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11/09/2024 Kajal sah Relationship Views 79 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
सच्ची मित्रता

सच्ची मित्रता वह रिश्ता है, जहां लोग बिना किसी अपेक्षा के एक - दूसरे के साथ देते हैं। सच्ची मित्रता वह वृक्ष के भांति है, जो बिना किसी स्वार्थ और लोभ के खुशियाँ प्रदान करता है। सच्ची दोस्ती एक पवित्र और सौंदर्य से पूर्ण भावना होती है। जिस रिश्ते में नफ़रत, झूठ, घृणा का कोई स्थान नहीं होता, यह रिश्ता प्रेम, ईमानदारी, निष्ठा और सत्य पर आश्रित होता है। आज इस निबंध के माध्यम से मैं आप सभी के साथ अच्छी अर्थात सच्ची मित्रता के क्या - क्या गुण है?क्या - क्या विशेषताएं है? सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओ को आप सभी के साथ साझा करना चाहती हूं। 1. विश्वास : किसी भी रिश्ते की मजबूत आधारशीला है विश्वास। विश्वास वह माध्यम है, जिससे रिश्ते का डोर मजबूती से एक -दूसरे के साथ बंधा रहता है। मित्रता वह पवित्र बंधन है, जिसकी नींव विश्वास पर टिकी रहती है। एक सच्चा मित्र अपने सच्चे मित्र पर पूरा विश्वास करता है। कठिन परिस्थितियों से लड़ने की शक्ति सच्चे मित्र के अटूट वचन और अटूट विश्वास से भी मिलता है। सच्ची मित्रता का सबसे महत्वपूर्ण चिन्ह अटूट विश्वास है। 2. सच : जिस प्रकार विश्वास की मजबूत डोर से मित्रता की मजबूत नींव खड़ी है। लेकिन जिस मित्रता में एक - दूसरे से सत्य बोलने का आभाव रहता है, वह मित्रता की डोर धीरे - धीरे कमजोर होने लगती है और एक समय बाद वह टूट जाता है। केवल दोस्ती में ही नहीं हर रिश्ते में सच बोलने की क्षमता सामर्थ्य रहना चाहिए। सच्ची मित्रता में सत्य को छुपाया नहीं जाता, झूठ का साथ लेकर। सच्ची मित्रता की दूसरी सबसे महत्वपूर्ण नींव है, सत्य। 3. समर्थन : जीवन का नाम है ऊपर उठना अर्थात आगे बढ़ते रहना। प्रेम हो या मित्रता ऐसी होनी चाहिए, जो एक - दूसरे को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। अगर आपको पार्टी में जाना पसंद नहीं है/ आपको देर रात तक बातें करना पसंद नहीं है। और आपका मित्र आपको बार - बार परेशान करता / करती है उपरोक्त कार्य करने के लिए। तब उस रिश्ते से दूर हो जाये। वास्तविक अर्थात सच्ची मित्रता में सच्चा मित्र वह आपको सपनों और गोल्स को पूरा करने में आपका समर्थन करता / करती है। मित्रता ऐसी होनी चाहिए, जिससे एक - दूसरे के साथ से आत्मविश्वास बढ़े। सच्ची दोस्ती अहंकार, अज्ञान और अवगुण धीरे - धीरे समाप्त होने लगता है। क्युकी मित्रता दर्पण के भांति होनी चाहिए, जहां हम अपने वास्तविकता को देखा जाये और कमियों को एक - दूसरे का साथ निभाकर दूर किया जाये। 4. कम्युनिकेशन : दो महत्वपूर्ण नींव के बाद तीसरा है संचार कौशल। बेहतर संचार कौशल रिश्ते को उठा भी सकता और गिरा भी सकता है। मित्रता हो या कोई भी रिश्ता मजबूत और प्रभावशाली संचार कौशल अनिवार्य है। # सुनने की क्षमता :कहा जाता है दो कान और एक मुँह इसलिए है, ज्यादा हम सुने और कम बोले। सच्ची मित्रता में बार - बार लड़ाई और बहस नहीं होता है, क्यूकि सच्ची दोस्ती में मित्र एक -दूसरे को ध्यान से सुनते है। एक - दूसरे की बातों से लेकर भावनाओं को दिल की गहराई से समझते है। अगर आप भी अपने मित्रता को मजबूत करना चाहते है, तब एक अच्छा वक्ता से पहले एक अच्छा श्रोता बने। सच्ची मित्रता में सच्चे मित्र एक - दूसरे के हर परिस्थितियों में साथ देते है अर्थात सुख के क्षण से लेकर दुख के हर पलों में एक - दूसरे का साथ निभाते है। यह सहानुभूति से ही रिश्ता मजबूत होता है। 5. रक्षक : मित्रता निस्वार्थ भाव से होती है। मित्रता प्रेम और विश्वास के डोर से बंधी रहती है। इसलिए सच्ची मित्रता में में मित्र एक - दूसरे की रक्षा करते है। सच्चे मित्र वह आपको किसी भी तरह के नुकसान से बचाने की कोशिश करता है और आपको सुरक्षा महसूस होता है। सच्ची दोस्ती में मित्र केवल आपको बचाता ही नहीं बल्कि आपको समस्याओं से लड़ने के लिए तैयार भी करता / करती है। 6. समय : दोस्ती केवल टाइम पास के लिए नहीं किया जाता बल्कि सच्ची दोस्ती में टाइम पास नहीं टाइम इन्वेस्ट होता है। सच्ची मित्रता में मित्र के साथ बिताये गए हर क्षण अनमोल एवं कीमती होते है। क्युकी सच्ची मित्रता में समय व्यर्थ के स्थानों पर व्यय नहीं होता है। सार्थक व्यक्ति के साथ सार्थक कार्य एवं स्थान पर समय इन्वेस्ट होता है, जिससे यह खूबसूरत पल जीवन का अनमोल पल बन जाता है। 7.सम्मान :छोटे हो या बड़े, अपना हो या पराया एक - दूसरे को सम्मान देना अत्यंत जरुरी है।सच्ची मित्रता वह पवित्र रिश्ता है, जिसमें एक - दूसरे का सम्मान करना अत्यंत जरुरी है। मित्र कभी भी एक - दूसरे की भावनाओं, विचारों या निर्णयों का अपमान नहीं करते हैं। अगर आप भी एक सच्चे मित्र बनना चाहते है, तब अपने सच्चे मित्र के प्रति कर्तव्यनिष्ठ रहें। यह कुछ महत्वपूर्ण चिन्ह है, सच्ची मित्रता की अर्थात महत्वपूर्ण विशेषताएं। उपरोक्त के अलावा सच्चे मित्र उदार होते हैं, वे न केवल अपनी चीज़ें बल्कि अपने समय, ऊर्जा और भावनाओं को भी खुले दिल से एक - दूसरे के साथ साझा करते हैं, एक - दूसरे को माफ़ कर देते है, सुख - दुख एक - दूसरे के साथ साझा करते है इत्यादि। आशा करती हूं कि यह निबंध आपको अच्छा लगा होगा और अब आप चुके होंगे कि सच्ची मित्रता की विशेषता। धन्यवाद काजल साह

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