स्वामी विवेकानंद जी अपनी पुस्तक शिक्षा में लिखते है.. मनुष्य की अन्तनिहित पूर्णता को अभिव्यक्त करना ही शिक्षा है। ज्ञान मनुष्य में स्वभाव -सिद्ध है, कोई भी ज्ञान बाहर से नहीं आता। सब अंदर ही है। हम जो कहते है कि मनुष्य जानता है यथार्थ में हमें यह कहना चाहिए कि वह अविष्कार करता है। मनुष्य जो कुछ भी सीखता है, वह वास्तव में अविष्कार करना ही है। अविष्कार का अर्थ है - मनुष्य का अपनी अनन्त ज्ञानस्वरूप आत्मा के ऊपर से आवरण को हटा लेना। हम कहते है कि न्यूटन ने ग्रेविटी का अविष्कार किया। तो क्या अविष्कार कहीं एक कोने में न्यूटन की राह देखते बैठा था? नहीं उसके मन में ही था। जब समय आया, तो उसने उसे जान लिया या ढूंढ़ निकाला। संसार को कुछ ज्ञान प्राप्त हुआ है, वह सब मन से ही निकला है। विश्व का असीम ज्ञानभंडार स्वयं तुम्हारे मन में है। बाहरी संसार तो एक सुझाव, एक प्रेरक मातर है.. जो तुम्हे अपने मन का अध्ययन करने के लिए प्रेरित करता है।
स्वामी विवेकानंद जी किसी विषय को शीघ्र ही सीख लेते थे.. आज मैं आपको बताने वाली हूं कि आप अपने लर्निंग के कैपेसिटी को कैसे स्ट्रांग कर सकते है। किसी भी विषय, टॉपिक को कैसे अच्छे से याद रख सकते है। आज हम निम्नलिखित टॉपिक्स पर चर्चा करेंगे।
¡. सीखना क्या है?
¡¡. प्रभावी सीखने की विशेषता
¡¡¡. सीखने के तरिके
¡v. बेहतरीन सीखने के मुख्य टिप्स
v. निष्कर्ष
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लर्निंग अर्थात सीखना - सीखना एक जीवन पर्यन्त क्रिया है। एक ऐसा माध्यम जिससे हम अपने ज्ञान, कौशल, अनुभव प्राप्त करते है। अगर आपको किसी भी विषय में अच्छा बनना है.. तो सबसे जरुरी है कि आप अच्छे से लर्निंग ले। हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि जब आप अच्छे से लर्निंग करते है.. तभी आप अर्निंग कर पाते है। Learning = earning
जब हम किसी विषय को प्रभावी रूप से समझते है.. तब हमारा आत्मज्ञान, समझ, विश्लेषण,आत्मविकास का विकास होता है। सीखना वह सशक्त माध्यम है.. जिससे हम नये -नये आइडियाज सोच पाते है, समस्याओं को हल और दुनिया को बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है।
महान लोगों के अनुसार सीखना क्या है?
1. नेल्सन मंडेला : शिक्षा ही वह हथियार है, जिससे आप दुनिया बदल सकते है।
*.सीखना कभी समाप्त नहीं होता।
2. महात्मा गाँधी : सीखना एक आजीवन यात्रा है।
सीखते रहिये और अपने कौशल, अपने हुनर में वृद्धि कीजिये।
2. प्रभावी सीखने की विशेषताएं : 3 तरिके के लोग होते है.. पहले वह जो स्वयं को ज्ञानी समझकर निरंतर नहीं सीखते है। और अल्प ज्ञान में स्वयं को श्रेष्ठ समझने लगते है। दूसरे वे होते है.. जो किसी विषय को सीखते है.. लेकिन विषय को ऊपरी -ऊपरी सीखते है.. जिससे क्या होता है.. आधा -अधूरा ज्ञान उनके के लिए क्षय का कारण बन जाता है। और तीसरे वे होते है.. जो किसी भी विषय को बहुत प्रभावी रूप से सीखते अर्थात किसी भी विषय को गहराई से सीखते है। डीपली नॉलेज पर उनका ध्यान के केंद्रित होता है। जीवन में किसी भी फील्ड में सक्सेस पाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण सीढ़ी यह है कि आप विषय पर गहराई से ज्ञान ग्रहण करे। अगर आप मेहंदी आर्टिस्ट बनना चाहते है.. तब आपको अपने फील्ड से सम्बंधित ज्ञान, अभ्यास इत्यादि की बहुत आवश्यकता है।
आज मैं आपको कुछ टिप्स बताऊंगी.. जिससे आप प्रभावशाली तरीके से किसी विषय को सीख सकते है।
*. सक्रिय भागीदारी : किसी भी विषय को प्रभावशाली रूप से सीखने का पहला कदम है कि जब भी आप किसी भी विषय को सीख रहे है.. तब अपना सक्रिय भागीदारी जरूर प्रेजेंट करे। अब आपका प्रश्न हो सकता है कि सक्रिय भागीदारी क्या -क्या हो सकता है? जैसे कि आप अपने टीचर प्रश्न पूछे (अगर किसी टॉपिक, विषय में शंका हो तब ), जो भी आप सीखते है.. तब उस विषय का नोटस जरूर बनाये। उदाहरण : जैसे कि मान लीजिये कि अगर आपको पब्लिक स्पीकिंग से डर लगता है.. पब्लिक स्पीकिंग के भय के कारण से आपने बहुतायत अवसरों को आपने गवा दिया। अब आपने पब्लिक स्पीकिंग कोर्स में पैसा जमा करके आपने कोर्स ले लिया। लेकिन जो आपको होमवर्क दिए जा रहे है, जो भी आपके मन में प्रश्न है.. आप उसे पूछ नहीं रहे है.. तब आप मुझे बताये क्या.. आप सीख पाएंगे? उत्तर है नहीं। किसी भी विषय को किसी सीखने के लिए सक्रिय भागीदारी और एक्शन लेना जरुरी है। अगर यह व्यक्ति होमवर्क अर्थात एक्शन नहीं ले रहा है.. तब क्या सीख पायेगा? नहीं ना! इसलिए यह अत्यधिक जरुरी है कि जब भी आप किसी विषय को सीखे सक्रियता के साथ सीखे।
2. लक्ष्य : लक्ष्य में वह शक्ति है.. जो हमारे जीवन को सकारात्मक रूप से आकार प्रदान करती है। जब जीवन में सटीक लक्ष्य होता है.. तब हमारा ऊर्जा, समय व्यर्थ नहीं होता। हमारा ऊर्जा और समय लक्ष्य प्राप्त की ओर अग्रसर होता है। लर्निंग अर्थात किसी भी विषय को प्रभावी रूप से सीखने के लिए जरुरी है कि आपका लक्ष्य क्लियर होना चाहिए। अटूट लक्ष्य से ही हमारा इच्छाशक्ति और अटूटता का विकास होता है। लक्ष्य निर्धारित करे.. और विषय को सीखने के लिए प्रभावशाली योजनाएं बनाये।
3.प्रयास : आप अपने लक्ष्य से तब ही आप आस कर सकते है.. जब आप उसे पाने के लिए वह कड़ी मेहनत, अभ्यास, प्रयास और लगन निरंतर करते है.. तब।
जब हम किसी विषय को सीखते है.. तब कई प्रॉब्लम्स का सामना भी करना पड़ सकता है। जैसे कि मैथ का कोई सवाल नहीं आ रहा है, याद करने में प्रॉब्लम इत्यादि। लेकिन जब हम निरंतर पढ़ते है.. निरंतर अभ्यास एवं प्रयास करते है.. तब धीरे -धीरे किसी भी विषय में बेहतरीन बनने लगते है। लेकिन शर्त यह है कि आप प्रभावी रूप से किसी विषय को रोजाना पढ़े।
उदाहरण : जब हम छोटे होते है.. तब हम किसी भी विषय के बारे में जानकारियां नहीं होती है। जब किसी बच्चे को अक्षर लिखना सिखाया जाता है.. तब वह बच्चा एक ही बार में नहीं सीख जाता। उस विषय को सीखने के लिए वह रोजाना प्रयास करता है.. उनके माता -पिता बच्चे को अभ्यास करना सीखाते है। इसलिए यह बेहद जरुरी है कि किसी भी विषय अच्छे से सीखे और लगन और प्रयास के साथ रोजाना पढ़े।
*.प्रतिबिंब : आत्म -निरीक्षण बहुत जरुरी है। एक अच्छा स्टूडेंट अपनी प्रगति का अच्छा से जाँच करते है। वे अपनी ताकत और कमजोरियों की पहचान करते है। और सुधार करने का पूरा प्रयास करते है।
सीखने के तरिके : सीखने के बहुत से तरीके है। किसी को लिख-लिखकर सीखने में रूचि है, किसी को बोलकर इत्यादि। आज मैं आपको कुछ प्रमुख तरीका बताऊंगी.. सीखने के क्या प्रभावशाली तरीका है।
*. पढ़ना : किताबें, लेख, ब्लॉग और अन्य लिखित सामग्री सीखने का एक शानदार तरीका है। इन सामग्री के माध्यम हम अक्सर उपयोग भी करते है। लेकिन जब आप इन सामग्री से नॉलेज ले.. तब आप कोशिश करे कि आप रोचक बनाने का।
*. सुनना : यह महत्वपूर्ण है कि एक अच्छा लिसेनर ही ही एक अच्छा लर्नर्स और वक्ता बन सकता है। अपने विषय को पढ़ने के बाद आप ऑनलाइन के माध्यम से अपने विषय से संबधित विभिन्न ऑडियो,पॉडकास्ट और व्याख्यान इत्यादि सुन सकते है।इस आपका लिस्टेनिंग स्किल बेहतरीन हो सकता है।
*. कल्पना : इमेजिनशन में वह शक्ति है.. जिससे आप किसी भी विषय को बहुत देर तक याद रख पाते है और कल्पना की शक्ति से आप आपका लर्निंग स्किल में विकास होता है ।इसलिए जब भी किसी विषय को पढ़े.. तब कल्पना करके पढ़े।यह एक प्रभावशाली तरिका है..सीखने का।
अगला हमारा विषय यह है कि आप बेहतरीन तरिके से कैसे सीख सकते है ।
1. समय निर्धारित :स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था..मनुष्य का अंतिम लक्ष्य इन्द्रियों की सुख प्राप्ति नहीं है.. अपितु प्रथम और अंतिम लक्ष्य ज्ञान प्राप्ति होना चाहिए।
लर्निंग के लिए जरुरी है कि आप अपने समय को तीन हिस्सों बाँट ले.. सुबह, दोपहर और शाम।
# आप हर हिस्से में आप क्या करना चाहते है.. उसकी to -do लिस्ट बनाये। जैसे कि अगर आपने सुबह का टाइम पढ़े हुए विषय का रिवीज़न के लिए तय किया है.
तब उसी के अनुसार सुबह का रूटिंग बनाये। दोपहर और शाम के लिए भी to - do list तैयार करे। हर टास्क के लिए डेडलाइन जरूर तय करे। अपने टास्क को कम्पलीट करने के बाद स्वयं को रिवॉर्ड जरूर दे। इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ता है। आप फिर से अगले दिन प्रफुल्लित से कार्य करते है।
2. प्राथमिकता : कोई बच्चा रोजाना 4-5 घंटे पढ़कर टॉप कर जाता है और कोई 12-18 घंटे पढ़ने के बाद भी औसत बनकर ही रह जाता है। प्रश्न यह है कि ऐसा क्यों हुआ? ऐसा इसलिए हुआ कि हम विषयों को प्राथमिकता देना भूल जाते है। जैसे : अगर आप एक एग्जाम की तैयारी कर रहे है, तो सबसे पहले उन टॉपिक्स पर ध्यान दे.. जिनका सबसे अधिक weightage है या जिनमें आपको सबसे अधिक दिक्क़त हो रहा है।
मैं आपको खुद का अनुभव साझा करना चाहती हूं। मैंने अपने वीक सब्जेक्ट इंग्लिश में मैंने अच्छे से ध्यान नहीं दिया.. जिससे मेरा इंग्लिश एग्जाम अच्छा नहीं गया। इसलिए विषय को प्राथमिकता देना सीखे।
3. प्रैक्टिकल : हमारे जीवन में कुछ ऐसे टीचर्स होते है.. जिनके सीखाने के तरिके को हम भूल नहीं पाते है। मेरे सर है.. जिनका अमन है। सर ज़ब भी पढ़ाते थे..तब हम सभी को थ्योरी से ज्यादा प्रैक्टिकल रूप से समझाते थे। सर के वजह से ही मैं कक्षा 10 वी में अपने विद्यालय में दूसरा स्थान प्राप्त कर पायी।
उदाहरण :अगर आप एक नयी भाषा सीख रहे है, तो किसी नेटिव स्पीकर से बात करने का प्रयास करे या उस भाषा में फ़िल्म देखे।
*. अगर आप कोडिंग सीख रहे तो अपनी खुद की वेबसाइट या एप्प जरूर बनाये।
कैसा लगा आज आपको आर्टिकल? आशा करती हूं कि आपको अच्छा लगा होगा। अभी कुछ और बेहतरीन टिप्स आने वाले है। क्या आप बेहतरीन टिप्स का पार्ट -2 चाहते है? तब अपना राय जरूर कमेंट करे। अपना ध्यान रखे।
धन्यवाद
काजल साह
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