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15/09/2024 Kajal sah Relationship Views 57 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
निशानियां

प्रेम एक सुंदर, सहज, सुगम एवं शाश्वत भावना है। प्रेम का संबंध केवल शारीरिक आकर्षण नहीं है, बल्कि यह उच्चतम कोटि की भावना है, जिसका संबंध भावनात्मक, अध्यात्मिक एवं मानसिक जुड़ाव से है। प्रेम समानता, सम्मान एवं सहजता का पर्याय है। आज इस निबंध के माध्यम हम यह जानेंगे कि वास्तविक प्रेम की क्या - क्या निशानियां है? कैसे पहचाने कि प्रेम वास्तविक है या अवास्तविक? वास्तविक प्रेम की प्रमुख निशानियां : प्रेम में अपार एवं अद्भुत शक्ति है। प्रेम वह प्रज्वललित दीप है, जिसके प्रकाश से जीवन प्रकाशित हो जाता है। प्रेम एक मजबूत पेड़ की तरह है, जिसकी जड़े बहुत गहरी होती है, जिस प्रकार एक मजबूत वृक्ष हर परिस्थितियों में मजबूत बनकर स्थिर रहता है, ठीक उसी प्रकार सच्चे रिश्ते में प्रेमी और प्रेमिका एक - दूसरे का साथ हमेशा निभाते है। 1. आकर्षण : जो प्रेम पहली दफा में होता है, वास्तविक में वह प्रेम नहीं है। वह अटैचमेंट है अर्थात आकर्षण है। आजकल कम उम्र के बच्चें प्रेम करने लगे है। देखकर मैं चकित हो जाती है। वास्तविक प्रेम शारीरिक संबंध से परे है। वास्तविक प्रेम में शारीरिक आकर्षण का कोई महत्व नहीं है।पहली नज़र में प्रेम नहीं होता.. पहली नज़र में आकर्षण होता है। प्रेम एक अत्यंत गहरी एवं पवित्र भावना है । प्रेम निस्वार्थ भाव है अर्थात वास्तविक प्रेम में धन से लेकर तन का कोई स्वार्थ नहीं होता। प्रेम एक अनमोल एवं पवित्र भावना है, जो समय के साथ गहरी होती जाती है और दोनों लोगों को एक - दूसरे के प्रति दिल से समर्पित करती है। किसी की तन की खूबसूरती देखकर प्रेम नहीं होता..इसे प्रेम का नाम देना है.. अपराध है। 2. भलाई, निस्वार्थ एवं ईमानदारी : प्रेम स्वतंत्रा एवं निस्वार्थ का प्रतीक है। प्रेम ऊँचा उड़ना सिखाता है, प्रेम उन्नति की ओर आगे बढ़ना सिखाता है और प्रेम सदगुणों की ओर बढ़ना सिखाता है। वास्तविक प्रेम के रिश्ते में प्रेमी और प्रेमिका एक - दूसरे से निस्वार्थ भाव से प्रेम करते है। जिस प्रकार मीरा ने श्री कृष्ण प्रभु से किया था। जिस प्रकार ईश्वर हम सभी से निस्वार्थ भाव से प्रेम करते है। अतीत से लेकर वर्तमान में ऐसे कई अनमोल एवं पवित्र उदाहरण हुए है और अभी भी है,जहां निस्वार्थ से प्रेम एवं एक - दूसरे के प्रति भलाई की भावना मौजूद रहती है। 3. ईमानदारी एवं सम्मान : प्रेम में मिथ्या वचन से लेकर मिथ्या आचरण का कोई स्थान नहीं है। प्रेम सबसे अनुपम एवं पवित्र भावना है, जहां दो दिलों का रिश्ता ईमानदारी एवं सच्चाई की मजबूत डोर से बंधता है। वास्तविक प्रेम में प्रेमी एवं प्रेमिका एक - दूसरे के विचार, भावनाओं एवं निर्णयों को सम्मान देते है। एक - दूसरे की बातों को , विचार को एवं निर्णयों को गहराई से समझते है। किसी भी रिश्ते का प्रमुख स्तम्भ है ईमानदारी एवं सम्मान। जिस रिश्ते में एक - दूसरे के प्रति ईमानदारी नहीं है और एक - दूसरे के प्रति सम्मान नहीं है.. तब वह रिश्ता नहीं है। 4.संवाद एवं समय देना : आज रिश्ते इसलिए टूट एवं बिखर रहे है, क्युकी रिश्तों में प्रभावशाली संवाद का आभाव है। दूसरे व्यक्ति को पूर्ण रूप से सुनने से पहले ही निष्कर्ष तक पहुँचन जाना ही रिश्ते बिखरने के प्रमुख कारणों में से एक कारण है। इसलिए यह बेहद जरुरी है कि रिश्ते को मजबूत एवं सशक्त बनाने के लिए एक - दूसरे को ध्यान सुने एवं स्पष्टता से बातचीत करें। वास्तविक प्रेम में अत्यधिक लड़ाईया नहीं होती है, क्युकी उस रिश्ते की सबसे मजबूत आधारों में संवाद कौशल की नींव सशक्त है। एक - दुसरे को ध्यान से सुनना, उचित एवं कुशलता से बातचीत करना। यह महत्वपूर्ण एवं प्रभावशाली कला से ही इसकी जड़े और मजबूत हो जाती है। दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पहलु है - सच्चे रिश्ते में व्यक्ति अपने साथी को प्राथमिकता देता / देती है। समय की कितनी भी व्यस्तता क्यों ना हो, सच्चे रिश्ते में प्रेमी -प्रेमिका एक - दूसरे के साथ समय व्यतीत करने के लिए समय निकाल ही लेते है। 5. विश्वास एवं धैर्य : सभी महत्वपूर्ण नींव में विश्वास एक बहुत महत्वपूर्ण नींव है। विश्वास की प्रज्वललित दीप से ही रिश्ता प्रकाशित होता है एवं प्रेमी - प्रेमिका के दिलों में आलोकित होता है। वास्तविक प्रेम में पार्टनर्स एक - दूसरे के ऊपर अटूट विश्वास करते है। यह अटूट विश्वास से ही असीम प्रेम का धागा दो दिलों से बँधा रहता है। वास्तविक प्रेम में धैर्य से काम लेना और अपनी साथी में उपस्थिति कमियों को समझना ही वास्तविक प्रेम का महत्वपूर्ण अंश है। 6. सहयोग एवं सकारात्मक :प्रेम सकारात्मकता दिशा की ओर बढ़ने का मार्ग है। वास्तविक प्रेम में पार्टनर्स एक - दूसरे का सहयोग करते है, एक - दूसरे को आगे के लिए सपोर्ट करते है। अपने पार्टनर्स के प्रति नकारात्मक ना सोचे है। स्वयं भी सकारात्मक दिशा की ओर उनमुख होइए एवं अपने साथी को भी ले जाइये। उपरोक्त ये चिन्ह है, जिससे वास्तविक प्रेम की निशानियां क्या - क्या है आपको पता चल गया होगा। उपरोक्त निशानियों के अलावा एक - दूसरे के प्रति समझदारी, विकास की भावना, संतुलन, प्रेरणा एवं मित्रता। धन्यवाद काजल साह

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