किताबें केवल कागज के पन्नों का संचय नहीं है, बल्कि अनिवार्य रूप से अनंत ज्ञान, अनंत अनुभव एवं भावनाओं की प्रकटीकरण का अनमोल निधि है । अच्छी किताबें अग्निमय दीपक की तरह है, जो अंधियारे को मिटाकर ज्योति फैलाती है। अर्थात ज्ञान के दीप्ती से अज्ञान का अंधकार अच्छी किताबें करती है।
अच्छी किताबें ज्ञान, प्रेरणा, रचनात्मकता एवं समृद्धि का प्रतीक चिन्ह है, जिससे पढ़ने से हमारा आत्मज्ञान,आत्मविश्वास, आत्मअनुशासन, आत्मप्रेरणा एवं आत्मविकास में वृद्धि होती है।
आज मैं आप सभी के साथ भाषण( Speech On Books ) प्रस्तुत करना चाहती हूं।
" जीवन के हर अवगुण को मिटाती
जीवन के हर मुसीबत भरी राह पर
चलना सिखाती
शत्रुता को मिटाकर
मित्रता बढ़ाती
इसलिए शिक्षा अनमोल बन जाती"
अगर आपको आपके विद्यालय, महाविद्यालय या अन्य स्थान पर Speech On Book (किताब पर भाषण प्रस्तुत करने का अवसर मिला है। तब आपको निम्नलिखित बिन्दुओ पर ध्यान केंद्रित करने की नितांत आवश्यकता है।
1.रिसर्च : किसी भी विषय को प्रस्तुत करने से पहले उस विषय के बारे में गहन अर्थात गहराई रूप से विषय को जाने।
इंटरनेट, किताबें, उनसे जुड़े लोगों से जरूर पूछे।
पब्लिक स्पीकिंग का मुख्य आधार पॉवरफुल कंटेंट है।
2. अभ्यास : किसी भी क्षेत्र में बेहतरीन बनने के लिए निरंतर प्रयास अत्यंत जरुरी है। Speech On Books पर कंटेंट तैयार करने के बाद आपको अच्छे से अभ्यास करना बेहद ही जरुरी है। आप जितना अभ्यास करेंगे, उतना ही अधिक आपका आत्मविश्वास में वृद्धि होता है।
3. मुख्य बिंदु : रिसर्च करते समय आपका उद्देश्य होना चाहिए कि आपका कंटेंट लोगों के लिए महत्वपूर्ण, रोचक एवं लोगों के लिए इनफार्मेटिव होना चाहिए। इसलिए स्पीच तैयार करते समय अपने श्रोताओं को जाने,स्थान इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त करके रखे।
कई लोगों कहते है कि हमारे पास समय का अभाव है। इसलिए किताबें नहीं पढ़ पाते है। लेकिन हम यह भूल जाते है कि हम अपने हाथों से कितना समय बर्बाद कर देते है।
जैसे - अधिक समय सोते रहना, यार दोस्तों के साथ गप्पे मारना,आज तो रविवार है, बस कल से जरूर किताबें पढूंगा इत्यादि। ये सब तरीके समय नष्ट करने के ही है।
पढ़ना निरंतर चाहिए। प्रतिदिन पढ़ने से शब्दाकोष, ज्ञान, अनुभव में बढ़ोत्तरी होती है।
यदि किसी कारण से आपके पास पढ़ने के लिए अधिक समय नहीं है तो कोई बात नहीं। दिन के 24 घंटे के 1440 मिनटों में से कुल 60 मिनट ही पर्याप्त है। चार्ल्स फास्ट नामक व्यक्ति एक घंटा रोज अध्ययन करके संयुक्त राष्ट अमेरिका का गणित का सबसे बड़ा आचार्य हो गया। अगर 60 मिनट बहुत अधिक है और आप 60 मिनट का समय नहीं दे सकते तो 30 मिनट ही सही। इन 30 मिनट में ही जीवन की महान घटना घट सकती है। जितने समय में कॉफ़ी उबलती थी उतने समय का सदुपयोग करके लौंगफेलो ने एक पुस्तक का अनुवाद ही कर डाला।
विचार शक्ति :राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी ने कहा था - एक व्यक्ति अपने विचारों से निर्मित प्राणी है, वह जो सोचता है, वह बन जाता है।
अच्छी किताबें पढ़ने से हमारा विचार सकारात्मक होने लगते है। विचार सकारात्मक होने से हम सुकर्म करते है। सफलता का प्रमुख स्तम्भ है - निरंतर सीखते रहना। सीखते रहने से हमारा मस्तक सक्रियता रहता है।
सोचने की क्षमता, स्मरण शक्ति, एकाग्रता,कल्पनाशक्ति में विकास होता है।
अच्छी किताबें केवल विचारों को स्वस्थ बनाने तक ही सीमित नहीं है। अपितु हम एक अच्छे इंसान भी बन जाते है। अच्छी किताबों को पढ़ने से हमारा आत्मबल, आत्मविश्वास एवं आत्मअभिव्यक्ति के गुणों का विकास होता है।
3. ज्ञान का सर्वोच्च स्त्रोत : इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी स्थायी नहीं रहती है। वह कभी भी गायब हो सकती है। लेकिन किताब अविनाशी ज्ञान का स्त्रोत है। आप कहीं भी अपने साथ किताब लेकर पढ़ सकते है। ज्ञान एवं अनुभव का अनुपम आनंद ले सकते है।
4. तनाव में कमी : चार्ल्स डिकेंस जी ने कहा था - " अगर सीखना चाहते हो तो हर असफलता कुछ सिखाती है "। मैं आपको खुद का अनुभव साझा करना चाहती हूं। जीवन में कई मार्ग पर असफलता मिलने के बाद कुछ समझ नहीं आ रहा था, क्या करू? लेकिन जब मैंने बेहद प्रसिद्ध किताब " Atomic Habits " को पढ़ने के बाद तनाव धीरे - धीरे होने लगा। किताब हमारे जीवन का वह परम मित्र है, जिसके पास हमारे हर समस्याओं का हल है। जैसे - चिंता, सफलता, ज्ञान इत्यादि।
कुछ प्रमुख किताब आपको जरूर पढ़ना चाहिए।
किसी ने क्या खूब कहा है " अवसर का इंतज़ार नहीं ,निर्माण करना सीखे।
1.The Power of Now by Eckhart Tolle
2.The 7 Habits of Highly Effective People by Stephen R. Covey
3. Daring Greatly by Brené Brown
4. How to Win Friends and Influence People by Dale Carnegie
5. Think and Grow Rich by Napoleon Hill.
इन किताबों को जरूर पढ़े। आपको बहुत कुछ सीखने का अवसर प्राप्त होगा।
एपीजे अब्दुल कलाम जी ने कहा था - " अगर मरने के बाद भी जीना है, तो एक ऐसा काम जरूर करना, पढ़ने लायक कुछ लिख जाना या फिर लिखने लायक कुछ करना जाना "
धन्यवाद
काजल साह
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