बुद्धि, ज्ञान और विनम्र स्वभाव ये तीनों विपदा के साथी हैं।विनम्र स्वभाव हमारे चरित्र को सशक्त, सभ्य और सुंदर बनाता है । इसलिए अमीर व्यक्ति हो या गरीब हमें हमेशा विनम्र स्वभाव दूसरों के प्रति रखना चाहिए। आज इस निबंध मैं आप सभी के साथ यह शेयर करने वाली हूं कि down to arth अर्थात साधारण औ विनम्ररहने के क्या - क्या लाभ है?
20 वीं सदी के महानायक गांधी जी,जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन सादगी, सरलता और विनम्र ,स्वभाव के साथ जिया। उनके जीवन एवं संघर्ष हमें अहिंसा,प्रेम भाव, सरलता एवं विनम्रता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करता है।सबसे पहले यह जानने का प्रयास करेंगे कि down to earth रहने से क्या व्यक्तिगत लाभ हैं?
1. मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है अर्थात समाज में जन्म लेता है और समाज में ही उसी समाज में उसकी मृत्यु तय है। ईष्र्या, दुश्मनी अंहकार ,घृणा ये सब हमारे आचार - विचार , व्यक्तित्व खोखला कर देती हैं। इन सभी विकारों को दूर करने का सशक्त तरीका है विनम्रता को जीवन में अपना। ऐसे अनेक लोग हैं,जो बाहरी दिखावट के लिए अहंकार करते हैं, घृणा इत्यादि करते हैं।लेकिन विनम्र स्वभाव दिखावे की दुनिया से दूर करने में सहायक है अर्थात आत्म-संतोष बढ़ता है,जिसकी वजह से हमारा मन शांत रहता है।
2. निर्णय : प्राचीन काल के श्रेष्ठ कवि तुलसीदास जी ने भी कहा था - कठिन परिस्थितियों में विनम्र स्वभाव सच्चा मित्र है । लेकिन अधिकांश लोगों के जीवन में जब कठिन परिस्थितियां आती है, तब वे विनम्र स्वभाव भूल जाते हैं। विनम्रता यह गुण सहायक करता है, बेहतर निर्णय लेने में और हर परिस्थितियों में सजग रहने में।
3. सीखना: सीखाना जीवन पर्यन्त क्रिया है अर्थात जब तक जीवन है,तब तक सीखते रहना है ।लेकिन जब हम अहंकार से वशीभूत रहते हैं,तब हम अपने ज्ञान और स्वयं को श्रेष्ठतम समझने लगते हैं,जिसकी वजह से हम कुछ नया सीखना नहीं चाहते,लेकिन down to arth यह एक सबसे उत्तम गुण इसलिए है,क्योंकि यह गुण हमें हमेशा किसी व्यक्ति से,या किसी किताब से कुछ नया सीखने के लिए। महात्मा गांधी जी बचपन से लेकर जीवन के अंतिम समय तक सीखते रहे। विनम्रता और सरलता के साथ सीखते रहें और आगे बढ़ते रहे,इसलिए देशवासियों के लिए पहले भी बापू थे और आज बापू हमारे दिल में अमर है।
4. धैर्य और एकाग्रता: शांत मन धैर्य और एकाग्रता का केंद्र बिंदु है।स्वामी विवेकानंद जी ने भी कहा था- संयमित मन हमारा सबसे बड़ा मित्र और असंयमित मन सबसे बड़ा शत्रु। विनम्रता हमारे मनp को संयमित करने में बहुत बड़ी भूमिका अदा करता है अर्थात विनम्र केवल हमारे स्वभाव को ही संयमित नहीं करता बल्कि नकारात्मक विचार से नकारात्मक कार्य करने से रोकता है। विनम्र स्वभाव मदद करता है कि हम ध्यानपूर्वक सोचे - विचार करें और आगे बढ़ें।
तो देखा आपने विनम्र स्वभाव का कितना सकारत्मक प्रभाव हमारे चरित्र पर पड़ता है। इसलिए विनम्रता का चयन कीजिए और जीवन को सादगी से पूर्ण कीजिए।
अब हम यह जानने का प्रयास करेंगे कि विनम्रता का क्या लाभ सामाजिक और पेशेवर जीवन में भी?
सामाजिक और पेशेवर जीवन में विनम्रता की बहुत बड़ी भूमिका है। विनम्र आचार - विचार हमारे सामाजिक और पेशेवर जीवन को सशक्त, सभ्य एवं सुंदर बनाने में श्रेष्ठ भूमिका अदा करता है।
1. संबंध : अहंकार,घृणा ये सब ऐसे विकार है, जो हमारे चरित्र को कमजोर कर देती है और कई सारे अवसरों को छीन लेती है। लेकिन विनम्र और सरल स्वभाव से लोगों से हम अधिक जुड़ते हैं और सहज महसूस करते हैं।इसलिए हमें हमेशा विनम्रता के स्वभाव को अपनाना चाहिए।
2. सम्मान: ऐसे व्यक्ति को कोई पसंद नहीं करता,जो अहंकारपूर्ण हो। हम ऐसे व्यक्ति को पसंद करते हैं,जो विनम्र एवं अहंकार शून्य हो। ऐसे लोगों को छोटे से हर व्यक्ति सम्मान देता है। अर्थात विनम्रता के गुण से सम्मान प्राप्त होता है।
सामाजिक और पेशेवर जीवन में विनम्रता का बहुत बड़ा योगदान है। व्यक्तिगत, सामाजिक और पेशेवर लाभ के बाद मानसिक शांति और स्वास्थ्य में भी बहुत बड़ी भूमिका अदा करता है। जैसे: तनाव कम होता है,आंतरिक खुशी मिलती है, स्वस्थ्य जीवनशैली अपनाने में मदद मिलती है। तो आपने देखा कि विनम्र स्वभाव के कितने लाभ है।इसलिए विनम्रता को जीवन में अपनाएं और दुर्गुणों को जीवन से हटाएं।
धन्यवाद
काजल साह
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