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31/08/2024 Kajal sah Romance Views 168 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
कविता : तुम सहचर हो

मेरे होठों पर खिली मुस्कान हो तुम, मेरे नयन में बसे प्रियवर हो तुम, बारिश की हर शीतल बूँद हो तुम, मेरे जीवन का नूर हो तुम। हरेक अविस्मरणीय क्षण की वजह हो तुम, हर उत्साह की वजह हो तुम, ऐ मेरे मनमीत, मेरे जीवन की हर आकांक्षा हो तुम, मेरे जीवन का सौंदर्य हो तुम। सुख-दुख के सहचर हो तुम, मेरे दिल की रौनक हो तुम, मेरे जीवन की गरिमा हो तुम, मेरी ज़िंदगी का श्रृंगार हो तुम। धन्यवाद काजल साह

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