मेरे सपनों की राहत है तू मेरे जीने की चाहत है तू फूलों की लालिमा है तू मेरी जीत की शान है तू। मेरी अभिलाषा की आस है तू मेरे हर एहसास की पल है तू मेरी धड़कन की धड़क है तू जीवन में आगे बढ़ने की उन्नति है तू मेरी जीत की शान है तू। बारिश में गिरी हर बून्द है तू मधुवन में खिला हर फूल है तू मेरी हिम्मत की उम्मीद है तू मेरी निराशा का अंत है तू मेरे कदमों की कदम है तू मेरी ख़ुशी की गुलशन है तू मेरी जीत की पहचान है तू। मन -मोहिनी सी तेरी मुस्कान मैं तेरे समक्ष तृणवत्त हूँ तू खिली प्रसून है मैं खुला रत्नेश हूँ तू मेरी नवल है मैं तेरा आलोक हूँ तू सुरभि है मैं तेरा हर पल हूँ। तू संध्या सुंदरी य मैं प्रभात का नवल हूँ तू ही मेरे हर पल की साक्षी मैं तेरा अनुयायी हूँ तू मेरा स्वप्न है तू ही मेरा हर अवसर है मैं मग्न हूँ, तेरे एहसास में मैं व्याकुल हूँ, तेरे इंतजार में तू ही मेरा आत्मीय मैं तेरा आत्मीय हूँ। धन्यवाद काजल साह