नेचर हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण मित्र है, एवं हम नेचर के माध्यम से कितना कुछ सीख सकते है। नेचर या प्रकृति अध्यापिका की तरह है जो अपने अनमोल शिक्षा के माध्यन से हमारे जीवन के मोल को बढ़ा देती है। इसलिए नेचर इज़ अ बेस्ट फ्रेंड फॉर अस।
चलिए जानने की कोशिश करते है कि नेचर से हम क्या - क्या सीख सकते है :
1. पेड़ : जैसे कि हम जानते है पेड़ हमारे जीवन का सबसे अनमोल हिस्सा है। पेड़ - पौधे हमेशा हमें देंने का भाव सिखाती है। जिस प्रकार पेड़ हर मौसमों को दृढ़ पूर्वक सहते है, और किसी भी मौसम में घबराते नहीं है। और पेड़ से हम सहनशीलता के भाव को सीख सकते है।हमें अपने जीवन में देने का भाव एवं हमें सहनशीलता सीखना चाहिए।
मौसम : जिस प्रकार बरसात ऋतू हमेशा के लिए नहीं होता, ग्रीष्म ऋतू पुरे साल नहीं रहती। जिस प्रकार मौसम ऋतुओं के अनुसार बदलती रहती है, ठीक उसी प्रकार हमें अपने जीवन में अनुकूलशीलता का गुण लाना चाहिए। अगर हमारे जीवन में मुसीबत आती है तब हमें समस्याओं से घबराना नहीं है, बल्कि हमें मुसीबतों से सीखना एवं सीखें हुए अनुभव से हमें अपने जीवन में परिवर्तित करना होगा।
पत्थरों : जिस प्रकार पत्थर हर प्रतिरोधक से लड़ता है, ठीक उसी प्रकार पत्थरों से हम सीख सकते है, प्रतिरोधकता का गुण। जैसे कि हम जानते है जीवन चुनौतियाँ कक मेला है एवं इस चुनौतियों से हमें लड़ना है। इसलिए आपको भी एक मजबूत पत्थर बनना होगा। मुसीबतों से लड़ने के लिए एवं हर चुनौतियों से सिखने के लिए हमेशा तत्पर रहें।
नदी : जिस प्रकार जब नदी बहती है, तब वो स्वच्छ रहती है। और जब नदी एक स्थान पर रूकती है तब वो प्रदूषित हो जाती है। इसलिए हमें नदी से हमेशा बहते रहने का भाव सीखना चाहिए। नदी से संयम, शांति, प्रेम, गतिशीलता इत्यादि के अच्छे गुणों को सीखें। आपको कभी रुकना नहीं है बल्कि आपको हमेशा आगे बढ़ने का तत्परता रखना है।
मधुमक्खी :क्या आप मुझे बता सकते है? आप मधुमक्खी से क्या सीख सकते है? उत्तर है - मधुमक्खीयों अपने संसाधन का कैसे उपयोग करती है। हम हमेशा यह कहते है कि ईश्वर ने हमें कुछ दिया ही नहीं है। लेकिन अगर आपके पास जो भी संसाधान है आप उसका सही से उपयोग करके बहुत ऊंचाई तक पहुँच सकते है। लेकिन आपका माइंडसेट विकसित माइंडसेट की तरह है ही नहीं। इसलिये आप हमेशा खुद का दोष ना देकर परिस्थिति, समस्या इत्यादि को दोष देते है। जो गलत है। आप मधुमक्खी से सीखें उसके पास जो भी संसाधन रहता है वो उनका सही से उपयोग करते है।
सूर्य : ऊर्जा का सबसे बड़ा स्त्रोत है -सूर्य है। आप सूर्य से सीख सकते है- सिम्पलसिटी यानि जीवन में सरलता। सूरज बहुत सिंपल से परिपूर्ण रहता है। लेकिन अपनी गुणवत्ता से सभी को प्रेरित करते है। हमें सुरज से सादा जीवन के गुणों को सीखकर अपने जीवन में हमें अपनाना चाहिए।
बादल : क्याआप मुझे बता सकते है? कि हम क्या से हम क्या सीख है?बादलों से हम सीख सकते है, कि किसी प्रकार बादल शांत, बादल, शांत एवं धीर से अपने कसरयो को करते है ( धुप से लेकर छाया इत्यादि का गुण हमें हमेशा हमें अपने जीवन में हमें सीखना चाहिए। बादलों से आप परिवर्तन का गुण। हमेशा एक ही गुण, टैलेंट इत्यादि को सर्वपरी ना समझें बल्कि हमेशा अपने गुण को इनक्रीस करते रहें।
बारिश :आपको पता है यह छोटी -छोटी बून्द भी हमें बहुत कुछ सीख सकते है। आपको पता है हम बारिश से सीख सकते है - नवीकरण। जिस प्रकार बारिश अपने बून्द से हर प्रकृति स्थान पर शांत, मृदुल भाव, एवं रस घोल देती है। ठीक उसी प्रकार हर मनुष्य के पास गुण होते है एवं वे अपने गुणों से बहुत दूर तक आगे बढ़ सकते है। इसलिए अब बहाना को हटाए एवं निरंतता सफलता के मार्ग पर अग्रसर रहें।
फूल :क्या आपको फूल पसंद है? जी हाँ फूल हम सभी को अच्छा लगता है। फूल जिस प्रकार अपने सुंगन्ध से वातावरण को हरियाली से परिपूर्ण कर देती है। ठीक उसी प्रकार आप भी अपने गुणों की पहचान से बहुत दूर तक आगे बढ़ सकते है।इसलिए आप जिस गुण में अच्छे है उसमे निरंतर प्रयास करें साथ ही साथ फूलों से विशेषण की दिशा में ध्यान देना सीखें।आप जिस फील्ड में जाना चाहते है उस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अपने फील्ड से रिलेटेड अच्छे से जानकारी ले एवं अनुभव, कार्य एवं अपने मेहनत से अपने लक्ष्य को पाने के लिए जुट जाये। फूल हमें हमेशा सकारात्मक सोच, कार्य, इच्छाशक्ति एवं हमेशा प्यार करना सिखाती है।
चन्द्रमा :जिस प्रकार चन्द्रमा अपनी रौशनी से पुरे जहान को मुग्ध कर देती है। एवं चंदा मामा की कविता, कहानियां इत्यादि सभी बहुत चर्चित है। ठीक उसी प्रकार आप भी अपने स्किल्स चाँद की तरह चमकिये।
बर्ड : जिस प्रकार पक्षी अपने खुले पंखो से आसमन की उड़ान तय करते है। ठीक उसी प्रकार हमारे पास भी एबिलिटीज खुद को और आगे बढ़ने के लिए। आप उस पक्षी से सीखें उड़ान कैसे भरा जाता है। हमारे पास भले ही पँख नहीं है लेकिन हम अपने सोच, कार्य, और सकारात्मक शिक्षा से बहुत आगे बढ़ सकते है। इसलिए अपने नेगेटिव पंखो को फेक दें एवं सकारात्मक कार्य से आगे बढ़ें
यह प्रकृति माता से बहुत कुछ करें, क्युकी माँ हमें हमेशा देने का सुंदर भाव एवं आगे बढ़ने का भाव सिखाती है।
इसलिए प्रकृति के गुणों से सीखें एवं अपने जीवन में आगे बढ़ें।
धन्यवाद
काजल साह
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