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03/07/2024 Kajal sah Talent Views 294 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
प्रतिभा

आचार्य प्रशांत जी मेरे जीवन के प्रेरणास्त्रोत। लगभग कुछ दिनों से मैं उनको सुन रही हूं। उनके हर वचन एवं ज्ञान से मेरे जीवन में धीरे - धीरे सुधार हो रहा है। उन्होंने अपने सत्र में कहा था - " अगर तुम्हारे पास जन्मजात कोई प्रतिभा नहीं है.. तो कोई बात नहीं। तुम निरंतर मेहनत से तुम उपलब्धि हासिल कर सकते हो। आज इस निबंध में मैं आपको बताने वाली हूं कि आप अपने पैशन, स्किल में कैसे महारत अर्थात बेहतरीन कैसे बन सकते है? आज के बताये हुए महत्वपूर्ण टिप्स को अपनाकर आप जरूर अपने पैशन में जरूर मास्टर बन सकते है। हम सभी के प्रेरणास्त्रोत स्वामी विवेकानंद जी ने युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा था - " पुरे ब्रह्माण्ड की शक्ति है तुम्हारे पास.. केवल इन हाथों से हमने अपने आँखों को बंद कर लिया है और कहते है.. कितना अंधेरा है.. कितना अंधेरा है। हमें अपने शक्ति एवं स्वयं पर विश्वास करना चाहिए। हम जो सोच सकते है.. हम वह कर भी सकते है। आचार्य प्रशांत जी ने कहा था - " अज्ञानता से भी सबसे बड़ी कमजोरी है मन की दुर्बलता " स्वयं के बारे में जैसे सोचते है.. वैसे हम बन जाते है.. यह वेदांत भी उल्लेखित है। तन से मजबूत एवं मन से अध्यात्म हमें बनने की आवश्यकता है। निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करे : 1. स्वयं : लाखों शत्रुओं पर विजय पाना सरल है, लेकिन स्वयं पर विजय पाना ही असली जीत है। जब भी लोगों से जुड़ती हूं..बातचीत के दौरान मैं उनसे पूछती हूं कि आपका पैशन क्या है? कई लोगों का जवाब होता है.. काम में सारा समय व्यय हो जाता है.. पैशन कब ढूंढ़गे? इसी मत को सुनने के बाद स्वामी विवेकानंद जी का बात याद आ जाता है " उन्होंने कहा था " अगर आप पुरे दिन में खुद से बात नहीं करते.. तब आपने एक महत्वपूर्ण व्यक्ति को खो दिया है" यह नितांत जरुरी है.. कि हम स्वयं को गहराई से जाने। स्वयं का आत्मविश्लेषण करे। बड़ी खेद की बात है.. युवाओं को समय मिलता है लेकिन वे अपना समय मनोरंजन में व्यय कर देते है। शॉपिंग, गोसिप, पार्टी करने में इत्यादि। लेकिन स्वयं को जानने के लिए उनके पास समय का आभाव रहता है।जब आप स्वयं को जानते है, तब ही आप अपने गुण एवं अवगुण को जान पाते है। स्वयं से इस तरह बनाइये कि आपको खुद से प्रेम हो। अपने विचारों, कौशल को आत्मविश्वास के साथ सभी समक्ष रख पाए। 2. निरंतर सीखें: जिस दिन आपने सीखना बंद कर दिया.. उस दिन से आपका जीवन भी समाप्त हो जाता है। इसलिए निरंतर सीखते रहिये एवं लर्निंग को अपने जीवन में भी उतारे। मान लीजिये आपका पैशन पब्लिक स्पीकिंग है। तब आपको आपको अपने पैशन से संबंधित ज्ञान अर्जित करते रहे। पब्लिक स्पीकिंग से संबंधित विभिन्न किताबें पढ़े। किताबों केवल पन्नों का भंडार नहीं होता.. अपितु अनुभवी व्यक्ति के कई वर्षो के अनुभव रहते है। यह अनुभव आपके लिए भी लाभप्रद हो सकते है। किसी भी फील्ड में आपको रूचि है.. तब अपने पैशन से संबंधित किताबें पढ़े, अपने फील्ड से रिलेटेड सक्सेसफुल व्यक्ति के इंटरव्यू, पॉडकास्ट देखे। आपको विभिन्न रोमांचक लर्निंग सीखने का अवसर मिलेगा। आपका ज्ञान, कौशल एवं प्रतिभा में धीरे - धीरे प्रगति होने लगेगा। आज के यंग जनरेशन के पास सबसे अनमोल तोहफा इंटरनेट है। जहाँ वे घर बैठे विभिन्न ज्ञान, कौशल एवं अपने पैशन से संबंधित ज्ञान अर्जित कर सकते है। विशेषज्ञ के माध्यम से ऑनलाइन एवं ऑफलाइन कोर्स कर सकते है। जितना आप सीखेंगे.. आप उतना कुशल बनेंगे। इसलिए सीखते रहे.. अपने आत्मविश्वास एवं अपने पैशन को बढ़ाये। 2. अभ्यास : आप अपने फील्ड से संबंधित जितने भी सफल व्यक्ति को देखते है। उनके सफल होने का प्रमुख कारण है कि वे निरंतर अपने पैशन पर अभ्यास करते रहे। अभ्यास वह शक्ति है,जिसको अगर आप अपने जीवन में आत्मसात कर लेते है और ईमानदारी के साथ प्रतिदिन अभ्यास करते है। तब आप धीरे - धीरे बेहतरीन बनने लगते है। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम जी ने कहा था " सूरज की तरह अगर बनना है, तो सूरज की तरह जलना सीखो "। निरंतर अभ्यास की शक्ति से आपका कौशल निखरता है और आपका हर कदम धीरे - धीरे सफलता की ओर अग्रसित होने लगता है। 3. सीखे : असफलता सबसे बड़ी शिक्षक है.. क्युंकि जब आप असफलता से सीख लेते है और अपने गलतियों को सुधारते है। तब आप सफलता की ओर बढ़ते है। अभ्यास करते समय, विभिन्न प्रतियोगिताओं में हार इत्यादि सभी बहुत बड़ी सीख है। आपको हर असफलता से सीखना है। आपने जो गलतियां की.. उसे पुन : ना दोहराये। अपने गलतियों का गहराई से विश्लेषण करे। जीत के विश्लेषण से सबसे जरुरी है.. हार अर्थात असफलता का विश्लेषण करना। 4. रूचि एवं महत्व: भगवान हम सभी को इस दुनिया में सुकर्म करने के उद्देश्य से पृथ्वी पर जीवन देते है। मनुष्य होने के नाते हम सभी मुख्य उद्देश्य होना चाहिए.. सकारात्मक विचार के साथ उचित कर्म करते रहना। कर्म से ही हमारे चरित्र का गठन होता है।जब भी आप अपने पैशन पर कार्य करे.. तब पूर्ण ऊर्जा, उमंग एवं समर्पित भाव से करे। केवल अपने पैशन को ही नहीं अपने हर कार्य को आनंदित एवं रूचि के साथ करे। प्रदर्शन : किसी ने खूब कहा है " जो दिखेगा.. वह बिकेगा "। अपने पैशन केवल अपने तक सीमित ना रखे। केवल अपने घर के चार दीवारी तक सीमित ना रखे। आज हम सभी के पास इंटरनेट है, जिसका उपयोग करके हम अपने पैशन को आगे ले जा सकते है। # ब्लॉगिंग / वेबसाइट : अगर आपको लेखन में रूचि है.. तब आप खुद का वेबसाइट बनाकर अपने आर्टिकल पब्लिश कर सकते है। अपने सर्विस या प्रोडक्ट को सेल्लिंग करने से संबंधित वेबसाइट भी बना सकते है। # ऑनलाइन / ऑफलाइन : कोविड के दौरान एवं अभी भी विभिन्न ऑनलाइन कम्पटीशन का आयोजन हो रहा है। आप अपने पैशन से संबंधित विभिन्न कम्पटीशन में भाग ले सकते है। हर कम्पटीशन के माध्यम से आपको सीखने का अवसर मिलेगा। # सोशल मीडिया : विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग कर सकते है। जहाँ आप अपने पैशन से संबंधित वीडियो / फोटो अपलोड कर सकते है। लोगों के महत्वपूर्ण फीडबैक आपके लिए लाभप्रद हो सकता है। ऑनलाइन एवं ऑफलाइन के माध्यम से आप विभिन्न लोगों से जुड़ते है। आपका नेटवर्क मजबूत होता है। अनुराग ठाकुर जी ने कहा था - जितना मजबूत आपका नेटवर्क होगा.. आपका नेटवर्थ बढ़ेगा। इसलिए लोगों से जुड़े.. आपको अवसर मिलेगा। आशा करती हूं कि यह टिप्स आपके लिए अच्छा होगा। अच्छे से एवं ध्यान केंद्रित करके कार्य करे। एक दिन जीत जरूर मिलेगी.. आपको। धन्यवाद काजल साह

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