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11/08/2023 Kajal sah Awareness Views 238 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
अब होगा सारे दुश्मनों का ख़ातमा

टालमटोल: सबसे बुरी आदत हमारी यह है कि हम कार्यों का टालते रहते है,हमें पता है कि यह हमारे लिए घातक है, फिर भी हम कार्यों टालते रहते है। यह हैबिट्स हमें हमेशा असफलता की ओर ही ले जाती है। इसलिए बहाना, आलस, ज्यादा सोना इत्यादि इन आदतों का अंत करें एवं आगे बढ़ने का संकल्प ले । अनुशासन की कमी: अनुशासन के बिना, निरंतरता और सफलता मायावी हो जाती है।सफल व्यक्ति की सबसे बड़ी निशानी होती है अनुशासन में रहते है। अगर आप अनुशासन में नहीं रहते है तब यह आपके लिए ही नुकसान है। इसलिए अनुशासनहीन को अपने जीवन से हटाए। अस्वास्थ्यकर जीवनशैली: स्वास्थ्य जीवन का सबसे बड़ा धन है। इसलिए हमें अपने स्वस्थ का पूरा ध्यान रखना चाहिए। जंक फ़ूड जैसे - रोल, बर्गर,पिज़्ज़ा इत्यादि का सेवन हमें नहीं करना चाहिए। स्वस्थ खाये स्वस्थ मन बनाये। बैड रिलेशनशिप :संगत हमारे जीवन में एक अहम भूमिका निभाती है। इसलिए हमेशा अच्छे संगत को ही अपने जीवन में अपनाये एवं अपने जीवन से नकारात्मक रिलेशनशिप को मिटाये। बैड रिलेशनशिप में हमारा मानसिक एवं शारीरिक दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अज्ञानता: ज्ञान की कमी के कारण हम अपने जीवन से बहुत सारे मौकाओं को खो देते है। इसलिए कहते है शिक्षा ही हमारे जीवन का मूल आधार है।इसलिए खुद को ज्ञानी मानना हमें बंद करना चाहिए, एवं हमेशा सीखते रहने का आदत अपनाना चाहिए। ईर्ष्या : दूसरे से हिंसा करना। दूसरों से जलना, दूसरों को खाई धकलने का योजना बनाना। यह सबसे बड़ा अवगुण है, जिसका हमें अंत जरुर करना चाहिए। अगर आपको उन्नति को पाना h तो दूसरों के बारे में बुरा भला कहना छोड़िये। सबके बारे में अच्छा सोचे। तब आपका भी अच्छा होगा। पूर्णतावाद: पूर्णता के लिए प्रयास करना प्रगति में बाधा डाल सकता है और तनाव को जन्म दे सकता है।हर कार्यों में परफेक्ट सही नहीं होता है, जिस प्रकार हम परफेक्ट नहीं है।इसलिए हर कार्यों में पूर्णवाद खोजना भी गलत है। फेलियर का डर : असफलता जीवन का पड़ाव है, जिससे हमें सीखना चाहिए ना कि इस फेलियर से डर के अपने सपने से दूर हो जाना पूर्ण रूप से गलत है। इसलिए आपका प्रयास यह रहना चाहिए कि फेलियर से आपको सीखना है एवं फेलियर के डर का अंत आपको करना है। एवं हमेशा आगे बढ़ने का चाहत रखें। अत्यधिक भौतिकवाद: वो कहते है ना अगर आज हमने धन बचा लिया तो वो धन हमें कल मुसीबतों से बचा लेगा। इसलिए हमें अपने पैसो का ही यूज़ एवं निवेश करना चाहिए। आज बहुत सारे लोगों मटेरियल्स थिंग्स को खरीद कर ख़ुशी पाते है। समान होने के बाद भी बाहरी दिखवात के लिए हज़ारों - हज़ारों पैसे खर्च कर देते है। यह मानसिकता का अंत हमें करना होगा। हमें अपने पैसो सही स्थान पर निवेश करना सीखना होगा। ख़राब समय प्रबंधन: समय हमारे जीवन का सबसे अनमोल धन है। वो कहते है ना अगर आज हमने समय की कद्र नहीं कि तब एक दिन समय हमारा कद्र नहीं करेगा।बहुत सारे लोगों का सही टाइम टेबल नहीं है यानि कोई भी टाइम में सो जाते है, पढ़ने लगते है, खेलने लगते। लेकिन जीवन में आगे बढ़ने के लिए सही टाइम का प्रबंधक होना अतिआवश्यक है। नशा : जैसे कि मैंने आपको बताया है कि यह मानव शरीर बहुत दुलर्भ से हमें प्राप्त हुआ है। इसलिए अपने जीवन में उन्नति की ओर बढ़ने वाले कार्य ही हमें करना चाहिए। अगर नशा करना है तो हमें सकारात्मक कार्यों से आगे बढ़ने का नशा करना चाहिए। जो हमें सफल बनाके ही छोड़ी गी। इसलिए अपने जीवन में शराब, सीक्रेट, प्यार का नशा, गेम का नशा इत्यादि नशाओं से दूर रहिये एवं आगे बढ़ने के लिए प्रत्येक दिन छोटा - छोटा प्रयास करें। आत्म-आलोचना: खुद के बारे में केवल बुरा भला कहते रहना, यह एक सबसे बुरी एवं डेंजर आदत है। क्युकी जब हम खुद का ही बुराई, आलोचना, खुद को नुकसान पंहुचाते है तब हमारा मानसिकत एवं शारीरिक दोनों को कष्ट पहुँचता है, जिससे कोई भी कार्य में बेस्ट नहीं दे पाते है, एवं काम को टालते रहते है। यह मैंने अनुभव किया है। आप अभी से यह हैबिट का अंत करें। अगर आप खुद को आगे एवं अपनी पहचान बनाना चाहते है तब। खुद से हमेशा सकारात्मकता कहे एवं स्वयं के आत्मविश्वास, कड़ी मेहनत का जुनून के साथ अपने कार्यों को स्टार्ट करें। सहानुभूति की कमी: हम मनुष्य है, यानि मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है, जो हर फीलिंग्स को समझ सकते है। लेकिन आज के कलयुग में लोगों में जो सबसे बड़ी बुरी आदत एवं कमी है वो है सहानुभूति की कमी। हमें सहानुभूति को अपने जीवन में जरूर लाना चाहिए, क्युकी जिस प्रकार हमें चोट लगने पर दर्द होता है, ठीक उसी प्रकार जब हम किसी को पीड़ा में देखते है तब हमें हंसना नहीं, अनदेखा नहीं बल्कि उन्हें समझना है एवं कोशिश करना है कि उनके समस्याओं का समाधान निकालने का। संशयवाद: शक करना ठीक है लेकिन हमेशा शक करना, हर बात पर शक करना एक बुरी आदत है। जो हमें हमेशा असफलता की ओर धकेलती है। इसलिए अपने जीवन से शक करने की आदत का अंत करें, क्युकी यह आदत एक दीमक की तरह है जो आपको धीरे - धीरे नष्ट करते जाएंगी। अल्पकालिक सोच: कुछ व्यक्ति केवल सोचते रहते है एवं एक्शन लेते नहीं है। श्री कृष्ण कहते है मनुष्य कर्म करते रहना चाहिए, उन्हें फल की चिंता नहीं करना चाहिए।नींद के सपने में पाकर खुद को महान एवं मेहनती समझना सबसे बड़ी मूर्खता है। इसलिए अलकाल्पनिक सोच से निकले। अपने सपने तक पहुंचने के लिए हर दिन प्रयास करें। मानसिक स्वास्थ्य की उपेक्षा: मानसिक स्वास्थ्य की उपेक्षा करने से गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। परिवर्तन का प्रतिरोध:प्रकृति का नियम है परिवर्तन। लेकिन मनुष्य समय के अनुसार परिवर्तन होने से डरते है। यही उनकी यह बुरी आदत उन्हें कभी बड़ा एवं सपने तक पहुंचने नहीं देती है। अगर आपके अंदर भी यह बुरा हैबिट्स है तब उसका अंत आज से करना शुरू कर दीजिये। इन दुश्मनों का अंत जल्द से जल्द करें।

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