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17/01/2024 Kajal sah Development Views 324 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
ध्यान :एक रामबाण

ध्यान चंचल होता है, परन्तु किसी विषय -वस्तु को पूर्ण ज्ञान प्राप्त करने के लिए, समुचित रूप में ध्यान केंद्रित करना जरुरी है। ध्यान को अभीष्ट विषय वस्तु के प्रति केंद्रित करने के लिए कुछ प्रयास करने पड़ते है। अध्यापक के माध्यम से किसी विषय की जानकारी करते समय आवश्यक होता है कि छात्रों का ध्यान अध्यापक तथा उसके द्वारा पढ़ाए जाने वाले विषय के प्रति केंद्रित हो। छात्रों का शिक्षा के प्रति ध्यान केंद्रित करने के लिए जहां ओर छात्रों की लग्न, इच्छा और रूचि जरुरी है। वही अध्यापकों को भी कुछ प्रयास एवं उपाय करने पड़ते है। छात्रों के ध्यान केंद्रित करने के लिए मुख्य उपाय निम्नलिखित है : 1. विषय को रुचिकर बनाना : ध्यान तथा रूचि में एक - दूसरे के साथ घनिष्ठ संबंध है। यदि संबंधित विषय रुचिकर हो तो उसके प्रति सरलता से ध्यान केंद्रित हो जाता है । इसके विपरीत यदि शिक्षा का विषय अरुचिकर हो तो उसके प्रति सरलता से भी ध्यान केंद्रित नहीं हो पाता। प्रत्येक अध्यापक को चाहिए कि छात्रों का ध्यान शिक्षा के प्रति केंद्रित करने के लिए विषय को अधिक से अधिक रुचिकर और सरलरापूर्ण बनाये। यदि अपनी सूझ -बूझ एवं ज्ञान के आधार पर अध्यापक शिक्षण विषय को रुचिकर बनाने में सफल हो जाते, तो निशिचत रूप से छात्रों का ध्यान विषय के प्रति केंद्रित हो जाता है। 2. शांति एवं अनुकूल वातावरण : छात्रों का शिक्षा एवं अध्ययन विषय के प्रति ध्यान केंद्रित करने के लिए अध्यापकों को चाहिए कि पाठशाला तथा कक्षा - कक्ष का वातावरण शांत और हर प्रकार से अध्ययन के लिए अनुकूल बनाये रखे। शिक्षा के अनुकूल वातावरण में शिक्षा के प्रति सहज़ ही ध्यान आकर्षित हो जाता है। इसी प्रकार यदि वातावरण शांत हो तो ध्यान केंद्रित करने में सहायता प्राप्त होती है। इसके विपरीत यदि वातावरण शिक्षा के अनुकूल न हो या वातावरण अशांत हो तो ध्यान केंद्रित नहीं हो पाता। इस तथ्य को ध्यान में रखकर ही सामान्य रूप से विद्यालयों में स्थान - स्थान पर शिक्षा एवं ज्ञान के महत्व संबंधी उक्तियां लिखी रहती है। जैसे - कृपया शांत रहिये, शोर न मचाये। 3. मधुर व्यवहार : अध्यापकों को अपने सभी छात्रों के प्रति मधुर व्यवहार रखना चाहिए। मधुर व्यवहार अध्यापक छात्रों के सम्मान एवं स्नेह के पात्र बन जाते है तथा सहज ही छात्रों का ध्यान उनके प्रति केंद्रित हो जाता है। अत : प्रत्येक अध्यापक को चाहिए कि वह अपने छात्रों के प्रति सहानुभूतिमय, मधुर तथा स्नेहयुक्त व्यवहार बनाये रखे। 4. पाठ्यक्रम को सरल : छात्रों का ध्यान केंद्रित करने के लिए अध्यापकों को चाहिए कि जहां तक हो सके, पाठ्यक्रम को छात्रों के सम्मुख सरल से सरल रूप में प्रस्तुत किया जाए। बालकों का यह स्वभाव होता है कि वे सरल विषयों के प्रति शीघ्र ही ध्यान केंद्रित कर लेते है। इसके विपरीत कठिन एवं जटिल विषयों के प्रति सरलता से ध्यान केंद्रित नहीं हो पाता । अध्यापक को चाहिए कि वे छात्रों के मानसिक एवं बौद्धिक स्तर को ध्यान में रखकर अपनी सूझ -बूझ एवं अनुभव के माध्यम से पाठ्य -विषय को सरलतम रूप में प्रस्तुत करे। 5. छात्रों के आराम एवं सुविधा : अध्यापक के व्याख्यान के प्रति ध्यान केंद्रित करने के लिए जरुरी है कि छात्रों को सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हो। छात्रों के बैठने की सही व्यवस्था होनी चाहिए। कक्षा - कक्ष में हवा एवं प्रकाश की भी समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। गर्मियों में पंखे की भी सुविधाएं के अतिरिक्त शिक्षण -काल के बीच -बीच में कुछ समय आराम की भी व्यवस्था होनी चाहिए। इससे छात्रों में अनावश्यक थकान नहीं होती। वास्तव में थकान की दशा में ध्यान केंद्रित नहीं हो पाता। 6. शिक्षा में खेल का समावेश : शिक्षा के प्रति ध्यान केंद्रित करने के लिए एक अन्य उपाय यह सुझाया जाता है कि शिक्षा में जहां तक सम्भव हो खेल का समावेश होना चाहिए। यह उपाय छोटे बच्चों के ध्यान केंद्रित करने में अधिक सहायक होता है। शिक्षा में खेल के समावेश के लिए प्राय : खेल पर आधारित शिक्षण सिस्टम को अपनाना की बात कही जाती है । वास्तव में खेल के प्रति बच्चों में स्वभाविक लगन होती है। अत : खेल के प्रति शीघ्र ही आकर्षित ध्यान हो जाता है। 7. प्रयोगात्मक : शिक्षा के प्रति बच्चों का ध्यान केंद्रित करने के लिए अध्यापकों को चाहिए कि जहां तक सम्भव हो सके शिक्षण में प्रयोगात्मक सिस्टम का उपयोग करना चाहिए। विभिन्न रिसर्च के अनुसार यह सिद्ध हो गया है कि बालक व्याख्या शिक्षण की तुलना में प्रयोगात्मक एवं व्यावहारिक शिक्षा को अधिक पसंद करते है तथा इस प्रकार के शिक्षण के प्रति शीघ्र ही ध्यान केंद्रित कर लेते है। 8.विषय में परिवर्तन : लम्बे समय तक किसी एक विषय के प्रति ध्यान केंद्रित कर पाना कठिन होता है। वास्तव में निरंतर एक ही विषय के प्रति ध्यान लगाए रखने से विषय के प्रति एक प्रकार की ऊब या अरुचि उत्पन्न हो जाती है। इसलिए शिक्षा के प्रति ध्यान केंद्रित करने के लिए विषय में परिवर्तन भी करते रहना चाहिए। इसलिए स्कूल में हर घंटे में अलग - अलग विषय पढ़ाये जाते है। सामान्य रूप से पहले घंटे में पढ़ाये गए विषय में भिन्न प्रकृति वाला विषय अगले घंटे में पढ़ाया जाना चाहिए। यह कुछ टिप्स है, जिसके माध्यम से विद्यार्थी अपना ध्यान केंद्रित कर सकते है। ध्यान को केंद्रित करने के लिए अपने पांचो सेंस पर कण्ट्रोल करना जरुरी है। इसलिए रोजाना मैडिटेशन करे। धन्यवाद एजुकेशन बुक से प्राप्त।

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