उत्पन्न होने लगे.. तो हमेशा सकारात्मक को चुने।
आज मैं आपको कुछ टिप्स बताऊंगी.. जिससे आप अपने बड़े सपनों तक पहुँच सकते है। अगर आप नियमित रूप से दिए गए टिप्स को फॉलो करते है.. तब एक दिन जीत जरूर आपकी होगी!
1. नियमित : अगर आपका लक्ष्य बड़ा है.. तब उस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए आपको कठिन मेहनत, अभ्यास और प्रयास करने की आवश्यकता है। उस बड़े लक्ष्य तक पहुंचने के लिए स्माल -स्माल अर्थात छोटे-छोटे स्टेप में उसे विभाजित कर ले.. उस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए। छोटे -छोटे स्टेप पर आपका शीघ्रता से ध्यान केंद्रित हो जाता है।
हर छोटे गोल तक पहुंचने के लिए खुद का रोड मैप तैयार करे। एक प्रगति कार्य मैप तैयार करे। क्युकी जब तक रोडमैप नहीं होता. तब तक रास्ता भटके रहते है। इसलिए समय और ऊर्जा आपका व्यर्थ ना हो इसलिए अपने हर स्टेप का रोड मैप तैयार करे।
सीखने का अवसर : सीखना अत्यंत जरुरी है.. लेकिन उसे भी महत्वपूर्ण है कि क्या आप उसे अपने जीवन में उतारते है। लर्निंग को अपने जीवन में अप्लाई करते है। अपने क्षेत्रों से संबंधित लोगों से मिलिए। उनसे सम्पर्क बनाये.. जिससे आपको सीखने का अवसर मिलेगा.. एक सही और सुंदर मार्गदर्शन मिल सकता है।
समय : सभी के चेहते खान सर ने कहा था.. किसी भी क्षेत्र और किसी भी सपने को पूर्ण करने के लिए आपको समय देना होगा। अगर आप अपने समय को युहीं व्यर्थ कर रहे है.. तब आकलन कीजिये खुद का । अगर आप अपना अत्यधिक समय अन्य कार्यों में देंगे.... तब कैसे आप अपने लक्ष्य तक पहुंच सकते है। इसलिए यह जरुरी है कि स्वयं को समय दे.. स्वयं का आकलन रोज करे।
निरंतर :अपने जीवन का नियम बना ले.. कि कभी आपको हार नहीं मानना है... हर परिस्थिति में आपको लड़ना है। अपने जीवन में स्वयं को रोज सकारात्मक डोज़ दे। यकीन मानिये.. इसमें बहुत शक्ति होती है। जितना आप अपने विचार और कार्य को सकारात्मक दिशा की ओर अग्रसर करते है .. तब आप में हारने का डर नहीं रहता है । स्वामी विवेकानंद जी का बात हमेशा याद रखे... अगर आप हज़ार बार असफल हो जा रहे है .. तब आपको फिर से एक कोशिश जरूर करना चाहिए।
यह कुछ टिप्स है... जिसके माध्यम से आप अपने लक्ष्य तक पहुंच सकते है। बस भरोसा खुद पर मेहनत पर और भगवान पर कीजिये।
धन्यवाद
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