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12/07/2023 Kajal sah Story Views 291 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
कहानी : लगाव
लगाव किसी सजीव से होना हमारे लिए घातक हो जाता है। क्युकी सजीवों का शरीर नश्वर है,किसी को भगवान पहले बुला लेते है, किसी को भगवान बाद में। कुछ ऐसी ही कहानी जो आज मैं आपके साथ साझा करना चाहती हूँ, जो 2 दिन पहले हमारे परिवार के लोगों ने इस पीड़ा को महसूस किया।
जनवरी का माह 2023 चल रहा था, हमारे मुहल्ले में एक कुत्तिया ने 5 पिल्लो को उसने जन्म दिया।
सभी बच्चे खूब सुंदर थे, लेकिन ना जाने उसके किस्मत कैसी थी जब  भी उसका बच्चा होता है, कुछ दिनों बाद ही उसके बच्चें की मृत्यु हो जाती। लेकिन इन पांच बच्चों में से 4 बच्चें की मृत्यु जन्म के कुछ दिनों बाद हो गई लेकिन एक बच्चा बड़ा सुंदर सफ़ेद एवं काला रंग में था।
मेरी दीदी को जानवर से बहुत प्यार है, तब उन्होंने उस पप्पी को अपने संग अपने पास रखकर दीदी सुलाया करती थी। तब दीदी और मेरे छोटे भाई ने अपनी बात जाहिर कि हम इसे पालेंगे।
हमारे घर के सारे सदस्य अपने पप्पी के संग खेला करते थे, हमारा पप्पी बहुत इनोसेंट, भोला एवं बुद्धिमता से पूर्ण था। बाहर में सभी बच्चों के साथ खेला करता था, एवं घर में चार -चाँद उसके होने से हमेशा लगता था।
उसका पसंदीदा भोजन :
चिकन
दूध
चाय -  रोटी इत्यादि।
जब मेरी दीदी कि शादी थी, तब हमारा पप्पी भी गाने सुनकर नाचता, सभी मेहमान के नजदीक जाके सो जाता इत्यादि उसके हर कार्य बहुत मजेदार था।
मेरे पापा उसे अपने बच्चें कि तरह प्यार करते थे, उसके लिए सुबह 4 बजे उठके भोजन, शौचालय पापा लेकर जाते थे।
6 महीने यह सफऱ बहुत सुंदर था, लेकिन वो कहते है ना जो आये है उसे एक दिन जाना ही पड़ता है। किसी को पहले या किसी को बाद में।जून महीने की बात है, पप्पी हमारा घर के अंदर नहीं अब बाहर सोता था।मम्मी उसे रोज नहाती, उसको खाना खिलाती। लेकिन जून महीने से वो हमलोग के घर भी नहीं आया करता, केवल बाहर ही रहता।बाहर का रास्ते का सामान खाया करता था। हमलोग ने सब मिलके के कोशिश कि लेकिन वो हमें दूर होने लगा। लेकिन मेरे पापा उसे बहुत प्यार करते थे, इसीलिए प्रतिदिन रोज सुबह भोजन ले जाके बाहर रख दिया करते थे। लेकिन एक समय ऐसा घटना घटा जो अविश्वनीय था, क्युकी हमारा पप्पी बाहर में नहीं था। हमलोग बहुत उदास थे, लेकिन हमलोग के अंदर एक आस थी कि पप्पी जरूर आएगा। तीन दिनों के बाद सुबह - सुबह जब मैंने विद्यालय जाने के लिए दरवाजा खोला तब मैंने पप्पी को देखा, वो मुझे देखकर रोने लगा एवं मम्मी को उसने जैसे ही देखा मम्मी को देखकर और रोने लगा। क्युकी हमारा जान हमारा प्यारा पप्पी आ गया था, लेकिन उसके बाद कुछ दिनों तक वह कुशल मंगल रहा लेकिन कुछ दिन बाद ही......
धन्यवाद
काजल साह
स्वरचित
                             

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