हमारे जीवन का परम् शत्रु कौन है? कोई व्यक्ति या कोई वस्तु है? वास्तव में हमारे जीवन का परम् शत्रु ना ही कोई व्यक्ति है या ना ही कोई वस्तु है।
हमारे जीवन का परम् शत्रु हमारे अंदर निहित आलस है.. जो धीरे -धीरे हमें क्षय कर रही है। और एक समय ऐसा भी आएगा कि यह हमें पूर्ण तरिके से समाप्त कर दे।
आलस के कारण ही हम अपने कार्य को सही समय पर नहीं करते। कार्य को कल पर टालते रहते है.. और वह कल कभी नहीं आता। हम सभी जानते है.. एक हमारा मृत्यु तय है। लेकिन जीवन को कैसा जीना है? यह हमारे हाथ में है।
आलस का दिया हुआ procrastination है.. एक ऐसा धीमा जहर की तरह है.. जो हमारे तन और मन स्वास्थ्य पर घातक प्रभाव डालता है। अगर आप भी इस घातक रोग से गुजर रहे है.. और आपने तय कर लिया है कि इस घातक रोग को आप पराजय करेंगे.. तब आज का निबंध आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकता है। आज मैं बेहद महत्वपूर्ण टिप्स बताऊंगी.. जिसका अगर आप नियमित रूप पालन करते है.. तब आप procrastination को अपने जीवन से शीघ्रता से दूर कर पाएंगे।
1. छोटे - छोटे : कई बार हम कार्य को लेकर procrastination इसलिए करते है.. क्युकी कार्य बड़ा होता है। बड़ा कार्य देखकर मन में डर, चिंता और अवसाद अपना घर बना लेती है। इस परेशानी को अपने जीवन से दूर करने का सशक्त उपाय है कि आप बड़े - बड़े कार्य को छोटे - छोटे हिस्से में बांट करे। जैसे ही आप छोटे - छोटे कार्य को पूरा कर लेते है.. तब आपके मन में उत्साह और उमंग प्रकशित हो जाती है। आप और अन्य कार्य के स्टेप को भी जोश के साथ करते है।
उदाहरण : मान लीजिये आपको प्रेजेंटेशन बनाना है.. कुछ दिन बाद आपको ऑफिस में प्रेजेंट करना है। आप हर दिन स्माल - स्माल स्टेप जरूर ले। जैसे :पहले दिन टॉपिक को डीपली समझे(विज़न, उद्देश्य इत्यादि ) अगले दिन रिसर्च और स्लाइडस सजाये इत्यादि।
2. डेडलाइन : समय बलवान समय है। बिता हुआ एक मिनिसेकंड भी कोई वापस नहीं ला सकता है। जिस प्रकार हम धन का कद्र करते है और धन को सोच -समझकर उपयोग करते है। ठीक उसी प्रकार हमें अपने समय का कद्र करना चाहिए।
जब भी आप अपना टारगेट बनाते है.. उसके साथ डेडलाइन जरूर सेट करे। अत्यधिक लोग यह सोचते है कि उनके पास पर्याप्त समय है । ऐसे लोग कल्पना की दुनिया में जीवन जी रहे है। अगर आपको अपने जीवन से आलस्य को दूर करना है.. तब अपने बनाएं हुए हर to-day list को डेडलाइन के साथ बनाएं। डेडलाइन तय kतय करने से टाइम को सम्मानऔर टारगेट गोल्स को पूरा करने कर पाते है।
उदाहरण : मान लीजिये कुछ सप्ताह बाद आपका किसी महत्वपूर्ण विषय पर प्रेजेंटेशन है। तब आप एक सप्ताह का समय ले। फिर प्रतिदिन अपने गोल्स से संबधित स्टेप ले।
3. रिवॉर्ड : इस मुख्य बिंदु को उदाहरण से समझने का प्रयास करते है। अगर किसी बच्चें को मीठा का सेवन करना अत्यंत प्रिय लगता है। जब भी मीठा खाने का अवसर मिलता है। उसके चेहरे पर एक अलग ज्योति।
ज्ञात है कि रिवॉर्ड सिस्टम एक बहुत अच्छा माध्यम है। जब आप कोई काम टाइम पर कर लेते है। तब आप खुद को सम्मानित करे। रिवॉर्ड सिस्टम एक सकारात्मक ऊर्जा की भाँति है.. जिससे आलस्य जीत की जुनून में बदल जाती है।
उदाहरण : मान लीजिये आज आपने निर्णय लिया है कि आप महत्वपूर्ण चैप्टर्स को अपने निर्धारित किये हुए समय के अनुसार पूर्ण करेंगे। जब आप अपने महत्वपूर्ण गोल्स को कम्पलीट कर लेंगे.. तब आप खुद को जरूर प्रोत्साहित करे।
4. दुरी :मन बहुत चंचलपूर्ण है। अत्यंत गतिशील।लेकिन मन के हम मालिक है। हमें अपने मन का गुलाम नहीं बनना है। आलस्य से ग्रसित हम इसलिए होते है.. क्युकी हमारा मन हमारे कण्ट्रोल में नहीं होता।
जब आप महत्वपूर्ण कार्य कर रहे होते हैं( पढ़ना, ऑफिस वर्क, ऑनलाइन वर्क इत्यादि ) तो अपने सामने से ऐसे सभी वस्तुओं को हटा दे.. जो आपका ध्यान क्षय कर सकती है। ( टीवी, लैपटॉप, फ़ोन इत्यादि ) procrastination को दूर करने के लिए अपने कम्फर्ट जोन से निकल कर सही वातावरण का चयन करे।
जिससे आप फोकस, ऊर्जा और उमंग के साथ आप कार्य के पाएंगे।
उदाहरण : मैं जब भी अपने घर में पढ़ने के लिए बैठा करती थी। तब बहुत सारे distraction से मैं सम्पूर्ण रूप से पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाती थी। लेकिन जब मैं अपने कम्फर्ट जोन से निकल कर मैंने स्टडी के लिए पुस्तकालय को चुना.. तब पढ़ायी में ध्यान से करने लगी।
5. परफेक्ट : कई बार अगर कोई कार्य पूर्ण रूप से परफेक्ट नहीं होता है.. तब हम कार्य को कल पर टालने लगते है। वास्तव में आप जानते है.. कल कभी नहीं आता। हमें यह विचारधारा अपने जीवन से दूर करने की आवश्यकता है कि जब तक कोई कार्य परफेक्ट नहीं होगा। अगले दिन करेंगे। कोई भी इंसान परफेक्ट नहीं है। हम अपने कार्य को निरंतर प्रयास और अभ्यास से 1% ही लेकिन बेहतर बना सकते है। आप अपनी ऊर्जा और पूरी शक्ति के साथ प्रतिदिन कार्य करे। धीरे - धीरे आप कार्य में बेहतर बनने लगते है।
6. सकारात्मक : कई बार आपका मनोबल, उत्साह और उमंग टूट सकता है। लेकिन आपको स्वयं पर विश्वास करना है.. अपने सपनों पर और अपने सकारात्मक विचारों पर। नकारात्मक वह धीमा विष की तरह है.. जो आपके आंतरिक मन और बाह्य शक्ति को धीरे - धीरे क्षय कर देती है। इसलिए आप स्वयं को रोज याद दिलाया कि आपका सपना बड़ा है और आप अपनी पूरी शक्ति से आलस्य को अपने जीवन से दूर करेंगे।
उदाहरण : मान लीजिये आप किसी एग्जाम का प्रिपरेशन कर रहे है। जब भी आपका नकारात्मक मन कहे कि असफलता के बारे में। तब उसी समय एक पेज में नकारात्मक विचारों को लिखें और लिखकर उसे डस्टबिन में फेक दे। आपको अपने प्रिपरेशन, मेहनत पर भरोसा करना है.. जीत जरूर आपकी होगी।
7. मदद ले : कई बार जीवन में ऐसे क्षण आते है.. जब हमें लगता है कि हम पूर्ण रूप से टूट गये है। तब उसी क्षण किसी ऐसे व्यक्ति (माँ- पापा, बहन, भाई, प्रेमी इत्यादि ) के पास जाये.. जो आपको सही मार्ग बताये। अगर आप खुद से procrastination दूर नहीं कर पा रहे है। तब आप फैमिली मेंबर्स या अन्य किसी therapist से मदद जरूर ले।
उदाहरण : अगर आप स्टडी में procrastination कर रहे है.. और आप इस समस्या को जीवन से दूर करना चाहते है.. तब अपने टीचर्स, क्लासमेट या सीनियर क्लास के स्टूडेंट्स के अपनी समस्या को साझा करे। आपकी समस्या का समाधान बता सकते है।
9. हेअल्थी हैबिट्स : अच्छी आदतों से जीवन हर्षपूर्ण, उमंगपूर्ण और ऊर्जापूर्ण बन जाता है। वही नकारात्मक हैबिट्स से जीवन निराश से परिपूर्ण हो जाता है। जब आपका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य तंदरुस्त रहता है.. तब आप अच्छे से कार्य करते है।इसलिए बेहद महत्वपूर्ण है कि आप अपना ध्यान रखे।
जब मैं सही से भोजन नहीं करती थी.. तब कोई भी कार्य करने का इच्छा नहीं करता था। धीरे - धीरे मैंने समझा..मेरे Procrastination का प्रमुख कारणों में एक कारण। इसलिए यह बेहद जरुरी है कि आप सही भोजन करे। उचित नींद ले। अच्छी किताबों को चयन करे। अपने तन और मन की शक्ति को मजबूत करे।
कुछ महत्वपूर्ण आदतें
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1. सुबह उठते ही मोबाइल ना देखे।
* सुबह उठने के बाद स्वयं से सकारात्मक affirmation कहे।
2. व्यायाम : व्यायाम वह महत्वपूर्ण क्रिया है.. जिससे तन और मन दोनों स्वस्थ रहता है। आलस्य को दूर करने का सशक्त उपाय व्यायाम है।
* मेडिटेशन आप कर सकते है।
* pushup कर सकते है।
* योगा आप कर सकते है।
* मजेदार गेम्स खेल सकते है।
3. पढ़े : उपरोक्त कार्य करने के बाद 20-30 मिनट जरूर दे। सेल्फ हेल्प मेक बुक्स पढ़ने के लिए।
* पढ़ने के बाद 5 लेसन लिखें। जो आपने बुक को पढ़कर सीख
* महत्वपूर्ण विचारों को अपने जीवन में भी अप्लाई करने का प्रयास करे।
यह कुछ बेहद महत्वपूर्ण टिप्स है.. जिससे अगर आप नियमित रूप से पालन करते है। तब आप जरूर से जरूर अपने procrastination को अपने जीवन से दूर कर पाएंगे।
स्वयं पर भरोसा रखिये
अपने मेहनत पर भरोसा कीजिये
एक दिन जीत जरूर आपकी होगी।
धन्यवाद
काजल साह
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