आज मैं आपको ऐसे चाभी को बताऊंगी, जिससे जीवन के हर समस्या निदान कर पाएंगे। जिस प्रकार बंद ताले को चाभी के माध्यम से खोला जाता है, उसी प्रकार जीवन के हर पल को आनंदित से जीने का चाभी आपके पास है - वह है शिक्षा।
शिक्षा समस्त मनुष्यों का आधार है, शिक्षा से मानव का मानवता प्रस्तुत होता है, शिक्षा से मनुष्य - विचारत्मक, क्रियात्मक रूप से सही कार्य एवं निर्णय ले पाते है। शिक्षा ऐसा प्रसाद है, जिससे मन पुलकित और मन से नकारात्मकता दूर हो जाती है।
किसी बच्चों का मूल आधार शिक्षा ही है। जिस प्रकार गिली मिट्टी को जैसा शुरू में आकार देंगे। गीली मिट्टी उसी के रूप में परिवर्तित हो जाएंगी। ठीक उसी प्रकार बच्चों का मन होता है, जैसा उनका वातावरण, शिक्षा, देंगे - वह बच्चा उसी के अनुसार परिवर्तित होगा।
अगर बचपन सही परवरिश का आभाव रहा है, तब धीरे - धीरे उस बच्चे का जीवन अंधकारमय बनने लगेगा। इसलिए हमें बच्चों को शुरू से सही वातावरण देना चाहिए, वह फूल की नई कली होते है, जिसके माली उनके घर में माता - पिता है। उनका सही आहार, एनवायरनमेंट प्रदान करना चाहिए।
आज मैं आपको बताने वाली हूं कि किस प्रकार से आप छोटे बच्चों को पढ़ा सकते है।जब भी आप छोटे बच्चे या अपने बच्चों को पढ़ाये तब आप उनके मनोवैज्ञानिक के अनुसार ही पढ़ाये।
आज मैं आपको कुछ टिप्स बताऊंगी, जिससे आप किसी भी बच्चो को सही रूपी कैसे पढ़ा सकते है, उससे जुड़े महत्वपूर्ण टिप्स बताऊंगी। क्या आप जानने को तैयार है?
1. क्रिएट : जब बच्चा छोटा है, तब इसका अर्थ यह नहीं है कि आप शुरू में A for Apple, B for ball इत्यादि सिखाने लगे। इसे जरूर सिखाये लेकिन जब बच्चा छोटा है 3-6 वर्ष का तब आप अपने घर में बच्चे के ख़ुशी के अनुसार अलग वातावरण बनाये।
जैसे कि आप उस वातावरण में रख सकते है :
1. मोरल वीडियोस विथ कार्टून
2. म्यूजिक 3. टॉयज इत्यादि।
2. रूटीन : सफलता का सार है अपने कार्यों को सही समय पर करना, multitasking ना बनना। यह बाते हम बड़ो के लिए है। लेकिन अगर आप शुरू से ही अगर बच्चों को सही समय खेलने, उठने, अच्छी बातो के लिए समय तय कीजियेगा, तब ऐसे प्रतिदिन करने से यह बच्चे की आदत बन जाएंगी और बच्चा प्रतिदिन इसे पालन करेगा।
विसुअल : आप अपने बच्चों के लिए ऐसा विद्यालय का चयन करे, जहाँ बच्चों को विसुअल विथ ऑडियो के साथ पढ़ाया जाये। जैसे : विभिन्न चार्ट्स, कार्टून, मोरल स्टोरीज इत्यादि के माध्यम से आप बच्चे ज्यादा अच्छे से समझ पाते है। और आगे जीवन में भी अपना अच्छा प्रदर्शन कर पाते है।
शुरू : मुझे अभी भी याद है, जब क्लास 1-5 में थी, तब मेरे स्कूल के टीचर्स मेरी हमेशा तारीफ करते थे, क्युकी मैं बहुत प्रश्न पूछा करती थी। मेऱा नाम भी सभी ने रखा दिया था : क्यूँ - क्यूँ लड़की? आप अपने बच्चे के प्रश्न को अनदेखा ना करे, क्युकी अगर आप शुरू से ही उनके साथ ऐसा शुरू से ही व्यवहार करेंगे, तब वे बड़े होकर अपने मन के शंका को दबाये रखेंगे। इसलिए हर पेरेंट्स, टीचर्स से यही रिक्वेस्ट है जब - जब बच्चा प्रश्न पूछे, उनके हर सवाल का जवाब देने का प्रयास करे। उन्हें डांटे नहीं, उनके हर सवाल का जवाब कोमल स्वभाव में दे।
प्रोवाइड : अभी भी याद है, मुझे। जब मैं 1 रूपया का चॉक्लेट जीत जाती थी, अगर मेरे कोचिंग के सर मुझे चॉक्लेट देते है, मेरे हर छोटे से जीत के लिए। तब मुझे और प्रेरणा मिलता, आगे बढ़ने के लिए। छोटे जीत से बड़े जीत को हासिल करने के लिए।
अगर बच्चों ने पढ़ायी सही की, किसी ने अच्छा कविता, किसी ने अच्छा नृत्य किया इत्यादि सभी को प्रोत्साहित करे और बच्चों को छोटा ही लेकिन जरूर उनकी तारीफ करे।
प्रतिदिन : पढ़ायी को रोचकता, रुचिपूर्ण, मजेदार से पढ़ाये, जिससे बच्चों को प्रतिदिन पढ़ने की इच्छा जागृत होंगी। इसलिए अपने टीचिंग के स्टाइल को, पाठ्यक्रम, बच्चो के लिए रोचकपूर्ण पढ़ायी के साथ मजेदार गेम्स, क्रिएटिव एक्टिव को शामिल करे, पढ़ायी के साथ ही साथ डांस, नृत्य के लिए लिए बच्चों के लिए कक्षा पीरियड बनाये। जिससे बच्चों में रोज पढ़ने का ललक होगा।
वैरायटी : केवल पढ़ाने का सोर्स पुस्तक ही ना बनाये।पुस्तक के विषय को विभिन्न माध्यम से पढ़ाये। जैसे - वीडियोस, बच्चों को विभिन्न एक्टिव कराये, कार्ड्स इत्यादि के माध्यम से आप बच्चों को पढ़ा सकते है।
रीडिंग : जैसे - जैसे बच्चा बड़ा हो रहा है, आप अपने पुस्तकीय ज्ञान के साथ ही साथ विभिन्न मोरल स्टोरी से रिलेटेड उन्हें पुस्तक पढ़ाये और उन्हें भी पुस्तक पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करे। जिससे शुरू से पुस्तक पढ़ने की आदत से उसका मानसिक विकास शीघ्र ही तेज़ी से होगा।
यह कुछ तरीका है, जिससे आप बच्चों को क्वालिटी तरीके से पढ़ा सकते है। बच्चे फूल की कली होते है, उसका ध्यान रखना पेरेंट्स का अति जरुरी कार्य है। इसलिए अपने बच्चो के साथ कम्युनिकेट करे, उनके बातो को सुने, उन्हें शुरू से ही मेहनत करने के लिए प्रेरित करे।
आपका प्रयास और परिश्रम होना चाहिए कि बच्चो बेस्ट लाइफ प्रदान के लिए शिक्षा के अनमोल चाभी को देना, जिससे बचा अपने बुद्धि का प्रयोग करके बंद दरवाजे को खोल पायेंगा।
धन्यवाद
काजल साह
|