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05/08/2024 Kajal sah Awareness Views 336 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
हार

मन अब हार गया ना जाने अब क्यों दिल फिर स्वागत हंस नहीं पा रहा आँखों में नमी है दिल में दर्द, होठों पर सन्नाटा पुराने दर्दो ने एकबार फिर रुलाया है मुझे ना जाने क्यों मन हार गया। मेरी चाहतों को सबने दबाया है मेरी ख़ुशी को सबने भुलाया है मेरे हसीन ख़्वाब को बंद पिंजरे की तरह बनाया है अब मन हार गया है क्योंकि किसी अपने ने ही यह दर्द दिलाया है। अब मन एकबार फिर मुस्कुराया है मेरी उम्मीदों को किसी ने जगाया है एक कोशिश करने का साहस हौसला किसी ने जगाया है टूटे मन को फिर आगे बढ़ना सिखाया है अब मन एकबार फिर मुस्कुराया है। धन्यवाद काजल साह

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