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06/04/2025 Kajal sah Development Views 222 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
अतीत – वर्तमान

अतीत अर्थात बीता हुआ समय। जो समय बीत जाता है,वह समय पुन: वापस नहीं आएगा।यही कारण है कि समय को सबसे शक्तिशाली कहा जाता है।धन,ऐश्वर्य ,स्वास्थ्य यह सब पुन: पाया जा सकता है,लेकिन जो समय बीत गया,उसे पाना संभव नहीं। इतिहास पढ़ने से हमें यह जानकारी प्राप्त होती है,कि अतीत में क्या – क्या हुआ था और उन पाठों को सीखकर जीवन में उतारना हमें चाहिए।इतिहास विषय जीवन से जुड़ा विषय है। बीते हुए समय में जो भी गलतियां हुई या कुछ अच्छा हुआ। उनसे सीखकर हमें आगे बढ़ना चाहिए, न कि वर्तमान समय में बीते हुए विचार/ कार्य/ गतिविधियों को याद करके वर्तमान क्षणों को बर्बाद करना चाहिए।अतीत को याद करने से वर्तमान के कार्यों पर ध्यान केंद्रित नहीं होता और वर्तमान में जो हम करते हैं,उसे से ही हमारा भविष्य निर्धारित होता है।इसलिए अतीत में नहीं,बल्कि वर्तमान पर हमें ध्यान देना चाहिए।आज इस निबंध का विषय है – " अतीत में नहीं,बल्कि वर्तमान पर ध्यान दें। 1.सत्य: समय सबसे प्रबल एवं शक्तिशाली होता है।वर्तमान समय अतीत को याद करके समय बर्बाद करने के लिए नहीं है,बल्कि अतीत की गलतियों को सुधारने का सबसे सुअवसर होता है।यही कारण है कि वर्तमान ही जीवन का सत्य है। अतीत बीत चुका है,भविष्य के बारे में हमें कुछ नहीं पता अर्थात अनिश्चित है।केवल वर्तमान ही हमारे हाथ में।और जो व्यक्ति इस पल को अर्थात वर्तमान क्षणों का उपयोग जागरूक एवं सर्तकता से करता है,वह व्यक्ति ही जीवन में आगे बढ़ पाता है।इसलिए अतीत में नहीं ,वर्तमान में जीना हमें जीना सीखना चाहिए। 2.बचाव: अतीत में अच्छे एवं बुरे पल दोनों होते हैं। अधिकांश मनुष्य अतीत में उनके साथ जो बुरा हुआ अर्थात बुरे घटनाओं,बुरे विचारों को वर्तमान में याद करते हैं।अतीत के बारे में सोचने से सिर्फ पछतावा और दुख ही मिलता है,जो मानसिक शांति को नष्ट करता है।जिसकी वजह से अमूल्य वर्तमान समय बर्बाद हो जाता है,जिसकी वजह से भविष्य अंधकारमय हो जाता है।इसलिए यह बेहद जरूरी है कि वर्तमान पर हमें ध्यान देना चाहिए। 3.ऊर्जा,समय ,एकाग्रता और उन्नति: किसी भी मंजिल तक पहुंचने के लिए ऊर्जा,एकाग्रता और समय इन तीनों के उपयोग से लक्ष्य की प्राप्ति संभव है।जब हम वर्तमान में अतीत के घटनाओं को याद न करके समय एवं ऊर्जा का उपयोग एकाग्रता से लक्ष्य की प्राप्ति के लिए करते हैं,तब उन्नति संभव है।समय एवं ऊर्जा सीमित है।इसलिए समय एवं ऊर्जा वर्तमान में अतीत को याद करके व्यय नहीं करना चाहिए,अपितु एक – एक मिनट, और तन और मन से एकाग्रता से वर्तमान में लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमें कार्य करना चाहिए। 4.आत्मविश्वास,आत्म–सुधार एवं आत्मविकास:वर्तमान में बीते हुए घटनाओं को याद करने से न केवल समय एवं ऊर्जा बर्बाद होता है,अपितु आत्मविश्वास ,आत्मज्ञान और आत्मनिरीक्षण इत्यादि ये सभी भी बर्बाद होते है।आत्म–सुधार की ओर नहीं आत्म–पतन की ओर बढ़ते हैं।इसलिए वर्तमान क्षणों में हमें हमेशा वर्तमान पर ध्यान देना चाहिए।वर्तमान के कार्यों पर ध्यान देना चाहिए,जिससे हमारे आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी,आत्म–विकास होता है एवं आत्म–सुधार होता है। 5.आनंद एवं शांति: प्रत्येक मनुष्य जीवन में आनंद एवं शांति की चाहत रखता है।अगर किसी व्यक्ति के पास धन –दौलत है,लेकिन जीवन में आनंद एवं शांति ही नहीं है ।वह धन– दौलत उस व्यक्ति को अच्छा नहीं लगेगा।यह शांतिपूर्ण एवं आनंदपूर्ण जीवन संभव है,अगर वर्तमान क्षणों में सदुपयोग कार्य करें।लक्ष्य प्राप्ति के दौरान रास्ते में अनेक दुविधाओं का आना स्वाभाविक बात है और हर दुविधाओं को समाना हर व्यक्ति को निर्भय होकर करना चाहिए।जो व्यक्ति निडरता से आगे बढ़ता है,वहीं व्यक्ति ही कर्मवीर है। वर्तमान में अतीत को याद करने से केवल दुख,तकलीफ एवं समय बर्बाद होता है।वर्तमान क्षण में पूरी तरह जीने से हम जीवन के छोटे– छोटे सुखों को महसूस कर लाते हैं।छोटी– छोटी सुख जी मन को शांति प्रदान करती है। समय बेहद ही सीमित है।इसलिए समय का उपयोग करें ।वर्तमान क्षणों का उपयोग करके खुद को योग्य बनाएं न कि अतीत को याद करके खुद को अयोग्य बनाएं।अन्य मुख्य बिंदु और है – रिश्तों में सुधार,अवसरों की पहचान होती है,अनावश्यक सोच से मुक्ति ,आत्म–नियंत्रण एवं सफलता। आशा करती हूं कि यह निबंध आपको अच्छा लगा होगा। धन्यवाद काजल साह

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