कंंपकंपाती ठंड संग पीले पड़ते पत्तों के रंग संग खिले कुछ फूल हैं शुक्र है.... गहराती काली रात संग गुम चांद तारों की बारात संग एक आध तारे का नूर है शुक्र है .... कहीं अनकही बातों संग खोती मिलती सौगातों संग मुस्कुराहटें कुबूल है शुक्र है .... मद्धम सी उम्मीदों संग अलसाई सी ख्वाहिशों संग ज़िंदगी जुनून है शुक्र है.... @रिया बंसल
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