बागो की कली सुंदर मुस्कान सी खिली तू मेरी अभिमान मैं तेरा शान। प्रियतम की ज्वाला दीप्ती मेरी हर आशा में तू चमकी सुंदर सा तेरा रूप जिसमें मैं हो जाता कुरूप। मोहिनी सी तेरी चाल जिसमें में हो जाता बेहाल किस्मत से मिली तू मुझे जिसमें मैं सिमट जाता हरबार। सौंदर्य सी मिली तू मुझे हमेशा तेरा गुणगान तेरे मधुरतम से मैं सुधा बन जाता हुँ। जीवन की मधुरता तेरे होने से हर मार्ग की ख़ुशलता तेरे होने से मैं प्यासा हुँ तू प्याला में भरी प्रेम की आशा तू। मधुर भावनाओं की काव्य जीवन की हर हास्य मेरी प्रेम की पूर्ण आस मेरी जीवन की पूर्ण उल्लास। धन्यवाद काजल साह : स्वरचित