शादी की पहली रात पति-पत्नी के बीच एक शर्त रखी गई कि चाहे जो भी हो, दरवाजा किसी के लिए नहीं खोला जाएगा। दोनों ने इस शर्त को स्वीकार कर लिया। उसी रात पति के माता-पिता अचानक उनसे मिलने आ पहुंचे और दरवाजे पर दस्तक दी। पति ने दरवाजे की ओर देखा और अपने माता-पिता के लिए दरवाजा खोलने का मन बनाया, लेकिन फिर शर्त याद आ गई। वह द्वंद्व में पड़ गया, लेकिन आखिरकार दरवाजा नहीं खोला। माता-पिता भारी मन से लौट गए।
थोड़ी देर बाद पत्नी के माता-पिता भी मिलने के लिए आए और दरवाजे पर दस्तक देने लगे। दोनों ने एक-दूसरे की ओर देखा, और फिर पत्नी की आँखों में आंसू आ गए। वह गहरी भावनाओं में डूबी हुई बोली, "मैं अपने माता-पिता के लिए ऐसा नहीं कर सकती," और उसने दरवाजा खोल दिया। पति यह सब देखता रहा, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा।
समय बीता, और इस जोड़े के घर दो बेटे पैदा हुए। पति ने उनके जन्म पर सामान्य उत्सव मनाया। कुछ साल बाद उनके घर एक बेटी का जन्म हुआ। बेटी के जन्म पर पति ने एक भव्य पार्टी का आयोजन किया, जिसमें सभी दोस्तों और रिश्तेदारों को बुलाया।
पत्नी को यह देखकर हैरानी हुई और उसने पति से पूछा, "तुमने बेटों के जन्म पर इतनी बड़ी पार्टी नहीं की, फिर बेटी के आने पर इतना भव्य जश्न क्यों?"
पति ने मुस्कुराते हुए और बेहद प्यार भरे शब्दों में जवाब दिया, "क्योंकि मैं जानता हूं, एक दिन यही बेटी मेरे लिए दरवाजा खोलेगी।"
इस जवाब ने पत्नी की आँखें नम कर दीं। पति का यह भाव बताता है कि बेटियां कितनी खास होती हैं। वे भले ही अपने माता-पिता के साथ कुछ समय के लिए ही रहती हों, लेकिन उनका दिल और प्यार हमेशा उनके माता-पिता के लिए धड़कता है।
बेटियों की यही खासियत होती है—वे अपने माता-पिता का सहारा बनती हैं, चाहे वक्त कैसा भी हो। उनका प्यार जीवनभर के लिए होता है।
कहानी का मर्म यही है कि बेटियां सच में अनमोल होती हैं। उनका प्यार और समर्पण माता-पिता के जीवन में हमेशा एक खास स्थान रखता है
|
K
|
11.08.2024
Kajal sah
Readers
810
|
कहानियाँ
चतुराई और हाथी की नकल  
18 वीं सदी की बात है। तब कृष्णचन्द्र बंगाल के नदिया के राजा हुआ करते थे। उनके द .....
|
K
|
08.09.2024
Kajal sah
Readers
650
|
दो भाई एक अप्सरा के लिए लड़े और एक-दूसरे की जान ले ली। 
तिलोत्तमा स्वर्ग की परम सुंदर अप्सरा थीं। सुंदरता के मामले में 108 अप्सराओं में .....
|
|