मैं सुंदर पुष्प की डाली हूं !
न अनायास ही तोड़ो तुम !!
माना बिन पुष्प के खाली हूं !
पर कभी तो जिंदा छोड़ो तुम !!!
हर पुष्प हमीं से आते है !
हर पुष्प को प्यार हमरा है !!
माना मुझे जोड़ नहीं सकते !
पर बिना वजह ना तोड़ो तुम !!!
है हरियाली आती हमसे ;
हम है तो बस खुशहाली है !!
माना मेरी चिंता तुम्हे नही !
हम है तो जिंदा माली है !!
कभी तो समझो मोल मेरा !
हर साख मेरा अनमोल है !!
हम है तो जिंदा हर कोई है !
पर मुझे तो जिंदा छोड़ो तुम !!
है हरियाली के सूचक हम !
हर वक्त हरे दिख जाते है !!
ना कभी कमेगी हरियाली !
बस हरा भरा मत तोड़ो तुम !!
हर्ष मनस्वी !!! 🌻
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