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29/01/2024 Kajal sah Bravery Views 356 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
भगवान राम जी...

भगवान राम जी जिन्होंने अपने कर्तव्य से हर लोगों को प्रेरित किया। प्रेम, करुणा, परोपकार, सत्य इत्यादि सीख भगवान राम जी ने मार्ग दिखाया।वीरान अयोध्या आज उत्साह, उमंग से भरा हैं। आज पुरे भारत में जन - जन में ख़ुशी छायी है। आज मैं आपको बताने वाली हूँ कि आप राम के जीवन से क्या - क्या सीख सकते है। वास्तव राम जी के जीवन हर मार्ग पर करणा, प्रेम, कर्तव्यपूर्ण, उत्साह सीखने को मिलता है। भगवान राम के जीवन अनमोल सीखें : 1. कर्म: हर धर्म (हिन्दू, मुस्लिम,सिख इत्यादि ) की महत्वपूर्ण सीख है कर्म। हर मनुष्य को अपना कर्म लीनता, मेहनत से करना चाहिए। सकारात्मक कर्म में वह शक्ति है, जिससे हम मानसिक, ह्रदय, नैतिक रूप से मजबूत बनते है। इसलिए हमें हमेशा अपने जीवन कर्तव्य को ईमानदारी से करके सदगुणों को आत्मसात करना चाहिए। 2. काइंडनेस : मनुष्य होने के नाते मनुष्य का सबसे बड़ा गुण काइंडनेस होता है। लेकिन इस कलयुग में मनुष्य ने अपने इस गुण का विनाश कर लिया है.. इसके स्थान पर नफ़रत, क्रूरता इत्यादि अवगुण को अपने जीवन में आत्मसात करके अंधकारमयी अपने जीवन को बना लिया है। अगर कलयुग में राम जी की मूर्ति एवं मंदिर की स्थापना होती है। तब इस राम राज्य में हमें अवगुणों को त्याग करके सदगुणों को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। भगवान राम जी ले जीवन में दया सबसे बड़ी सीख है। गाँधी जी के शब्दों में प्रेम से किसी को भी बदला जा सकता है, अगर नहीं बदल रहा है.. तब प्रेम की अग्नि के आँच में कमी है। मानवीय गुण (प्रेम, दया, सहानुभूति, परोपकार )इत्यादि इन गुणों को कभी भी भूलना नहीं चाहिए। सम्मान : छोटे से बड़े हर व्यक्ति का महत्व है। लेकिन जब हमारे अंदर अहं घर कर जाता है। तब हम स्वयं को श्रेष्ठ समझकर अन्य को सम्मान नहीं देते। भगवान राम जी जिनके पास अपार शक्ति, अपार सौंदर्य, अपार वैभव था.. लेकिन उनके अंदर अहं भाव यानि अंहकार जैसे अवगुण नहीं थे। राम जी सहनशीलता, प्रेम, दया, सत्यवादी है। उन्होंने हर व्यक्ति को महत्व दिया। मेरे सर भी कहते है दुनिया में सभी का महत्व है। जीवन में अहंकार को दूर कीजिये सभी को सम्मान दीजिये। क्युकी जब आप सम्मान देते है, तब आपको सम्मान मिलता है। अल्प जीवन में नफ़रत, घृणा, क्रोध, अहंकार का त्याग करके जीवन को प्रेम, उत्साह, उल्लास के साथ जिए। 3. धैर्य : धैर्य कमजोरी नहीं शक्ति की निशानी है। यह हमने राम जी के कहानियों में बहुत सुंदर तरिके से देख लिया है।सफलता के प्रमुख सूत्रों में धैर्य बहुत महत्वपूर्ण है। अगर आप अपने लक्ष्य तक पहुंचना चाहते है, तब आप निरंतर मेहनत कीजिये,आने वाले अवसर का उपयोग कीजिये.. आपको आपके मेहनत का फल शीघ्र ही नहीं मिल जाएगा.. आपको धैर्य की शक्ति को आत्मसात करके जीवन में आगे बढ़ना होगा। धैर्य की शक्ति कभी भी आपको हारने नहीं देगी। कहते है ना मैदान में हारा हुआ व्यक्ति फिर से जीत सकता है.. लेकिन मन से हारा हुआ व्यक्ति नहीं। अपने कमजोर मन को धैर्य की शक्ति से मजबूत करे.. और जीवन में आगे बढ़े। एक दिन जरूर जीत आपकी होगी..। धैर्य कभी भी अवरोध नहीं धैर्य अवसर है। धैर्य की शक्ति को सकारात्मक रूप में आत्मसात करे। धैर्य से ही आप जीवन के हर बड़े -बड़े समस्याओं से लड़ सकते है। फैमिली : अत्यधिक धन अर्जित करने का अर्थ यह नहीं है कि अपने परिवारजन को ही भूल जाए। जब राम जी 14 वर्ष के बाद अपने घर लौटे तब उनके चेहरे पर रौनक़, स्नेह, अपनत्व का भाव अत्यंत खूबसूरती से प्रकट हो रहा था। फैमिली वह शक्ति है, जब भी आप बुरे समय में, नकारात्मक में रहते है तब उनके साथ से आपके अंदर नयी उमंग, नई ऊर्जा और उत्साह आ जाता है। हम अपने जीवन में जितना भी शौर्य, नाम कमा ले लेकिन अपने परिवार को कभी नहीं भूलना चाहिए। उनके कारण ही से हम दुनिया देख पाए.. इसलिए हमारा उद्देश्य यह होना चाहिए कि उनके दुनिया को कैसे स्नेहता,सौंदर्य से पूर्ण बनाया जाए। सत्य की राह : हाँ माना सत्य की राह कठिन है.. लेकिन जीवन को वास्तविकता से जीने का मूल मन्त्र सत्य है।अगर आप इस कलयुग में सत्य को अपने जीवन में आत्मसात करके अपने जीवन को जीते है, तब आप राम जी के एक अच्छे अनुयायी हो सकते है। राम जी के जीवन से अनमोल सीख.. सत्य की राह अडिगता से चलना। सत्य की शक्ति से आप कठिन परिस्थिति से लड़ पाते है। जीवन को ईमानदारी से जी पाते है। माँफ : क्या आप अपने मृत्यु के बाद भौतिकता के सारे साधन लेकर जाएंगे? उत्तर है नहीं। हम अपने संग कुछ भी लेकर नहीं जाते। हम केवल अपने अच्छे कर्मो से सीख या अपना बुरा अस्तित्व बनाकर जाते है। इस अल्प जीवन में नफ़रत, गुस्सा, अंहकार जैसे अवगुण को त्याग करके क्षमा, स्नेह, करुणा के गुणों को आत्मसात करे.. तब ही आप जीवन को सच्चे अर्थो में जी पायेंगे।अपने गलती को स्वीकार करके मांफी मांग ले और दूसरों के गलती को भी माँफ करके जीवन में आगे बढ़े। यकीन मानिये ऐसे करने से आप बहुत ख़ुशी, शांति महसूस करेंगे। इसलिए फॉरगेट और फोरगिवेनेस को अपने जीवन का शक्ति बनाये। समय : समय परिवर्तनशील है। अच्छे समय हमारे अंदर अंहकार, नफरर, द्वेष इत्यादि अवगुण आ जाते है। इसलिए वह समय भी जल्दी गुजर जाता है.. अच्छे समय में कभी भी अपने जीवन में अवगुणों (नफ़रत, घृणा, द्वेष इत्यादि )को शामिल ना करे। अच्छे समय सब के लिए अच्छा सोचे और अच्छा करे। एक सकारात्मक माइंडसेट ही आपको जीवन में आगे बढ़ने हेतु प्रेरित करता है। आपके हिम्मत, मेहनत, दृढ़ संकल्प की शक्ति को बढ़ाता है। हमेशा सकारात्मक माइंडसेट के आगे बढ़े। सेल्फ :अनुशाशन और सेल्फ कण्ट्रोल में वह शक्ति है, जिससे आप स्वयं के मन को जी सकते है। विवेकानंद जी के शब्दों में यूनिवर्स की सारी शक्तियां हमारे पास है लेकिन एक हम ही है जो इन हाथों से अपने आँखों को बंद कर लिया है... और कहते है कि कितना अंधेरा है.. कितना अंधेरा। आप जीवन में सफलता के हर पल को उपभोग कर सकते है जब आप अपने ज्ञान इन्द्रियों पर विजय पाकर जीवन को अनुशासन की शक्ति से आत्मसात करे। आपको रोजाना सेल्फ कण्ट्रोल और अनुशासन का प्रयास करना है। राम जी अल्प आयु में इसलिए अत्यधिक ज्ञान अर्जित कर पाए, क्युकी उन्होंने अपने जीवन में सेल्फ कण्ट्रोल और अनुशासन की शक्ति को आत्मसात किया। हमें भी जीवन में आगे बढ़ने हेतु सेल्फ कट्रोल और आत्मानुशासन की शक्ति को आत्मसात करना होगा। यह अनमोल सीख राम जी के जीवन से प्राप्त हुआ है। अपने जीवन को भौतिकता से अध्यात्मिक शक्ति की ओर लाये। क्युकी अध्यात्मिक वह शक्ति है, जिससे आप अपने स्वयं पर विजय पाकर स्वयं में सद्गुणों का संचार कर सकते है। राम जी के जीवन को सीख को अपने जीवन में लाकर कुशलता, प्रेम और करुणा से अपने जीवन को जिए। धन्यवाद काजल साह

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