हम जिस प्रकार के व्यक्ति है, वही हमारा व्यक्तित्व है। अर्थात व्यक्तित्व किसी भी व्यक्ति की विशिष्ट पहचान है। हमारे विचार, भावना, व्यवहार, गुण एवं अवगुण इत्यादि सब हमारे व्यक्तित्व के प्रतीक है।
लेकिन जब हम दृढ़ लक्ष्य एवं नितांत अभ्यास के साथ हम अपने विचार, कार्य, व्यवहार, गुणों को मजबूत करने एवं अवगुणों को दूर करने का निरंतर अभ्यास करते है, जिससे हमारा व्यक्तित्व धीरे - धीरे निखरता और सशक्त बनने की दिशा की ओर उन्मुख होता है। नियमित अभ्यास और प्रयास से एक दिन हमारा व्यक्तित्व मजबूत एवं सशक्त बन जाता अर्थात एक स्ट्रांग पर्सनालिटी बन जाता है।
आज इस निबंध मैं आप सभी के साथ साझा करूंगी, कैसे हम अपने व्यक्तित्व का विकास कर सकते हैं? कैसे हम पर्सनालिटी को सभ्य, सशक्त एवं सुंदर बना सकते हैं?
1. खुद को जाने : व्यक्तित्व विकास करने की प्रक्रिया में सबसे पहला स्टेप है कि आप खुद का अवलोकन करें। अधिकांश लोगों के समय फ़िल्म से लेकर शॉपिंग करने का समय है, दोस्तों के साथ व्यर्थ क़ी बात करने का समय है लेकिन खुद के निरीक्षण के लिए समय नहीं है।
मानव जीवन में हमें अल्प समय एवं ऊर्जा मिला है। जीवन को सार्थकता एवं सौंदर्यपूर्ण बनाने के लिए हमें अपने व्यक्तित्व का विकास अत्यंत जरुरी है। व्यक्तित्व विकास करने की प्रक्रिया में पहला स्टेप है कि आप अपनी पसंद, नापसंद,अपनी कमजोरी, अपनी मजबूती इत्यादि के बारे में निरीक्षण करें। व्यर्थ के कार्यों में समय व्यय करने से जीवन धीरे - धीरर निरर्थकता की ओर बढ़ने लगता है।
सभ्य, सफल एवं सौंदर्य से परिपूर्ण व्यक्तित्व बनाने की प्रक्रिया में पहला स्टेप है कि आप अच्छे से खुद विश्लेषण करें।
2. पॉजिटिव आउटलुक : सकारात्मकता वह सुंदर महक है, जिससे सम्पूर्ण चरित्र सुगन्धित हो जाता है। खुद पर कार्य करने के दौरान आपको विभिन्न नकारात्मक विचारों से लेकर नकारात्मक लोगों से लड़ने में आपकी सकारात्मकता ही मदद करती है। अगर आप अपने व्यक्तित्व को विकसित करना चाहते है, तब हमेशा अपने सोच से लेकर अपने कार्य को हमेशा सकारात्मक रखें।अगर आप अपने व्यक्तित्व को सशक्त, सभ्य एवं सौंदर्य बनाना चाहते हैं? तब अपने जीवन से नकारात्मक विचार से लेकर नकारात्मक लोगों को जीवन से दूर करने अथक प्रयास करें।
सकारात्मक सोच को जीवन में आत्मसात करने के लिए अच्छे किताबों का चयन करें, सकारात्मक माहौल, सकारात्मक लोगों के साथ मित्रता करें। व्यक्तित्व विकास करने की प्रक्रिया में सकारात्मक सोच की बेहद ही महत्वपूर्ण भूमिका है। क्योंकि मनुष्य विचारों से निर्मित प्राणी है, जैसा वह सोचता वैसा ही बन जाता है।
अगर आप सकारात्मक पढ़ेंगे, तब सकारात्मक सोचेंगे और सकारात्मक कार्य करेंगे। इसलिए अपनी सोच को सशक्त एवं सकारात्मक बनाये।
3.बेस्ट : सोशल मीडिया पर अधिकांश लोग जो प्रदर्शित करते हैं।जैसे - कार, बड़े - बड़े घर, ड्रेस, हर्षपूर्ण जीवन पूर्ण रूप से ऐसा जीवन नहीं होता है। आज के अधिकांश लोग सोशल मीडिया पर अन्य लोगों से तुलना करके स्वयं को हीन भावना से देखते है या उनकी तरह बनने के लिए बहुत सारे धन खर्च कर देते है।
हमें यह समझने की नितांत आवश्यकता है कि हमें खुद का व्यक्तित्व विकास किसी अन्य को इम्प्रेस करने के लिए नहीं करना है, अपितु खुद का BEST VERSION बनने के लिए करना है।
खुद का best version बनने के लिए संचार कौशल, ज्ञान, कला इत्यादि पर प्रतिदिन कार्य करें। हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि हमारा कम्पटीशन किसी अन्य से नहीं है, हमारा कम्पटीशन खुद से। खुद की कमियों को दूर करने का नियमित रूप से हमें प्रयास करना है। नियमित रूप से जब हम अपनी कमजोरियों पर कार्य करते है और धीरे - धीरे हमारी कमजोरियां दूर हो जाती है। इसलिए नियमित और पूर्ण ध्यान के साथ खुद पर कार्य करें।
यह कुछ महत्वपूर्ण टिप्स है।अगले निबंध मैं आप सभी के इस निबंध का अगला भाग साझा करुँगी।
धन्यवाद
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