कदम रुकते नहीं मेरे
मंजिल की ओर बढ़ते समय
सांसें थमती नहीं मेरी
कोशिश करते समय
गिरती हूँ, भटकती हूँ
झुकती हूँ, खोजती हूँ
पर हिम्मत नहीं टूट पाती मेरी
सपना नहीं टूट पाता मेरा
ताने मिलते है मुझे
सारे दर्द सह लेती हूँ
जिद्दी बनकर सबसे लड़ जाती हूँ
लोगों का कहना है कि
कोयला नहीं बन सकता हीरा
रगड़ा है जिसने खुद को
वो बन जाता कुदरत का हीरा
मेहनत करना है तबतक
जबतक कि पा ना लूं अपनी मंजिल
हौसला तोड़ेगे लोग पर
हिम्मत बुलंद रखनी है मुझे
जीवन के हर पथ पर लड़ना है मुझे
अपने संघर्ष से अपना
सपना पूरा करना है मुझे
कदम रुकते नहीं मेरे
मंजिल की ओर बढ़ते समय।
धन्यवाद
काजल साह
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