The Latest | India | [email protected]

14 subscriber(s)


05/06/2024 mutebreak Relationship Views 412 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
अगर आप मोहब्बत में बेवकूफ़ नहीं बन सकते तो आप मोहब्बत कर ही नहीं सकते।

मोहब्बत में नुख़सान उठाना, किसी को नुख़सान पहुंचाने से बेहतर है। और मोहब्बत फ़ायदा उन्हीं को देती है जो इसके नुख़सान बर्दाश्त करने का हौसला रखते हैं। हमारे अकसर रिश्तों में दूरी की बड़ी वजह यही होती है के हमें अपने तजुर्बे और समझ पर इतना यक़ीन होता है के हम अपनों की बातों के पीछे छुपे उनके मक़सद को तालशने की कोशिश ज़्यादा करते हैं। हम अल्फाज़ तो उनके सुनते हैं लेकिन उन्हें meaning वो देते हैं जो हम सोचते हैं। एक हदीस का मफ़हूम है के "लोगों के बारे में गुमान से बचो, बाज़ गुमान गुनाह होते हैं।" अपने तजुर्बे, अपनी समझ पर यक़ीन ज़रूर रखें, इन्हें अपने कामों में इस्तेमाल भी करें, लेकिन जब अपने नज़दीकी लोगों से मिलें, उनसे बातें करें तो उन्हें सुन कर समझने की कोशिश करें। ना समझ सकें तो सवाल करें, फिर भी क्लियरिटी ना हो तो और बेहतर सवाल करें, लेकिन गुमान से बचें। और जब आपसे सवाल किया जाए तो उसका सीधा सीधा जवाब दें, बातों को ना टालें, बातों को घुमाएं नहीं। अपनों के सवालों को अपनी अना का मसला ना बनाएं। याद रखें हमारे दिलों में अपनों की मुहब्बत ज़िंदगी में सुकून भरती है, आगे बढ़ने का हौसला देती है। अपनो का साथ और उनका भरोसा उन हौसलों को उड़ान देता है। अल्लाह फ़रमाते हैं के हमने तुम्हें एक दूसरे के लिए राहत बनाया है। तो आप अपनी अक़ल का गैर ज़रूरी इस्तेमाल कर के किसी को ज़हनी मरीज़ ना बनाएं।

Related articles

 WhatsApp no. else use your mail id to get the otp...!    Please tick to get otp in your mail id...!
 





© mutebreak.com | All Rights Reserved