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11/07/2024 Kajal sah Awareness Views 433 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
अधिकांश लोग सफल क्यों नहीं हो पाते हैं?

क्या आप जानते है.. सफलता का सबसे बड़ा सीक्रेट क्या है? सफलता का सबसे बड़ा सीक्रेट है कि कोई सीक्रेट नहीं है। कुछ महत्वपूर्ण प्रिंसिपल अर्थात सिद्धांत है। जिससे जिसने अपने जीवन में लाया है.. उन्होंने सफलता पाया है। सफल एवं असफल व्यक्ति में सबसे बड़ा अंतर है - सेल्फ डिसिप्लिन का। अब यह सेल्फ डिसिप्लिन क्या है? Elbert hubbard जी के अनुसार सेल्फ डिसिप्लिन एक इंसान की वो ability है, जिससे वह सबसे महत्वपूर्ण चीज को उस वक़्त कर सकता है.. जिस वक़्त वह चीज जरुरी हो। फिर चाहे फिर उसका मन हो या नहीं। आज इस निबंध के माध्यम से यह जानेंगे कि अधिकांश व्यक्ति क्यों सफल नहीं हो पाते है? ऐसी कौन - कौन सी बुरी आदतें है.. जिससे उनका मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। 1. नकारात्मक सोच : स्वामी विवेकानंद जी ने लिखा है : ब्रह्माणड की सारी शक्तियाँ हमारे भीतर है.. और हमने इन दोनों हाथों से अपने आँखों को बंद कर लिया है। और कहते है कि कितना अंधेरा है! कितना अंधेरा है! स्वामी जी एक बीज के उदाहरण से समझाते है। उस छोटे से बीज इतनी अपार शक्ति होती है.. कि कुछ वर्षो बाद एक विशाल,उपयोगी वृक्ष एवं फलदायी वृक्ष बन जाता है। अधिकांश लोग इसलिए आगे नहीं बढ़ पाते, क्युंकि वे अक्सर नकारात्मक सोच में डूबे रहते है। वे असफलता पर ध्यान केंद्रित करते हैं और सफलता की संभावनाओं को कम आंकते है। नकारात्मक सोच वह धीमा विष है, जो मनुष्य को मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक रूप से कमजोर कर देता है। इसलिए वे दिशाहीन महसूस करते है और आसानी से हार लेते हैं। 2. लक्ष्य की कमी : जीवन में सटीक लक्ष्य का होना अत्यंत जरुरी है। बिना लक्ष्य के जीवन व्यर्थ है। स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था - " एक विचार लें और इसे ही अपनी जिंदगी का एकमात्र विचार बना लें। इसी विचार के बारे में सोचे, सपना देखे और इसी विचार पर जिएं। आपके मस्तिष्क , दिमाग और रगों में यही एक विचार भर जाए। यही सफलता का रास्ता है"। सफल व्यक्ति इसलिए सफल हो पाते है, क्युंकि उनके जीवन में सटीक लक्ष्य होता है।सटीक लक्ष्य होने से हम अपने समय का सही उपयोग सबसे जरुरी कार्य के लिए करते है। अधिकांश लोग इसलिए रैट रेस में फंस जाते है, क्युंकि उनके जीवन कोई सटीक लक्ष्य नहीं होता। इसलिए वे अपने समय को व्यर्थ करते है। अगर आपको भी जीवन में सफलता हासिल करना है.. तब जीवन में स्पष्ट लक्ष्य तय कीजिये। 3. सेल्फ - कॉन्फिडेंस : स्वामी विवेकानंद जी कहते थे - ईश्वर से पर विश्वास करने से पहले हम स्वयं पर विश्वास करना चाहिए। सफल व्यक्ति स्वयं पर विश्वास करते है।जीवन में कई हार के बाद भी निरंतर प्रयास करते है। आत्मविश्वास में वह अपार शक्ति है, जिससे वे अपने लक्ष्य के उमंगी, लालसी एवं जूनूनी बन पाते है। लेकिन असफल लोग अक्सर अपनी क्षमताओं पर संदेह करते है। अपने कमजोरियों को दूर करने का प्रयत्न नहीं करते। बस यही सोचते रहते है कि वे सफल नहीं हो पायेगा। सफल लोगों को जो चीज़ नहीं आता है, वे सीख लेते है.. वे बहाना नहीं करते। लेकिन असफल लोग अपनी क्षमताओं को नहीं पहचानते... केवल बहाना और स्वयं पर शंका। इसलिए वे असफल लोगों के केटेगरी में शामिल रहते है। 4. आलस्य : आलस्य वह मीठा जहर है, जो आपके तन, मन, विश्वास एवं भावना को ध्वन्स कर सकता है।सफलना ना प्राप्त करने का सबसे बड़ा रुकावट है - वह है.. आलस। आलस क्षयकारी, शत्रुता एवं असफलता का प्रतीक है। असफल लोग इसलिए सफल नहीं हो पाते.. क्युंकि वे कठिन परिश्रम करने से बचते है। समस्या यह है कि आज डिजिटल युग में हमें हर चीज़ आसानी से मिल जाते है। चाहे वह कोई कंटेंट हो चाहे वो कोई पार्टनर। असफल लोग सफलता भी शीघ्रता चाहते है। लेकिन वे इन बातों से वंचित है कि सफल होने के लिए पर्याप्त समय, कठिन मेहनत, निरंतर प्रयास, मुसीबतों से लड़ने के लिए अदम्य साहस चाहिए। सफल लोग सफल होने के बाद निरंतर मेहनत करते है। उदाहरण : जैसे कि डॉ भीम राव जी अम्बेडकर सफल होने के बाद भी रोजाना 18 घंटे पढ़ा करते थे। अगर आप जीवन में सफल होना चाहते है, तब आप अपने जीवन से आलस्य को दूर कीजिये। अपने जीवन में कठोर मेहनत को लक्ष्य बनाए.. अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिए। सफलता कोई जादूई छड़ी नहीं है.. सफलता तक पहुँचने के लिए हमें वह सूक्ष्म बीज बनना होगा.. जिसने कई वर्षो तक हर बधाओं से लड़कर आज एक छायादार, फलदायी एवं उपयोगीपूर्ण वृक्ष बन पाया है। 5. डर :किसी ने पूछा कि सफलता क्या है? एक प्यारा सा उत्तर मिला असफलताओं सीखना ही सफलता है। जीवन में कई बार हार मिल सकती है।मन टुट भी जाता है। लेकिन कुछ मनुष्य असफलता से सबक लेते है और आगे बढ़ते है। अधिकांश लोग असफलता से डर जाते है और अगली बार कोशिश नहीं करते।इसलिए वे असफल व्यक्ति कहलाते है। जीवन हार - जीत का संगम है। हर हार हमें कुछ नया सबक देती है। अगर आप भी सफल होना चाहते है.. तब जीवन की हर असफलता, चुनौतियाँ से सीखे। सफल व्यक्ति कैलकुलेटेड रिस्क लेते है। जिससे वे स्वयं समृद्धि की ओर बढ़ते है। लेकिन असफल लोग रिस्क के बारे में सोचने से भी डरते है.. इसलिए वे असफल ही रह जाते है। 6. शिकायत : आप जीवन में जहां कहीं भी केवल अपने वजह से। अगर आपके पास पैसे नहीं.. तो इसके जिम्मेदार केवल आप है। अगर आप आज आपके पास सबकुछ है.. जो आप चाहते है.. इसके जिम्मेदार भी आप है। असफल लोग हमेशा अपनी कमियों के लिए दूसरों को जिम्मेदार ठहराते है। वे अपनी परिस्थितियों के लिए दूसररों को दोष देते है( अपने पेरेंट्स, टीचर, सरकार इत्यादि ) उनका ध्यान केवल समस्या पर होता है.. समाधान पर नहीं। लेकिन सफल लोग कभी भी किसी दूसरों पर जिम्मेदार नहीं ठहराते.. वे खुद पर नियंत्रित कार्य करते है.. उनका ध्यान समस्या को समझकर समाधान की ओर ध्यान केंद्रित रहता है। दुनिया बहाना नहीं आपका परिणाम देखता है। इसलिए शिकायत करना छोड़िये.. जीवन एक है। जीवन को सुंदर एवं श्रेष्ठ बनाने का कर्तव्य केवल आपका है.. और किसी का नहीं। 7. नफरत : जीवन का नाम निरंतर सीखते रहना। दो तरह के व्यक्ति होते है.. एक व्यक्ति जो उनसे आगे है.. वे कोशिश करते है.. उनसे मित्रता करने का। उनसे सीखने का। लेकिन दूसरे तरह के व्यक्ति अपने से आगे बढ़ते हुए व्यक्ति से नफ़रत एवं घृणा करते है।जिससे वे कुछ नहीं सीख पाते है.. उनका ही हानि होता है। वे दूसरों को नीचा दिखाने की कोशिश करते है। सफलता तक पहुँचने का तरीका है.. अपने फील्ड के एक्सपर्ट से सीखे। जिससे आपको आत्मविश्वास, ज्ञान, कौशल में वृद्धि होगी। 8. असंयम : गीता में श्री कृष्ण कहते है.. संयमित मन मित्र के भाँति है और असंयमित मन शत्रु के समान। असंयमित मन के कारण ही मोह - माया, आवेग, काम - वासना इत्यादि का व्यक्ति शिकार हो जाता है। असफल लोग अक्सर असंयमित होते हैं। वे अपने आवेगों को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं और बिना - सोचे समझे निर्णय ले लेते है। जिससे उनको आगे बहुत पछताना पड़ता है। यह कुछ मुख्य कारण है, जिससे अधिकांश लोग असफलता के केटेगरी में गिने जाते है। और कुछ महत्वपूर्ण कारण है - अतीत में जीना, भविष्य के बारे में चिंता, आत्म - सुधार का आभाव, नकारात्मक लोगों से घिरे रहना ( बुरी संगति ), नकारात्मक लोगों से दुरी बनाना इत्यादि। जीवन अनमोल है। इसके मोल को समझे। जीवन के अनमोल क्षण को व्यर्थ ना करे।जीवन में आगे बढ़ने के लिए निरंतर मेहनत करे। धन्यवाद काजल साह

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