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03/06/2023 Kajal sah Achievement Views 127 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
1.निबंध : सोशल मीडिया में मोदी जी का जलवा 2. मृदुभाषी बनिए
निबंध : सोशल मीडिया में मोदी जी का जलवा

 जब चारों तरफ आलोचक आलोचनाओं के बाण चला रहे हों तभी लोगों के दिलों में जगह बनाना मानो पहाड़ का सीना चीरकर दूध की नदी बहाना होता है। यह कारनामा प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी जी ने बखूबी किया। सच तो यह है कि जब आलोचक अपनी आलोचनाओं के बाण चला रहे हों, तो इंसान के अच्छे काम भी छुप जाते हैं तथा इंसान की नेगेटिव इमेज जनता के बीच पहुंचती है। इससे बचने का सबसे आसान तरीका यह है कि इंसान खुद अपनी पहुंच जनता तक बनाए तथा जनता तक अपना संदेश पहुंचाएं।
 इसके लिए सबसे अच्छा तरीका सोशल मीडिया है। इस समय सोशल मीडिया वह सबसे तेज साधन है जो लोगों को आपस में जोड़ता है। शुरू में ऑकुट बड़ा पॉपुलर हुआ करता था, फिर वर्ष 2005 में मार्क जुकरबर्ग ने फेसबुक शुरू किया तो सोशल मीडिया की सूरत ही बदल गई। आज यह दुनिया का सबसे बड़ा पॉपुलर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बन गया है।
 अपनी भावनाओं को उजागर करने का एक साधन ब्लॉगिंग है, जहां पर लोग अपनी भावनाओं को सार्वजनिक रूप से उजागर करते हैं। इसमें माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म  ट्यूटर हर तरफ छाया हुआ है।
 प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी ने जनता तक अपनी बात पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया को चुना। हालांकि प्रधान सेवक बनने के बाद उन्होंने रेडियो पर मन की बात नामक कार्यक्रम के जरिए जनता तक अपनी बात पहुंचाने की शुरुआत भी की। नरेंद्र मोदी के सोशल मीडिया का परिणाम है कि प्रधान सेवक मोदी के करोड़ों फॉलोअर्स ट्विटर पर है  , 4 करोड़ से ज्यादा लोग उनके फेसबुक अकाउंट से जुड़े हैं। वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की सोशल मीडिया मैनेजमेंट की बहुत ही बड़ी भूमिका रही।
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोशल मीडिया की रणनीतिक गतिविधियों के लिए ट्यूटर अभियान के बाद हिरेन ह जोशी मुख्य व्यक्ति थे, इन्होंने वर्ष 2008 में मोदी जी ने अपनी ऑनलाइन उपस्थिति को संभालने के लिए व्यक्तिगत रूप से चुना था। जोशी प्रतिष्ठित भारतीय संस्थान से पीएचडी है।
 चुनाव के लिए नरेंद्र मोदी की मजबूत सोशल मीडिया की उपस्थिति ने पार्टी के लिए बहुत काम किया, क्योंकि युवाओं ने देखा कि उनके प्रधानमंत्री फेसबुक, ट्यूटर और मोदी के ब्लॉक का उपयोग करने के लिए क्या कर रहे हैं। ट्विट्स ने राजनैतिक नेताओं के लिए बहुत मजबूत प्रभाव दिखाया।
 वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद प्रमुख वैश्विक नेताओं के साथ बातचीत के बाद नरेंद्र मोदी की यात्रा पहले जापान में ट्विट्स ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर सुनामी की चपेट में आना शुरू कर दिया था, लेकिन हीरेन जोशी के लेया अभी तक पीएम के बढ़ते डिजिटल प्रभाव की एक और पुष्टि थी।

धन्यवाद

निबंध : मृदुभाषी बनिए

 कहते हैं नम्र एवं मधुर भाषा से हम दुश्मन तक का दिल जीत सकते हैं। आज की बेटी कल की पत्नी और मां है। उसे एक नए संसार एवं घर परिवार का सृजन करना होता है। बेटी के रूप में मां-बाप का घर स्वर्ग बनाती है। परिवार में यदि मां गुणमयी है  तो बच्चे सद्गुणी होंगे। एक औरत कई परिवार बनाती है अतः नम्रता एवं सदाचार  लड़की का प्रथम गुण होना चाहिए। औरत ही घर को स्वर्ग या नर्क बनाती है। हमारी कटु एवं तीव्र वाणी से परिवार का माहौल गर्म होते देर नहीं लगती। नम्रता एक ऐसा गुण है जिससे आप अपने शत्रु को भी मित्र बना सकती है।
 नम्रता का अभिप्राय है  की बड़ी ही मधुर भाषा में नपे- तुले शब्दों में छोटे या बड़ों से अपनी बात कहना। सभ्यता एवं शिष्टाचार की परिधि को पार ना करना ही नम्र स्वभाव कहलाता है । बड़ी से बड़ी बात भी मधुर वाणी में कहीं जाए तो उसका प्रभाव बहुत जल्दी बहुत ज्यादा होता है। नम्रता दूसरों को जीतने की कला है। सभा का लचकीलापन ही नम्रता कहलाता है।
 जीवन में किसी से शत्रुता करना या बैर करना अपने विकास को रोकना है। कई लोग तो सारा जीवन अपने शत्रु के लिए जीते हैं। अपने बारे में सोचने का ज्ञान ही नहीं रहता और शत्रुता का अंत शत्रु के जीवन के साथ होता है। नम्र बन के शत्रु को अपना बना कर दोनों सुखी हो सकते हैं। पारिवारिक हिंसा सदा फूट डालती है, भेद-भाव बढ़ाती है। हिंसा पर नम्रता एवं प्यार से विजई पाई जा सकती है । जो दूसरों पर अत्याचार करता है वह अभागा है क्योंकि जब स्वयं उसको विपत्ति आती हैं तब उसके अपने भी उससे दूर भाग जाते हैं। भगवान ने हमें यह जीवन लड़ने -झगड़ने के लिए नहीं दिया। यह हम पर निर्भर है कि अपने वाणी से अपनों को बेगाना बना लेते हैं या अपनों को भी गैर बना देते हैं। घर परिवार का वातावरण सिर्फ औरत, पत्नी या मां पर निर्भर नहीं करता अपितु परिवार का प्रत्येक सदस्य एक दूसरे का सम्मान करें।

 एक-दूसरे  की भावनाओं की कद्र करते हुए नम्र भाव, सदभाव एवं मधु भाषी बने। कोई भी घर ईट सीमेंट से नहीं बनता बल्कि सजग एवं श्रेष्ठ इंसानों से बनता है। जो एक -दूसरे का ख्याल रखें, प्रेम करें, एक-दूसरे के काम आएँ। यदि हम नम्र है तो सभी हमें प्यार करेंगे, पसंद करेंगे। यदि हम कड़वे वचन बोलते हैं, उग्र हो जाते हैं, बात- बात तो क्रोधित हो जाते हैं तो अपना जीवन नर्क बना लेते हैं यह सब आपके हाथ में है।

धन्यवाद
                             

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