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18/03/2025 Parvati Kumari Story Views 95 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
मीरा की मुस्कान

अजय के बड़े भाई रोहित के अचानक निधन ने पूरे परिवार को गहरे शोक में डाल दिया। उनकी पत्नी, मीरा पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा, और उनका दिल टूट चुका था। मीरा की आँखों में आँसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। अजय भी अपने भाई को खोने के दर्द में डूबा हुआ था, लेकिन उसके मन में एक और चिंता घर कर गई थी—मीरा और उसके छोटे भतीजे का भविष्य। समय बीतता गया, लेकिन मीरा की मुस्कान जैसे कहीं खो गई थी। अजय ने देखा कि परिवार में मीरा की स्थिति कमजोर होती जा रही थी। उसके भतीजे को भी अपने पिता की कमी महसूस हो रही थी। अजय का दिल एक अजीब सी जिम्मेदारी का एहसास करने लगा। उसने अपने आप से सवाल किया, "क्या मैं मीरा और उसके बच्चे का सहारा बन सकता हूँ? क्या यह सही होगा?" यह सवाल उसके दिल में उथल-पुथल मचाने लगे। एक दिन, अजय ने इस बारे में अपनी मां से बात की। उसने पूछा, "मां, क्या यह गलत होगा अगर मैं मीरा का सहारा बनूँ? क्या समाज हमें गलत समझेगा?" उसकी मां ने चुपचाप उसकी बात सुनी और कहा, "बेटा, मीरा हमारी बहू है और हमने उसे बेटी की तरह अपनाया है। यदि तुम्हारी इस पहल से मीरा और उसके बच्चे का भविष्य सुरक्षित हो सकता है, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। हमें अपने परिवार की भलाई के लिए सही कदम उठाना चाहिए, चाहे समाज कुछ भी कहे।" अजय ने मां की बातों को समझ लिया। एक दिन वह मीरा के पास गया और धीरे से कहा, "मीरा, मैं जानता हूँ कि रोहित का स्थान कोई नहीं ले सकता। लेकिन मैं चाहता हूँ कि तुम और तुम्हारा बच्चा इस परिवार में सुरक्षित और खुश रहो। अगर तुम मेरे साथ एक नई शुरुआत करने को तैयार हो, तो मैं तुम्हारा साथ देने के लिए हमेशा यहाँ हूँ।" मीरा ने उसकी आँखों में सच्चाई और सम्मान देखा। उसने कुछ देर सोचा और फिर कहा, "अजय, यह निर्णय हमारे लिए आसान नहीं है, लेकिन अगर इससे मेरे बच्चे का भविष्य सुरक्षित होता है, तो मैं तैयार हूँ।" समाज में लोगों ने इस रिश्ते को लेकर अपनी राय दी, कुछ ने इसे गलत बताया, तो कुछ ने सही। लेकिन अजय और मीरा ने परिवार की भलाई के लिए एक नया रास्ता चुना। उनकी शादी का मकसद केवल एक नया रिश्ता नहीं, बल्कि मीरा और उसके बच्चे का भविष्य सुरक्षित करना था। यह कहानी हमें यह सिखाती है कि रिश्तों की परिभाषा सिर्फ समाज की मान्यताओं से नहीं, बल्कि जिम्मेदारियों और सच्ची नीयत से भी तय होती है। कभी-कभी हमें समाज की परवाह न करते हुए सही निर्णय लेना पड़ता है, ताकि अपनों का भविष्य सुरक्षित और खुशहाल हो सके। 💖

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