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01/04/2024 Kajal sah Development Views 308 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
फाइनेंसियल एजुकेशन डे : 2
कैसे है आप सभी? अब आप जान चुके होंगे कि फाइनेंसियल एजुकेशन कितना जरुरी है। फाइनेंसियल एजुकेशन जितना आप जल्दी ग्रहण कर लेते है। तब आप शीघ्रता से ऊंचाइयों तक पहुँच सकते है। आशा करती हूं कि पिछले दिन की अर्थात फाइनेंसिल एजुकेशन का डे 1 आपको बहुत अच्छे से समझ में आया होगा। आज हमारा दूसरा दिन है। आज हम विभिन्न महत्वपूर्ण बातों पर चर्चा करेंगे। क्या आप तैयार है डे -2 फाइनेंसियल एजुकेशन के लिए?
निम्नलिखित टिप्स फॉर डे -2
बिल्स गेट के अनुसार अगर आप गरीब घर में पैदा हुए.. तब इसमें आपकी कोई गलती नहीं है.. लेकिन अगर आप गरीब ही मर जाते है। इसमें आपकी गलती है। इंसान पैसों से नहीं इंसान अपने माइंडसेट से गरीब बनता है। जरा सोचिये धीरूभाई अम्बानी मिडिल क्लास से बेलोग करते थे। अपनी स्कूली पढ़ाई भी वे पूर्ण नहीं कर पाए। अल्प उम्र में काम करने लगे। अपने दृढ़ सोच और जूनून के कारण ही उन्होंने अपने सीमाओं को तोड़कर ऊँची ऊंचाइयों को प्राप्त किया। लेकिन आज हम यह सोचकर रुक जाते है.. कि हम तो साधारण है.. आम है। बड़े सपने देखने की हैसियत कहा। लेकिन धीरूभाई जी ने यह प्रमाणित कर दिया कि एक साधारण इंसान असाधारण सपने का हौसला दिखाता है तब पूरी दुनिया मुट्ठी में कर लेता है। सबसे पहले हमें यह समझना है कि अमीर लोग क्यों अमीर बनते जा रहे है। वे अपने स्ट्रांग माइंडसेट के कारण से। उनके अनुसार टाइम मनी नहीं होता है.. वे स्वयं ही टाइम को खरीद लेते है। एवरेज लोग जब टाइम को ट्रेंड करते है.. तब ही वे पैसे बना लेते है। लेकिन  वेल्थी पीपल लोगों को hire करके अपना वर्क कम्पलीट करते है। अपने समय का सदुपयोग निरंतर करे। क्युकी समय बहुत बलवान होता है.. जब इसका मार पड़ता है.. तब बहुत दर्द होता है। इसलिए समय का रेस्पेक्ट करे। बहुत फेमस किताब पैसों का मनोवैज्ञानिक। अक्सर हम पैसों को गणित से समझते है.. लेकिन इस बुक में आप पैसों के बारे में विभिन्न मनोवैज्ञानिक कोजान पाएंगे।
सबसे पहले यह समझना जरुरी है कि पैसे कमाने के प्रति आप क्या जानते है? उससे भी महत्वपूर्ण है कि पैसों के प्रति आपका व्यवहार कैसा है? दौलत, लालसा और ख़ुशी देर से समझ में आती है। लेकिन इस पुस्तक के माध्यम से आप बहुत कुछ पैसों से संबंधित जानकारियां आप जान पाएंगे।
1. Enough : जीवन में कोई भी चीज अत्यधिक रूप से नहीं होना चाहिए। चाहे वो पैसा हो या प्यार हो। अगर आप अत्यधिक लालसा रखेंगे तब यह घातक आपके लिए ही होगा। क्युकी जब तक आप यह तय नहीं कीजिये आपको कितना चाहिए? तब तक आप  अपने फैमिली, हैप्पीनेस और स्लीप से दूर होते जायेंगे। हमारे जीवन में जरूरतें इसलिए कभी खत्म नहीं होते है, पैसों की लालसा इसलिए कभी खत्म नहीं होता है। क्युकी हम अपनी तुलना दूसरे से करते है। यही लालसा आगे चलकर हमारे लिए घातक सिद्ध हो जाता है। इसलिए यह जरुरी है कि अपने लाइफ में एक लिमिट तय करे।

2. फ्रीडम और रियल हैप्पीनेस : क्या वास्तविक में ऐसा है क्या?क्या सभी रिच लोग हैप्पी है? अमेरिका के एक व्यक्ति ने 1000 बूढ़े लोगों का इंटरव्यू लिया।1000 लोगों में से किसी ने यह नहीं कहा है " *जब तक आप उतना कमा लो जितना की आपके आस -पास के लोगों के पास में है "*। उदाहरण के लिए कोई व्यक्ति महीने का 1 लाख रूपये कमा रहा है लेकिन वह खुश नहीं। लेकिन कोई व्यक्ति पचास हज़ार ही कमा रहा है। लेकिन वह खुश है.. वह आजाद है। Ex -The man in car  paradoy.  " *Paradoy*" को समझने के लिए उदाहरण " *Eating healthy is the only choice "* आपको ऑप्शनल कोई चॉइस नहीं आपको ओनली चॉइस मिल रहा है। कई बार यह घटना हमारे जीवन के साथ भी होता है। मान लीजिये आपने एक बन्दे के पास एक कार को देखा है.. आप सोच रहे है कि उसके तो मजे ही मजे है। लेकिन यह भी तो हो सकता है कि वह अपना emi भर रहा हो। अपनी वास्तविक ख़ुशी को तलाश करे। अपनी तुलना दुसरो से ना करे।

वेल्थी और रिच : वेल्थी और रिच में अंत है। रिच होना एक स्टेटस है लेकिन वेल्थी होना स्थायी है। अत्यधिक लोगों के पास जैसे ही पैसा आता है.. वह अपने पैसों को व्यर्थ के कार्यों में बर्बाद कर देते है। कुछ पल के शौक या कहे तो रिच बनने के लिए। लेकिन वास्तविक रिच व्यक्ति ऐसा नहीं करते है। वे अपने धन का सही उपयोग करते है। अत्यधिक सुख के संसाधनों में अपना धन व्यर्थ नहीं करते है। अब आपसे मेरा प्रश्न है कि आप वेल्थी या रिच बनना चाहते है?

रिस्क : रिस्क लेना भी जरुरी होता है.. लेकिन रिस्क कैलकुलेटेड होना चाहिए। हमेशा याद रखे जीवन बड़ा नहीं महान होना चाहिए। आपके अंदर भी वह सशक्त शक्ति है..जिससे आप अपने, अपने पेरेंट्स के हर सपनों को आप पूरा कर सकते है। इसलिए जरुरी है कि जीवन में रिस्क ले। अपने कम्फर्टेबले जोन से निकले। आज जितने भी महान इंसान हुए है.. उन्होंने जीवन में कैलकुलेटेड रिस्क लेकर ही वे आगे बढ़ पाए। जैसे : धीरूभाई अम्बानी,रजनीकांत,कंगना रनौत इत्यादि।

Assets vs liabilities :बड़ी दुख की बात है कि आज के युवाओं ने अपने जिंदगी को बनावटी बना लिया। गरीब इसलिए गरीब हो जाते है क्युकी वे अपना अत्यधिक धन liabilities में खर्च कर देते है। अगर आप कॉमर्स बैकग्राउंड से है तब आपको पता होगा। रिच -डैड पुअर डैड के author ने सरल भाषा में समझाया है कि liabilities उसे कहते है जो आपके जेब से पैसा निकालता है और assets उसे कहते है जो आपके जेब में पैसा डालता है। उदाहरण के लिए अगर आपने एक महंगा मोबाइल खरीदा लेकिन इसका उपयोग अगर आप केवल मनोरंजन के लिए कर रहे है.. तब यह liability है लेकिन अगर आप उसी फ़ोन से वीडियो बनाकर यूट्यूब पर अपलोड कर रहे है। जिससे आपको इनकम मिल रहा है.. तब यह आपका assets. इसलिए जरुरी है कि आप अपना धन assets में खर्च करे। जिससे आपका धन बढ़ेगा। अपने घर में बड़ो से सलाह ले।

यह हमारा दूसरा दिन था.. आशा करती हूं कि आज आपने बहुत कुछ सीखा होगा। इन टिप्स को जरूर फॉलो करे।स्वयं को फाइनेंसियल रूप से एडुकेट करे। जीवन में आगे बढ़े.. अपने सपने को साकार करे.. कभी हिम्मत ना हारे.. सकारात्मकता की ओर हमेशा कदम बढ़ाये.. एक दिन जीत जरूर आपकी होंगी।
धन्यवाद
काजल साह
                             

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