किसी भी लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए सबसे पहले आलस का त्याग करना अत्यंत आवश्यक है।आलस्य मानव जीवन का सबसे बड़ा शत्रु है। आलस्य मानव जीवन के समग्र गुण को ध्वंस कर देती है। विनाश एवं असफलता का प्रतीक है आलस्य। भय एवं निर्बलता का प्रतीक है आलस्य। जब तक हम अपने जीवन से आलस्य का त्याग नहीं कर लेते,तब तक जीवन में हम कभी भी आगे नहीं बढ़ सकते हैं। आज इस निबंध मैं आप सभी के साथ साझा करूंगी कि आलस्य को कैसे हम अपने जीवन से त्याग अर्थात दूर कर सकते हैं।
1. लक्ष्य : किसी कार्य को टालने या कार्य को हम इसलिए नहीं करते,क्योंकि हमारे पास सार्थक एवं स्पष्ट लक्ष्य नहीं है। स्पष्टता के अभाव से हम अपने समय एवं ऊर्जा को बर्बाद करते हैं।
समय एवं ऊर्जा का सदुपयोग करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि हम अपने जीवन स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करें। स्पष्ट अर्थात स्मार्ट लक्ष्य ( specific,measurable, achievable,relevant and time bound) जब तक जीवन में स्पष्टता नहीं होंगी तब तक समय एवं ऊर्जा दोनों व्यर्थ कार्यों में व्यय होती रहेंगी। आलस्य को दूर करने के लिए रात को सोने से पहले अगले दिन के लिए सार्थक एवं स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करें।
2. बांटे: मनुष्य सबसे चमत्कारी प्राणी है। मनुष्य के हाथ में निर्माण एवं विध्वंश दोनों की कला है। पत्थर से मशीन युग में प्रवेश करना,धरती से अब अलग ग्रह तक रहने की असीमित इच्छा मनुष्य में।
सुई से लेकर आज रॉकेट तक का अविष्कार इसलिए संभव हो पाया क्योंकि मनुष्य ने निष्ठा से कार्य किया। क्रिएटिविटी , कल्पनाशक्ति को वास्तविक बनाने के लिए संपूर्ण रूप से खुद को समर्पित कर दिया। जीवन में सफल होने के लिए त्याग करना भी आवश्यक है।
कई बार कार्य को कठिन समझकर लोग कार्य नहीं करते हैं। उस कार्य को कल पर टालने का प्रयास करते हैं और वह कल कभी नहीं आता। अगर आपको कार्य कठिन लग रहा हैं या आपको लग रहा हैं कि बहुत सारे कार्य करने हैं। तब आप बड़े कार्य को छोटे – छोटे हिस्से में विभाजित कर लें। यह एक सशक्त एवं स्पष्ट माध्यम होगा। आप सरलता एवं सहजता के साथ अपने कार्य को करेंगे।
3. प्राथमिक : जीवन क्षणभंगुर है अर्थात जीवन कभी भी समाप्त हो सकता है। जीवन को उद्देश्यपूर्ण एवं सार्थकपूर्ण बनाने के लिए हमें नियमित रूप से अभ्यास करना चाहिए। आलस्य अर्थात सबसे व्यापक शत्रु को पराजय करने के लिए जरूरी कार्य को प्राथमिकता देना सीखें।
सही समय पर सही कार्य को प्राथमिकता देना बुद्धिमता है। ऊर्जा एवं समय का सफल उपयोग सही कार्य को पहले करने से होता है। प्रतिदिन रात को सोने से पहले जरूरी अगले दिन के लिए योजना तैयार करें। मोस्ट इंपॉर्टेंट कार्य, मोर इंपोर्टेंट एवं इंपॉर्टेंट कार्य। सबसे महत्वपूर्ण कार्य को सबसे पहले कर लेने से एक सकारात्मकता ऊर्जा आपको मिलता है।इसलिए सही कार्य सही समय पर प्राथमिकता देना सीखिए।आप इसके माध्यम से अपना ऊर्जा एवं समय का सदुपयोग कर पाते है।
4. रूटीन: प्रेरणा से भी सबसे ज्यादा शक्ति एवं सफलता का स्तंभ आत्म – अनुशासन है। सेल्फ डिसिप्लिन अत्यंत आवश्यक है। अनुशासन को जीवन में कार्यविन्त करने के लिए एक रूटीन बनाएं।जिस प्रकार कॉलेज या स्कूल में किस दिन क्या पढ़ाई होगा,किस टाइम में पढ़ाई होगा इत्यादि से रूटीन में शामिल होता है ओर रूटीन को अनुशासन से पालन करते है।ठीक उसी प्रकार स्पष्ट एवं उद्देश्यपूर्ण रूटीन तैयार करें,जिसके माध्यम आपके ऊर्जा एवं समय का सदुपयोग कर पाएंगे।
5. 25 मिनट: आज वर्तमान समय अधिकांश लोगों की एकाग्रता अर्थात फोकस पावर कम होते जा रहा हैं ।
स्वामी विवेकानंद जी ने भी कहा था – एकाग्रता सबसे महत्वर्णपूर्ण है किसी भी विषय को सीखने के लिए। एकाग्रता के अभाव में ज्ञान,कौशल इत्यादि कुछ भी हासिल नहीं कर सकते हैं।अगर आपकी भी किसी विषय पर ज्यादा देर तक फोकस नहीं कर पाते हैं और कार्य को नहीं करते हैं। तब आप शुरू – शुरू में कोशिश करें कि 25 मिनट अच्छे से फोकस करें और फिर 5 मिनट के लिए ब्रेक ले। ब्रेक के दौरान ऐसा कार्य ना करें जिसकी वजह से आप आगे कार्य करने से परहेज करें। यह अत्यंत आवश्यक है कि कार्य करने के दौरान ब्रेक लेना।आप ज्यादा ऊर्जापूर्ण एवं साहसपूर्ण तरीके से मार्ग के पाते हैं।
6. दूरी एवं पुरस्कृत: आदतों से हमारा चरित्र निर्मित होता है।अपनी आदतों का विशेषण करें । अच्छी आदतों को जीवन में स्थान दें। बुरी आदतों को दूर करने लिए नियमित रूप से अभ्यास करें।
निर्धारित लक्ष्य को पूर्ण होने पर खुद को रिवॉर्ड जरूर दें ।लक्ष्य को पूर्ण होने के बाद सम्मान अर्थात खुद को सम्मानित करने से सकारात्मकता ऊर्जा का संचार होता है। समय का सदुपयोग करने से हमारा चरित्र मजबूत बनता हैं। आप अधिक ऊर्जापूर्ण एवं सफलतापूर्ण तरीके कार्य कर पाते हैं।
यह कुछ महत्वपूर्ण टिप्स हैं,जिसके जरिए आप अपने सबसे शत्रु पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। अगर आप अच्छे एवं स्पष्ट रूप से कार्य करेंगे
आशा करती हूं कि यह निबंध आपको अच्छा लगा होगा।
धन्यवाद
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