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17/10/2023 Kajal sah Bravery Views 266 Comments 0 Analytics Video Hindi DMCA Add Favorite Copy Link
ईश्वर पर भरोसा और अपने मेहनत पर भरोसा रखिये।

अगर आपको जीवन में आगे बढ़ना चाहते है, तब आपको भगवान जी को अपना परम मित्र जरूर बनाना चाहिए। क्युकी भगवान की महिमा में जो अपार शक्ति, अपार दया, अपार प्रेम है, जिससे आपको आगे बढ़ने हेतु प्रेरणा मिलेंगी। कुछ लोगों कहते है कि ईश्वर नहीं होते है, एवं वे ईश्वर पर भरोसा नहीं करते है।हमें ऐसा नहीं सोचना चाहिए, क्युकी पुरे विश्व को संचालित करने वाले सुप्रीम लार्ड है। जो सबसे श्रेष्ठ, सबसे व्यापक है। आज मैं आपको यह बताने वाली हूं, कि ईश्वर पर भरोसा रखने से हमें क्या - क्या प्राप्त होता है। चलिए जानते है एवं सीखते है। शांति : जब हम भगवान पर भरोसा, अपने कार्यों पर भरोसा और अपनी मेहनत पर भरोसा करने लगते है, तब हमें आंतरिक शक्ति प्राप्त होने लगती है। हमारे मन में किसी के प्रति बुरी बातें, बुरे विचार इत्यादि का हम त्याग करने लगते है एवं मानसिक रूप से स्वस्थ्य महसूस करते है। इसलिए भरोसा कीजिये भगवान जी पर आपके जरूर साथ देंगे। समस्या : आज मनुष्य छोटे से समस्या में बहुत परेशान हो जाते है। क्युकी उनमें आत्मज्ञान का अभाव रहता है। वे किसी समस्या का निवारण नहीं कर पातें, एवं स्वयं को ही या दूसरे को दर्द देने लगते है। लेकिन जब हम ईश्वर पर भरोसा रखते है तब भगवान जी हमें मार्ग बताते है - समस्याओं से लड़ने के लिए, indirect रूप से वे हमें मुसीबतों से लड़ने के लिए सही पथ पर चलने के लिए अग्रसर करते है। उद्देश्य : जीवन व्यर्थ है, अगर जीवन में उद्देश्य नहीं है। जब हम ईश्वर की आराधना करते है, तब हम अपने जीवन के उद्देश्य को तराशने लगते है। और एक समय बाद ईश्वर की कृपया से हमें अपने जीवन के सही उद्देश्य की प्राप्ति हो जाती है। भगवान कभी भी अपने भक्त के लिए बुरा नहीं चाहते है - वे हमेशा भक्तों के लिए सुखमय, उद्देश्यपूर्ण जीवन चाहते है। स्ट्रेस : आपको पता है मैं जुलाई 2023 को पश्चिचम बंगाल का सबसे शांति पूर्ण स्थान - मायापुर गई थी। सुबह का सफऱ शाम के खत्म तक हुआ। कुछ months से परेशान थी, लेकिन जब मैंने वहां की आरधना, प्रभु का याद एवं उनकी महिमा को याद किया तब मन को एक अलग सा, प्रिय सा स्नेह प्राप्त हुआ एवं स्ट्रेस का अंत हो गया। अगर हम भगवान की आराधना करते है तब हमारे जीवन में शांति एवं स्ट्रेस कम होने लगता है। एक समय बाद जीवन से स्ट्रेस, डर, नफरत, घृणा इत्यादि का पुरे तरीके से अंत हो जाएगा। दया :अगर मैं पहले वाली काजल और आज के वर्तमान की काजल को देखती हूं, तो अंतर है। अब धीरे - धीरे दया, करूणा एवं अन्य की गलतियों को मैं तुरंत माफ़ कर देती हूं। यह सब ईश्वर की कृपया के कारण ही हुआ है। जब ईश्वर की भक्ति करते है तब हमारे अंदर दया, क्षमा, प्रेम, त्याग, करुणा, साहस इत्यादि के अच्छे भाव आते है। मैं : अहं एक ऐसा भावना है - जो हमारे अस्तित्व को खत्म कर सकती है। अधिकांश लोग कहते है - यह मेरा है, मेरा घर, मेरा पैसा इत्यादि। अहं भाव से हमारा केवल नुसकान ही होता है।लेकिन जब हम ईश्वर की आरधना करते है तब अहं भाव का अंत एवं हम की भावना उत्पन्न होती है। भारत देश विभिन्न धर्म है लेकिन सभी एक उद्देश्य है - मनुष्य सत्यकर्म, सत्यवचन, एवं सत्यआरधना करें। जब हम ईश्वर की भक्ति करते है तब हमारे लिए केवल हम नहीं, हमारा परिवार ही हमारा जीवन नहीं होता है, अपितु ईश्वर की भक्ति से हम पुरे समुदाय को अपना मानने लगते है। सकारात्मक :जब हम सच्चे मन से ईश्वर की आरधना करते है तब हमारे जीवन से नकारात्मकता का अंत होने लगता है। हम नजरिया सकारात्मक पहलुओं की ऒर अग्रसर होता है, हम अच्छा सोचते है, हम अच्छा करते है एवं अपने जीवन में अच्छे बातों का अनुसरण करते है। यह तब हो सकता है - जब ईश्वर की भक्ति सच्चे दिल से करते है। आशा : जीवन में आशा की हर नई किरण ईश्वर हमारे जीवन में लाते है। जब हमारा विश्वास टूटने लगता है, तब ईश्वर हमारे अंदर विश्वास का आशा जगाते है। हमारे निराशा का अंत करके हमारे जीवन में आशा का पँख ईश्वर ही लगाते है। धन्यवाद : हर दिन ईश्वर को ध्यानवाद करे, वो हर वस्तुओं के लिए, हर ख़ुशी के लिए, वो हर सदगुणों के लिए, वो हर व्यक्ति के लिए जो ईश्वर ने आपको दिया है। देने : मैंने एक पुस्तक में पढ़ा था, यश बाँटने बढ़ता है,विचार बाँटने से विचार और विस्तृत होता है। जब हम ईश्वर की भक्ति करने लगते है तब हमारे अंदर देने की प्रबल इच्छा उत्पन्न होती है। हमारे पास भले ही कम लेकिन हम उसे भी खुशी से दान करने लगते है जब ईश्वर की शरण में आते है। हेअल्थी : आपको पता है आध्यात्मिक में इतनी अपार शक्ति है, जिससे हमारा मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य दोनों कुशल मंगल होता है। ईश्वर की प्राथर्ना करने से मन को शांति, मैडिटेशन करने से तन और मन दोनों को शांति एवं लालच, माया, गुस्सा, नफरत इत्यादि का हम त्याग करने लगते है। भगवान पर भरोसा रखिये, भले ही आपको लग रहा होगा कि भगवान ने हमें हमेशा मुझे दुख में ही रखा है, लेकिन याद रखिये अगर भगवान आपकी परीक्षा ले रहे है, एवं आपको उस परीक्षा में जीत कर आना है।ईश्वर पर भरोसा, अपने कार्य पर और दृढ़ संकल्प पर भरोसा आपको जरूर ही जीत की प्राप्ति होगी। हार कभी ना माने बल्कि जीत का हार पहने का प्रयास करें। धन्यवाद काजल साह

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