महिला उत्पीड़न हमारे देश की एक बहुत बड़ी समस्या बन चुकी है जहा भारत दुनिया के शीर्ष देशो के पायदान पर खड़ा है वही इसी भारत में महिलाये आज भी बराबरी के हक़ के लिए कानूनी लड़ाईयाँ लड़नी पड़ रही है | जिस देश में महिलाओ को अपने हक़ की आजादी ना मिले उस देश का विकास सदैव अधूरा ही रहता है | आज भी महिलाओ की स्थति में कुछ ज्यादा सुधार नहीं आया है आज भी हमारे देश में अनेक प्रथाओ व् कुरूतियो के आधार पर महिला का उत्पीड़न किया जाता है | कहने को तो हमारे देश में महिलाओ के अधिकारों व् उनकी सुरक्षा के लिए ढेरो कानून बने हुए है लेकिन आज भी स्वतंत्र भारत में ऐसी कई जगह है जहाँ महिलाओ को पशु के सामान समझा जाता है जिस तरह पशु की खरीद फरोख्त की जाती है उसी तरह इन जगहों पर भी महिलाओ वह मासूम लडकीयो की खरीद फरोख्त की जाती है | भारत के मध्यप्रदेश राज्य के शिवपुरी में महिलाओ व लडकीयो के बेचान की मंडी लगती है जहाँ इनको 10 रूपये से लेकर 100 रूपये तक के स्टाम्प पर बेचा जाता है | आपको शायद ये बात सुनकर आश्चर्य जरूर होगा लेकिन ये बात एकदम सत्य है | यहाँ के लोग इस कुकर्त्य को धड़ीचा प्रथा कहते है | इन स्टाम्प पेपरों पर महिलाओ की जिन्दगी के फैसले हो जाते है जितनी रकम खरीदार दुवारा अदा की जाती है उसी के आधार पर महिला के उस आदमी के साथ रहने के दिन तय किये जाते है जो इन स्टाम्प पेपरों पर कॉन्ट्रैक्ट किये जाते है | कॉन्ट्रैक्ट में तय समय के बाद महिला वापिस आ जाती है तथा फिर से यही प्रक्रीया दौराही जाती है | सबसे बड़ी बात तो ये है की इस अनैतिक काम के बारे में कई लोगो ने आवाजे उठाई है लेकिन सरकारे है जो अपने वोट बैंक के कारण आँखे मूढ़े हुए है |