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13/07/2024 Kajal sah Development Views 241 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
विकाशील से विकसित

भारत अर्थात एक ऐसा देश जो प्रकाश की ओर जुटा हुआ है..निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर है। भारत के प्रधानमंत्री आदरणीय नरेन्द्र मोदी जी भारत देश को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने का उन्होंने संकल्प लिया है।नरेंद्र मोदी जी के साथ यह समक्ष 114 करोड़ इंडियन का स्वप्न भी है। भारत एक विकाशील देश है। ग्लोबल रूप से भारत पाँचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। लेकिन फिर भी हमारे देश के लोग का प्रति व्यक्ति आय वार्षिक $2540 डॉलर कुछ है।चीन दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। वहां प्रति व्यक्ति आय (प्रतिवर्ष )$13,400 है।यह बहुत बड़ा अंतर है। अब प्रश्न है कि क्या भारत 2047 तक विकाशील राष्ट्र से विकसित राष्ट्र बन सकता है? आज इस निबंध के माध्यम यह जानेंगे कि हम सभी को किन - किन क्षेत्रों पर विशेष रूप से कार्य करना चाहिए? जिससे भारत की आर्थिक व्यवस्था मजबूत बन पाए। निम्नलिखित क्षेत्रों पर कार्य : ................................. 1. शिक्षा : शिक्षा किसी भी देश का महत्वपूर्ण आधार है। अमेरिका, जापान, चीन, रुस इत्यादि देश इसलिए आगे है.. क्युंकि उन्होंने शिक्षा पर महत्वपूर्ण रूप से ध्यान दिया है। दुख की यह बात है कि भारत जहां पहले नंलादा, तक्षशिला जैसे स्थानों पर अन्य - अन्य देश के लोग पढ़ने आते थे। जब भारत देश हमारा ज्ञान का प्रतीक था। आज भारत के अनेक विद्यार्थी अन्य स्थान पर ( दूसरे देशों ) में जाकर शिक्षा ग्रहण कर रहे है। 15-18 से एक स्टूडेंट अपना समय व्यतीत कर देता है.. पढ़ने में। लेकिन पढ़ने के बाद सही कार्य सही वेतन मिलने में अनेक कठनाईयों का सामना करना पड़ता है। स्वामी विवेकानंद जी ने कहते है हमें तो ऐसी शिक्षा चाहिए, जिससे चरित्र बने, मानसिक बल बढ़े एवं बुद्धि का विकास हो और मनुष्य अपने पैरों पर खड़ा हो सके।शिक्षा जीवन का मुख्य आधार है। जब तक पढ़ेगा नहीं इंडिया.. तो कैसे बढ़ेगा इंडिया? इसलिए यह अनिवार्य है कि हमें ऐसी शिक्षा को विकसित करना चाहिए.. जो स्वामी जी एवं अन्य महान लोग चाहते थे। प्रारंभिक, माध्यमिक एवं उच्च स्तर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को विकसित करना चाहिए। आज हम सभी 21 वीं सदी में जी रहे है। आज इस डिजिटल युग में स्कूली स्तर से ही महत्वपूर्ण कौशल का प्रशिक्षण प्रदान करना चाहिए। जैसे : क्रिएटिविटी स्किल, प्रॉब्लम सोलविंग, क्रिटिकल स्किल, टेक्नोलॉजी स्किल इत्यादि। * वोकेशनल : बहुत ख़ुशी की बात है कि नई शिक्षा प्रणाली 2020 में विभिन्न स्कूली स्तर से विद्यार्थियों के लिए वोकेशनल ट्रेनिंग शामिल किया गया है। यह बेहद जरुरी है कि छात्रों को रोजगार के अवसरों के लिए। 2. बुनियादी ढांचे : बिहार में पिछले 15 दिनों में 7 ब्रिज गिर गये! यह हमारे देश का बुनियादी ढांचा है। जहां प्रतिमाह सड़क, रेल एवं हवाई अड्डों का बुनियादी ढांचा कमजोर है। कोई भी देश तब विकसित बन पायेगा जब वहां का बुनियादी ढांचा मजबूत हो। सड़क, रेल एवं हवाई अड्डों का आधुनिकीकरण करना अत्यंत जरुरी है। # बिजली और पानी की आपूर्ति में सुधार करना भी बेहद जरुरी है। शहर, गांव एवं हर छोटे इलाके तक विश्वसनीय एवं सस्ती ऊर्जा एवं पानी पहुँचने का प्रयत्न करना चाहिए। यह तब ही संभव हो पायेगा... जब हम सभी पर्यावरण के प्रति जागरूक रहेंगे। जब हम सभी सामूहिक रूप से पर्यन्त करेंगे.. अपने पर्यावरण को स्वच्छ एवं सुन्दर बनाने का। 3. व्यवसाय : भारत देश के बेहद युवा बेरोजगार है।भारत देश के अधिकांश युवा जॉब सीकर है। हमारी शिक्षा व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए.. जिससे युवा जॉब प्रोवाइडर बने।शहर, गांव एवं हर छोटे - छोटे स्थानों पर छोटे - छोटे एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देना चाहिए।जिस प्रकार गुजरात में कुटीर उद्योग को बढ़ावा दिया जाता है। गुजरात की अधिकांश महिलाएं भी कुटीर उद्योग करती है। ठीक उसी तरह भारत के अलग - अलग राज्यों में हर छोटे,मध्यम उद्योग का निर्माण करना चाहिए।यह एक महत्वपूर्ण पहल हो सकता है.. जिससे भारत आर्थिक रूप से मजबूत बन सकता है। 4. जेंडर : भारत देश की आधी आबादी महिला है। एक रिपोर्ट के अनुसार केवल भारत में 18% महिला ही कार्य करती है।क्या केवल आधी आबादी से क्या भारत विकाशील से विकसित राष्ट्र बन सकता है? उत्तर है नहीं!जिसके वजह से महिला भारत के जीडीपी में बहुत कम योगदान दे पा रही है। माता- पिता को यह सोच बदलने की नितांत आवश्यकता है.. कि लड़कियों को शिक्षित करके उसका विवाह अन्य व्यक्ति से करा देते है। शिक्षित होने के बाद महिलाओं को अपने पति पर निर्भर रहना पड़ता, घरेलू हिंसा सहना पड़ता है।भारत देश तब द्रुत गति से आगे बढ़ पायेगा.. जब हमारे देश में महिला भी पढ़कर - लिखकर, कौशल अर्जित करके स्वयं पर आत्मनिर्भर रहे। देश के विकास के पथ पर योगदान दे। 5. स्वास्थ्य : स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिक निवास करता है। किसी भी देश के विकास लिए सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा अत्यंत भूमिका अदा करती है।मैं आपको खुद का अनुभव साझा करना चाहती हूं। मैं वेस्ट बंगाल के बिचालीघाट में रहती हूं। जहां सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा का आभाव है। केवल यहाँ ही नहीं भारत के कई ऐसे राज्य है, कई ऐसे स्थान है.. जहां उचित एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा का आभाव है। बहुत से लोग अपना जान गंवा बैठते है। कोविड के दौरान अनेक लोगों ने ऑक्सीजन ना मिलने के कारण हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया। गांव से लेकर शहर तक हॉस्पिटल का सिस्टम अच्छा नहीं, सही डॉक्टर एवं नर्स का आभाव।जब नागरिक स्वस्थ नहीं रहेंगे... तब तक कोई भी राष्ट्र विकसित नहीं हो पायेगा। इसलिए नितांत आवश्यकता है कि सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा में सुधार करनी की। 6.मानसिक स्वास्थ्य : स्वस्थ तन जिस प्रकार जरुरी है, ठीक उसी प्रकार स्वस्थ मन भी नितांत आवश्यकता है। आज देश के युवा कहाँ जा रहे है? आज युवा जा रहे है पोर्न की ओर, आज युवा जा रहे है, नशीले पदार्थो की ओर, आज युवा अपना समय व्यर्थ कर रहे है.. अपने पसंदीदा एक्टर, एक्ट्रेस इत्यादि के जीवन को देखने में। जिस ओर भारत का युवा जायेगा.. भारत का भविष्य भी उसी दिशा में जायेगा। कितनी दुख की बात है! हमारे देश में प्राचीनतम एवं अनोल महाग्रंथ है ( भगवत गीता, रामायण इत्यादि ) अन्य देश में हमारे धर्म ग्रंथो को पढ़ाया जाता है। जिससे वहां के लोगों का मानसिक स्वास्थ्य मजबूत होता है। युवा जब सशक्त होगा.. तब भारत मजबूत होगा। इसलिए यह बेहद जरुरी है.. अल्प आयु से ही बच्चों के अंदर सदगुणों को विकसित करने का प्रारंभ कर देना चाहिए। हमारे स्कूल एवं कॉलेज में अनिवार्य रूप से हमारे प्राचीनतम धर्म ग्रंथ शामिल जरूर करना चाहिए। नंलादा जहां अनेक किताबें थी... जब खिलजी ने उसे जलाया था.. तब अत्यधिक किताब होने के कारण नंलादा विश्वविद्यालय महीनों तक जलता रहा। हम सभी ने ज्ञान का भंडार पहले ही खो दिया। जो अभी हमारे पास प्राचीनतम ग्रंथ है, उनका हमें सम्मान करना चाहिए एवं पढ़ना चाहिए। जिससे हम मानिसक रूप से मजबूत एवं सबल चरित्र का निर्माण होगा। 7. नवाचार : जापान पर परमाणु बम हमले के कारण वह देश बिखर गया था। लेकिन रीस्टार्ट के बाद। आज जापान टेक्नोलॉजी में सबसे आगे है।यह सब उनके कठिन परिश्रम के वजह से हो पाया है। भारत देश तब विकसित हो पायेगा.. जब हमारे देश में नवाचार एवं उद्यमशीलता को बढ़ावा दिया जायेगा। आज हम सभी डिजिटल युग में जी रहे है। मोबाइल फ़ोन का उचित इस्तेमाल अधिकांश लोग को भारत में पता ही नहीं। टेक्नोलॉजी केवल मनोरंजन का प्रतीक नहीं अपितु मनोमंजक का भी प्रतीक है। आज AI भी आ चूका है। युवाओं को अपने समय को व्यर्थ के कार्यों में बर्बाद ना करके अपने समय को उपयोगी ढंग से उपयोग करना चाहिए। 8. विदेश नीति : भारत को अन्य देश के साथ अपने संबंध और मजबूत करने की आवश्यकता है।जितना इंटरनेशनल रिलेशन मजबूत होगा.. देश अत्यधिक उन्नति करेगा। लेकिन हमें अपने देश को एक निर्यात देश बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा उत्पादक पर ध्यान देना होगा। हमारा देश अन्य देश से समाग्री लेते है। ऐसे अन्य देशों का लाभ ज़्यादा होता है।इसलिए यह जरुरी है कि हर भारतीय को कठिन से कठिन मेहनत करना चाहिए। यह कुछ महत्वपूर्ण क्षेत्र है। जिस पर अनिवार्य रूप से कार्य करना चाहिए। हम सभी को सामूहिक रूप से कार्य करना चाहिए। एक दिन जरूर भारर देश हमारा पुन : एक विकसित राष्ट्र बनेगा। धन्यवाद काजल साह

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