एकांत वह जरिया है जिसके माध्यम से हम स्वयं को जान सकते है अर्थात आत्मविश्लेषण कर सकते है। स्वयं को गहराई से जानना, गुण से लेकर अवगुण इत्यादि को हम जान सकते है जब हम स्वयं के साथ व्यतीत करते है।
अधिकांश मनुष्य अकेले समय बिताने को एक नकारात्मक रूप में देखते है। लेकिन अकेले समय बिताना नकारात्मक नहीं है। अकेले समय बिताना एक सुअवसर की भांति हमें देखना चाहिए। एकांत वह दीप है, जिससे हमारा अंधकार मन प्रकाश से प्रकाशित हो जाता है।
एकांत एक स्वर्णिम अवसर उनके लिए जो अकेले समय में स्वयं का विश्लेषण करते है।
जिस देश में युवा जिस दिशा की ओर जाते है, उस दिशा में देश का भविष्य अग्रसित होता है। आज भारत के अधिकांश युवा एकांत अर्थात स्वर्णिम समय को व्यर्थ कर रहे है। पोरनोग्राफी से लेकर वेब सीरीज इत्यादि सामग्री में समय व्यय कर रहे है।
युवा ही देश के भविष्य है और इस अखंड राष्ट्र के निर्माता भी। इसलिए बेहद अनिवार्य है कि एकांत अर्थात स्वर्णिम समय का सदुपयोग करे और स्वयं को रोज बेहतर बनाने की दिशा की ओर अग्रसित करे।
आज इस निबंध के माध्यम से यह जानने का अभ्यास करेंगे कि एकांत अर्थात वे अकेले समय कैसे बेहतरीन तरिके से व्यतीत कर सकते है? कैसे स्वयं को मजबूत दिशा की ओर अग्रसित कर सकते है?
एकांत क्यों स्वर्णिम समय है?
1. निरीक्षण : आज का युग प्रतिस्पर्धा का युग है। इस युग में आगे वही बढ़ते है जो श्रेष्ठतम है।श्रेष्ठतम बनाने की पहली प्रक्रिया आरम्भ होती है आत्मनिरीक्षण से। आत्मनिरीक्षण अर्थात स्वयं का गहराई से निरीक्षण करना।स्वर्णिम समय में आप गहराई से विचारों से लेकर भावनाओं को बेहतर ढंग से समझ सकते है। कमजोरी से लेकर शक्ति इत्यादि आप स्वर्णिम समय ज्ञात कर सकते है।
जीवन क्षणभंगूर अर्थात किसी भी क्षण में जीवन में कुछ भी हो सकता है। शुरू - शुरू में एकांत में आपको समस्या होगी लेकिन आप एक योद्धा है आपको उस मन से लड़ना से जो आपसे बार - बार कहती है कि तुमसे नहीं हो पाएगा.. तुमसे नहीं हो पाएगा।
बाहर में कोई हमारा दुश्मन नहीं है। हमारा दुश्मन हमारे अंदर समाहित है। इसी दुश्मन को आप पराजित स्वर्णिम समय अर्थात एकांत में स्वयं पर कार्य कर सकते है।
2. क्रिएटिविटी : इंटरनेट के आगमन से कई युवा स्वयं के बारे में जानकार नहीं है। यह एक कड़वा सत्य है। क्युकी अधिकांश युवा अपना अधिकांश समय वीडियोस, फ़िल्म, रील्स, फोटोज इत्यादि में समय व्यय कर देते है। जिससे वे अपनी रचनात्मकता, गुण इत्यादि से वंचित रह जाते है। दूसरी की सफलता में ताली बजाना अच्छी बात है लेकिन खुद के लिए भी हमें जीवन में सार्थक उद्देश्य निर्धारित करना चाहिए। जिससे जीवन को सार्थक एवं सरस भाव जीवन जी पाए।
जीवन को सार्थक, सरस एवं उद्देश्यपूर्ण अगर आप बनाना चाहते है, तब आपको एकांत अर्थात स्वर्णिम समय का सदुपयोग करना चाहिए।
3. तनाव :क्या आप जानते है एकांत में अपार शक्ति है, जिससे आप तनाव, चिंता और अवसाद से मुक्ति पा सकते है? एकांत में आप धीरे - धीरे अपने दुर्गुण जैसे घृणा, नफ़रत, अंहकार जैसे अवगुणों को जानने लगते है और इसे दूर करने के लिए हमेशा सदैव प्रयासरत रहते है।
एकांत में आप तनाव, चिंता जैसे अवगुणों से मुक्त हो सकते है और मानसिक शान्ति प्राप्त कर सकते है। जिससे आपका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों स्वस्थ रहेगा।
4.सीखना : सीखना जीवन पर्यन्त क्रिया है। निरंतर सीखते रहने से ज्ञान, कौशल, आत्मविश्वास इत्यादि गुणों में वृद्धि होती है।एकांत वह स्वर्णिम समय है जहाँ आप अपने ज्ञान, कौशल, भाषा इत्यादि नये - नये लर्निंग को सीखकर अपने व्यक्तित्व में अद्भुत निखार ला सकते है। दोस्तों के साथ घूमना, फ़िल्म देखना, व्यर्थ की बातचीत में आपका ऊर्जा और समय व्यय होता है। उस केवल क्षण भर के लिए प्रसन्नता मिल सकती है लेकिन इसका भावी प्रभाव खास नहीं होगा, इसलिए अनिवार्य है कि एकांत समय का उपयोग करे स्वयं के योग्यता को निखारने के लिए।ज्ञान से कौशल ,साहित्य से लेकर खेल इत्यादि हर क्षेत्रों में बेहतर होने के लिए निरंतर सीखते रहे।
5. निर्णय, सहानुभूति और संबंध : एकांत समय स्वर्णिम अवसर है। एकांत समय वह महान गुरु है, जो बेहतर निर्णय लेने की क्षमता को निखारता है। एकांत पल वह माध्यम है,जिससे आप अपनी भावनाओं को गहराई से समझ सकते है, जिससे दूसरों के प्रति आपकी सहानुभूति बढ़ सकती है। एकांत समय में आप अपने अवगुणों को दूर कर दूसरों के साथ बेहतर और मजबूत संबंध बना सकते है।
निर्णय से लेकर सहानुभूति बढ़ाना, बेहतर संबंध से लेकर आत्म- अनुशासन इत्यादि क्षेत्रों में विकास करने का स्वर्णिम अवसर एकांत समय है।
5.भविष्य : लक्ष्य के बिना जीवन व्यर्थ है। अधिकांश व्यक्ति बिना लक्ष्य के जीवन जीते है। उनके जीवन में लक्ष्य का आभाव इसलिए होता है, क्युकी वे स्वयं के बारे में गहराई से नहीं जानते है। एकांत पल में स्वयं को गहराई से जान पाते है।जिसके माध्यम से आप अपने भविष्य के लिए योजना निर्धारित कर सकते है।
एकांत पल में निर्धारित किये हुए लक्ष्य के लिए कार्य कर सकते है।
हमें यह समझने की आवश्यकता है कि एकांत समय कोई अभिशाप नहीं है बल्कि एक वरदान है। वरदान है स्वयं को जानने का,वरदान है स्वयं को मजबूत बनाने का, वरदान है स्वयं को सफल बनाने का।इसलिए हमेशा एकांत पल का सदुपयोग करे और स्वयं को एक BETTER VERSION बनाने के लिए कार्य करें। उपरोक्त कारण /लाभ के अलावा अकेलेपन से डर दूर, अन्य लोगों से खुद की तुलना करना बंद, मानसिक स्वास्थ्य में सुधार एवं जीवन का आनंद लेना इत्यादि।
आशा करती हूं कि यह निबंध आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगा।
धन्यवाद
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