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04/03/2024 Kajal sah Development Views 204 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
एक्सपीरियंस ऑफ़ पब्लिक स्पीकिंग
एक दिन की बात है, मेरे इलाके से कुछ ही दुरी पर पब्लिक स्पीकिंग कम्पटीशन होने जा रहा था। मुझे पब्लिक स्पीकिंग के बारे में कुछ भी नहीं पता था.. कैसे बोलते हैं.. कैसे अपने बातों को लोगों के भीड़ के समक्ष रखते है.. मैं पूरी तरह ब्लैंक थी। इस कम्पटीशन की जानकारी जिस कोचिंग में पढ़ती थी, उसे मुझे प्राप्त हुआ। पब्लिक स्पीकिंग के साथ निबंध प्रतियोगिता भी हो रहा था। मेरे कोचिंग के सर ने मुझे suggest किया.. दोनों कम्पटीशन में भाग लेने के लिए और सर ने यह बताया पब्लिक स्पीकिंग का मतलब स्पीच देना है। फर्स्ट टाइम मैंने 50-70 लोगों के बीच स्पीच दिया.. यह मोमेंट मैं कभी भूल नहीं सकती हूं..उसके बाद धीरे -धीरे इस फील्ड में मुझे रूचि आने लगा और मैंने इस फील्ड के बारे में अध्ययन करना स्टार्ट कर दिया..।
आज मैं आपको कुछ टिप्स बताऊंगी, जिससे आप स्ट्रांग,मजेदार और प्रभावशाली कंटेंट तैयार कर सकते है।
निम्नलिखित टिप्स :
1. स्टार्ट एंड अटेंशन : सोचिये जरा अगर मैं आपको शुरू में ही ऐसे खाना परोस दू, जो आपको पसंद नहीं। तब सारी ख़ुशी जो आपको भोजन के प्रति थी, वह सारी निराशा में बदल जाएगी। ठीक उसी प्रकार आपके स्पीच का कंटेंट प्रभावशाली होना चाहिए, जिससे लोग आपके हृदय से जुड़ जाए। आपको अपना स्पीच का कंटेंट लिखते समय मुख्य बातों पर ध्यान देना अनिवार्य है। जैसे :स्टार्टिंग सीधे अपनी बातों से ना करे, अपने स्पीच को रोचक बनाने हेतु शायरी, स्माल स्टोरी, स्माल एक्टिंग जो आपके स्पीच से संबंधी हो इत्यादि। ऐसा आपका स्टार्टिंग होना चाहिए, जिससे लोगों का अटेंशन शीघ्र ही आपके स्पीच से जुड़ जाए।

2. संरचना : हमारा घर कब सुंदर लगता है? जब घर के सारे समान अपने सही स्थान पर रखे हो। अगर वह बिखरे हुए होते है.. तब घर की खूबसूरती अभाव लगता है। वैसे ही हमारे स्पीच के प्रेजेंटेशन में कंटेंट की स्ट्रक्चर की भूमिका है। आपका प्रयास हमेशा यह रहना चाहिए कि आपको अपने स्पीच को क्लियर स्ट्रक्चर में प्रेजेंट करने का। जैसे ( इंट्रोडक्शन, बॉडी और conclusion )। अगर आपका प्रेजेंटेशन क्लियर स्ट्रक्चर में नहीं हुआ.. तब आपके स्पीच का उद्देश्य सभी के सामने प्रेजेंट नहीं हो पायेगा। और आपका स्पीच मूल्यहीन हो सकता है। स्पीच के क्लियर स्ट्रेक्चर तैयार करने से पहले अपना मूल उद्देश्य जाने। आपका उद्देश्य क्या है? अपने स्पीच को प्रेजेंट करने का। सब आपका why क्लियर होगा.. तब आप प्रभावशाली, रोचकपूर्ण और अट्रैक्टिव स्पीच का क्लियर स्ट्रक्चर तैयार कर पायेंगे।

हर्ट : जब हर शब्द, हर वाक्य याद करके जब बोलते है.. तब उसका प्रभाव हम अत्यधिक रूप से छोड़ नहीं पाते।आपको अपने कंटेंट को समझकर, अपने अनुभव के साथ पुरे दिल, पूरी सच्चाई के साथ प्रेजेंट करना है। इसे आप अत्यधिक रूप से प्रभावशाली लगते है।
अपने कंटेंट को प्रेजेंट करते समय ऑय कांटेक्ट, बॉडी लैंग्वेज और हैंड जेस्चर का ध्यान रखे। क्युकी इन सभी की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है।स्पीच को प्रेजेंट करते समय जो प्रमुख शब्द है, वाक्य है उसका 1-2 रिपीट करे.. क्युकी आप अपने स्पीच का प्रभाव ज्यादा डाल सकते है । इन सभी को तब आप अच्छे से प्रेजेंट कर सकते है.. जब आप अभ्यास की शक्ति को अपनाते है।निरंतर अभ्यास वह सशक्त शक्ति है, जिससे आप धीरे -धीरे अपने पसंदीदा क्षेत्र में बेहतरीन बनने लगते है। अभ्यास की शक्ति ही आप में आत्मविश्वास, आपके fluency में सुधार, आपके स्पीच के टाइम मैनेजमेंट में मदद करती है। पब्लिक स्पीकिंग, अच्छा कम्युनिकेशन स्किल हर क्षेत्र में अनिवार्य बन चूका है । इसलिए आपको रोजाना 2-3 घंटे मिरर के सामने, वीडियो रिकॉर्डिंग, ऑडियो रिकॉर्डिंग, दोस्तों से बातचीत इत्यादि के माध्यम अपने स्पीच के कला में सुधार लाने का अवसर मिलेगा।

विसुअल : स्पीच लिखते समय अगर आपके स्पीच में कोई ऐसा बात आए,जिससे आप विसुअल ऐड के माध्यम से दिखा सकते है, तब आप जरूर प्रस्तुत करे। क्युकी विसुअल ऐड के माध्यम से लोग जल्दी जुड़ जाते है। जैसे कि आप देख ही सकते है, आज धीरे - धीरे बड़े -बड़े इंस्टिट्यूशन्स, कॉलेज में ऑडियो और विसुअल के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है। जिससे पढ़ाई और रोचक बन जाती है और बच्चे भी रूचि के साथ पढ़ते है। अब धीरे - धीरे बड़े इंस्टिट्यूशन्स के बाद स्कूल, कॉलेज में भी ऑडियो -विसुअल का यूज़ हो रहा है। आप भी अगर अपने स्पीच को रोचकता से प्रेजेंट करना चाहते है, तब आपको ऑडियो -विसुअल का यूज़ करना चाहिए।

Humor : किसी को हँसाना एक कला है, जिनके पास यह कला होता है.. वह शीघ्रता से लोगों के साथ जुड़ जाते है।जब आप अपने स्पीच को प्रेजेंट करते है.. तब आपको humor का जरूर उपयोग करना चाहिए। यकीन मानिये लोग आपसे शीघ्र ही जुड़ जायेगें। क्युकी आज के समय लोगों के जीवन में बहुत समस्या है, जिससे लोग कहीं ना कहीं हँसना भूल ही चुके है। लेकिन यह भी बात है कि आप हर स्पीच में humor का यूज़ नहीं कर सकते। जहां सम्भव हो, वहां जरूर ऐड करे। यकीन मानिये यह सोने पर सुहागा जैसा हो जाएगा।

सॉल्व : लोग आपको क्यों सुनेगे? क्युकी लोग आपसे सलूशन, न्यू आइडियाज, न्यू टेकनीक चाहते है। अगर आप अपने स्पीच को ऐसे बोलेंगे जिससे लोग पहले से जानते है, लोगों का बेनिफिट ना हो। तब आपके स्पीच का परपज़ पुरा नहीं हो पायेगा। अगर आप अपने स्पीच में किसी प्रॉब्लम को उजागर करते है.. तब आपका कर्त्यव्य होना चाहिए कि आप सलूशन भी प्रेजेंट करे। साथ ही साथ pause और टोन का भी सही से उपयोग करे।

स्ट्रांग :अगर मान लीजिये आप एक फ़िल्म देखा, जिसका स्टार्टिंग रोचकता, प्रभावपूर्ण तरिके से हुआ लेकिन उसका एंडिंग मजेदार नहीं हुआ। तब सारे आनंद का एन्ड हो जाता है। जिस प्रकार आपने स्पीच लिखते समय मेहनत की। ठीक उसी प्रकार स्पीच के एंडिंग में भी मेहनत करे। लास्ट का एंडिंग प्रभावशाली, रोचकता, सलाह, लोगों को एक्शन लेने इत्यादि से संबंधित हो सकता है।
अपने स्पीच को देने के बाद लोगों से फीडबैक जरूर ले, क्युकी फीडबैक में वह शक्ति है जिससे आप अपने गलतियों को जानकर सुधार कर पाएंगे और आगे विकास के लिए खूद को तैयार कर पायेंगे। इसलिए audience, दोस्तों से, परिवार जनों से फीडबैक लेना बिल्कुल ना भूले।

निरंतर : सीखना जीवन पर्यन्त प्रक्रिया है। आप जितना सीखते है आप खुद को उतना आगे बढ़ाते है। आपको रोज 1% बेहतर बनने के लिए रोज सीखना होगा। नये शब्दकोष, नये किताब, लोगों के अनुभव इत्यादि। आप जितना सीखेंगे आप अगली बार के लिए और अच्छे तैयार हो पायेंगे। इसलिए सीखने का अवसर कभी ना गवाएं।

यह कुछ टिप्स है, जिससे माध्यम से आप स्ट्रांग कंटेंट बना सकते है। आपको रोज 5-6 घंटे कंटेंट बनाकर रोज अभ्यास करना होगा पब्लिक स्पीकिंग का। धीरे - धीरे आप बेहतरीन बनने के पथ पर अग्रसर होने लगते है। इसलिए रोजाना अभ्यास का साथ ना छोड़े।

धन्यवाद
काजल साह
                             

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