The Latest | India | [email protected]

2 subscriber(s)


D
28/04/2023 Dev Prakash Romance Views 165 Comments 0 Analytics Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
दर्द दिया है अश्रु स्नेह है

दर्द दिया है अश्रु स्नेह है बाती बैरिन श्वास है जल-जलकर बुझ जाऊँ मेरा बस इतना इतिहास है ! मैं ज्वाला का ज्योति-काव्य चिनगारी जिसकी भाषा किसी निठुर की एक फूँक का हूँ बस खेल-तमाशा पग-तल लेटी निशा भाल पर बैठी ऊषा गोरी एक जलन से बाँध रखी है साँझ-सुबह की डोरी सोये चाँद-सितारे भू-नभ दिशि-दिशि स्वप्न-मगन है पी-पीकर निज आग जग रही केवल मेरी प्यास है ! जल-जलकर बुझ जाऊँ मेरा बस इतना इतिहास है !!

Related articles

 WhatsApp no. else use your mail id to get the otp...!    Please tick to get otp in your mail id...!
 





© mutebreak.com | All Rights Reserved