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16/09/2023 Kajal sah Development Views 236 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
आपके अंदर निहित सारे दुश्मन का अंत होगा

क्या आप मुझे बता सकते है? आपके जीवन में अभी कितने दुश्मन है? क्या आपके जीवन का दुश्मन व्यक्ति, कोई वस्तु है? आपको पता है हमारे जीवन का दुश्मन ना तो कोई इंसान है, ना कोई वस्तु है। हम स्वयं ही खुद के दुश्मन है। अगर हम अपने अंदर नकारात्मक गुणों को निहित रखते है। तब हम स्वयं के सबसे बड़े दुश्मन है एवं जब हमारे अंदर सकारात्मक गुण होते है, तब हम एक अच्छा इंसान बन सकते है। आज मैं आपको बताने वाली हूं, हमारे जीवन का सबसे बड़ा दुश्मन कौन है? चलिए निम्नलिखित दुश्मनों की जानकारी : 1.समय : जैसे कि समय सबसे बहुत बलवान होता है, जो किसी के घाव को भर भी सकता है यानि किसी नए घाव का निर्माण भी कर सकती है। बहुत सारे लोग समय कों मुफ्त मानकर व्यर्थ करते है। इसलिए वो भविष्य में दूसरों से पीछे हो जाते है। इसलिए आपके अपने समय का सदुपयोग उचित तरिके से करना होगा। अपने कमियों कों जानकर उसका अंत करना होगा। 2. नकारात्मक : आपको पता है सकारात्मक सोच ही हमें उन्नति की तरफ अग्रसर करती है। जितना नकारात्मक सोचते है हमारा आचरण भी वैसे बनने लगता है। हमारा सबसे बड़ा दुश्मन - नकारात्मक सोच, नकारात्मक कार्य, नकारात्मक व्यवहार। इन सभी का अंत शीघ्र ही करना है निद्रा : सब जाग रहे तू सोता रहें, किस्मत कों थामे रोता रहे। सफलता ऐसे ही हमें नहीं मिल जाती, उसके लिए बहुत कुछ त्यागना पड़ता है। आप जितना सोते रहेंगे आप उतना खोटे रहेंगे। इसलिए निंद्रा अत्यधिक ना ले। यह निंद्रा भी आपका सबसे बड़ा दुश्मन है। रूपये : अगर आज आपने रूपये कों बचा लिया, तो कल वही रूपये आपको मुसीबत में बचा लेंगा। इसलिए पैसे कों वेवजह खर्च ना करें। उसका सही से प्रबंध करें। उसका सही से नियोजन करें। सेविंग करें, अपने ऊपर इन्वेस्ट करें, अच्छे स्थान पर इन्वेस्ट करें। लक्ष्य का आभाव : क्या जिंदगी का मकसद है? खाना खाना, काम करना, पढ़ना लिखना और सो जाना। नहीं जिंदगी बहुत महत्वपूर्ण बन सकती है। अगर आपके जीवन में लक्ष्य होगा। उस लक्ष्य के प्रति दृढ मेहनत, लग्न, प्रयास होगा। तब आवश्यक ही अपने लक्ष्य तक पहुँच सकते है। व्यक्तितत्व : अगर आपको आगे निकलना है, तब सबसे पहले आपको अपने व्यक्तितत्व पर निष्ठा के साथ कार्य करना होगा। अपने कमियों कों, अपने बुराइयों कों, अपने अंदर के अहंकार का अंत करना होगा। यही माइंडसेट कि I am the best. हमें हमेशा हार की ओर अग्रसर करती है। इसलिए प्रतिदिन सीखे और उसे अपने जीवन में अप्लाई करें। क्षमताओं की कमी : हम सभी के अंदर वो सारे एबिलिटी है, जिसके माध्यम से हम उन्नति के मार्ग पर अग्रसर होगा सकते है। लेकिन हम यह समझने लगते है कि हमारा पास एबिलिटी ही नहीं। यही सोच कि हमारे पास क्षमताओं का आभाव है यही सोच हमें नरक यानि असफलता की ओर ले जाती है। इसलिए अपने क्षमता कों पहचाने। अपने कमजोरीयों कों पहचान कर उसे ठीक करने का प्रयास करें। रिश्तों : हमारे जीवन में रिश्तों का अलग महत्वपूर्ण स्थान है, इसलिए रिश्तों के महत्वपूर्ण कों समझें। हम मनुष्य है हमारे पास फीलिंग्स है (दुख, सुख, हँसी, मज़ाक इत्यादि )हर सकारात्मक रिश्तों कों महत्व दे, उससे सीखे एवं आगे बढ़ें। स्वार्थ : यह स्वार्थ भी हमारा दुश्मन है। केवल अपने बारे में सोचते रहना, दूसरों के प्रति निंदा भाव, तिरिस्कार का भाव इत्यादि सारे अवगुण स्वार्थी व्यक्तियों में होता है। इसलिए यह अनिवार्य है कि स्वार्थ का अंत करें एवं सफल विचार, लोगों के बारे में अच्छा सोचे। परिस्थिति :हमारा एक सबसे बड़ा दुश्मन यह भी है कि परिस्थियों के अनुसार हम नहीं बदलते। जो शुरू से चला आप रहा है, उसी कों सत्य और सबकुछ मानते है। जिस प्रकार दुनिया प्रोग्रेस कर रही है, वैसे हमें भी प्रोग्रेस करना होगा। बदलते दुनिया के अनुसार हमें खुद कों बदलना होगा। लेकिन याद रखें (यह बदलाव सकारात्मक होना चाहिए )। अत्यधिक : आत्मविश्वास आवश्यक है, लेकिन अत्यधिक आत्मविश्वास हमारे लिए ही घातक है। और यह हमारे जीवन का दुश्मन है क्युकी इसके चलते बहुत सारी हानियाँ है - 1. ज्ञान का आभाव 2. अहंकार 3. घमंड 4. सिखने की इच्छा का लोप इत्यादि। इसलिए अत्यधिक आत्मविश्वास हमेशा घातक है, यह हमें केवल निराशा ही हमें देता है। प्रबंध : एक फेलियर और सक्सेसफुल लोग में यही अंतर है कि सक्सेसफुल व्यक्ति कोई भी कार्य कों बहुत ही नियोजन तरीके से करते है एवं फेलियर व्यक्ति हमेशा शार्ट कट अपनाते है, इसलिए ख़ुशी भी शार्ट कट तक ही लिमिट रहती है। यह शार्ट कट तरीका फॉर सक्सेस हमारे लिए हमेशा घातक है। ज्ञानी : हम जानते है ज्ञान समुन्द्र कि तरह है जिसका अंत कभी नहीं होगा सकता है। ज्ञान, शिक्षा, सीखना यह सब जीवन पर्यन्त क्रिया है। जो हमेशा चलती है। लेकिन कुछ व्यक्ति यह समझते है कि हमारे पास ज्ञान का भंडार है और मेरे सामने हर व्यक्ति छोटा है। तब यही आपका सबसे बड़ा दुश्मन है। इसलिए आपका यह कोशिश होना चाहिए कि स्वयं कों ज्ञानी ना माने, ज्ञान का अहंकार ना करें, सभी कों सम्मान दें। ज्ञान बांटे और अपने ज्ञान का विकास करें। आप स्वयं में से इन कमियों का अंत करें ,अगर आपने शीघ्र ही नहीं किया तब आप हमेशा असफलता का ही सामना करना पड़ेगा। चलिए ध्यान रखिये अपना अब आपसे मिलती हूं अगले निबंध में। धन्यवाद काजल साह

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