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25/08/2023 Sanjukta Mukhi Bravery Views 338 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
ये 1857 के वो महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हैं जिनके सर काटकर अंग्रेजों ने इनके पिता के आगे पेश किए थे....

तस्वीर में बहादुर शाह ज़फ़र के दो युवा बेटों मिर्ज़ा जवां बख़्त (बाएं) और मिर्ज़ा शाह अब्बास (दाएं) को देखा जा सकता है, अंग्रेजी क़ैद में शहज़ादों की ये तस्वीर 1858 से 1860 के बीच मे ली गई है... ... बाद में इन्हीं शहज़ादों को अंग्रेजों ने खूनी दरवाज़े के पास क़त्ल करके इनके सर कटवा कर बहादुर शाह जफर के सामने ला रखे थे.... इन्हीं दो शहज़ादों की "कुरूपता" का आज कुछ मूर्ख लोग मज़ाक़ उड़ाते हैं.... वैसे क्या बात इन सुंदर नौजवानों को कुरूप दिखाती है इनकी ब्राउन स्किन ?? शुरुवाती कैमरे यूरोपीय लोगों की सफेद त्वचा के रंग को कैप्चर करने के लिए बने थे, तब अलग अलग त्वचा रंगों के अनुसार कैमरे को एडजस्ट करने की तकनीक नही थी, इसीलिए शुरुवाती समय में खींची गई तस्वीरों में भारतीयों का रंग अमूमन बेहद काला नज़र आता है, जबकि वास्तव में हम भारतीय गेंहुए और सांवले होते हैं, उतने काले नही जितने 19वीं सदी की तस्वीरों में नज़र आते हैं तो ये शहज़ादे वास्तव में सांवले और गेंहुए रंग के थे, और साँवला और गेहुआँ रँग कुरूप नही होता, .... कुरूप तो काला रंग भी नही होता, पर कैमरे के बारे में एक तथ्य जो आप नही जानते होंगे, वो मैंने बताना जरूरी समझा ! . .... दूसरी बात इन शहज़ादों की फोटो अंग्रेजी कैद में खींची गई है, शहज़ादों को आप हुलिया व्यवस्थित करने की सुविधा नही दी गई, उनके बाल बिखरे और रूखे हैं, उनके कपड़े बहुत साधारण हैं, जिस्म पर कोई भी राजसी चिन्ह नही रहने दिया गया है, एक दो वर्षों के संघर्ष और क़ैद की कड़ी परिस्थितियों में उनके शरीर भी दुबले पतले हो चुके हैं..... ऐसे में अच्छे अच्छों की सुंदरता मिट जाती है, .... लेकिन इसके बावजूद इन कुम्हलाए चेहरों पर वतन के लिए शहीद हो जाने के जज़्बे का जो तेज, जो तजल्ली है.... उसके आगे सारी सुंदरताएँ फेल हैं.... . .... सोचकर देखिये, ये कोमल चेहरे कभी फूलों के बिस्तर पर सोते थे, और फिर एक दिन क्रूर अंग्रेजों ने इनके सर काट दिए, इसलिए क्योंकि ये देश की गरीब जनता की मांग पर अंग्रेज विरोधी क्रांति के अगुवा बने थे..... चाहते तो अंग्रेजों की चाटुकारी करके अपना जीवन बचा सकते थे, ....लेकिन वो शहीद हुए, आपके और मेरे देश की आज़ादी के लिए

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